सरगुजा : कृषि प्रधान प्रदेश छत्तीसगढ़ में विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं. लेकिन खेती की कुछ फसलें ऐसी भी हैं जिनमे मुनाफा अधिक है. अब भी छत्तीसगढ़ में लोग फूलों की खेती की बात नहीं करते. आज हम आपको उस शख्स से मिलवाने जा रहे हैं. जिसने सरगुजा संभाग में फूलों की खेती शुरू कर एक क्रांति लाई. जिसके बाद यहां बहुत से लोग फूल की खेती से लाभ कमा रहे हैं. हम बात कर रहे हैं अजबनगर में रहने वाले किसान गोविंद विश्वास कि, जिन्होंने उत्तरी छत्तीसगढ़ में पहली बार फूलों की खेती शुरू की और आज फूलों की खेती में मुनाफे के साथ शोहरत भी कमा रहे हैं.
सात से आठ लाख रुपये सलाना कमाते हैं गोविंद
गोविंद बताते हैं कि वो भी परंपरागत खेती करते थे. लेकिन लाभ उतना नहीं होता था. जिस कारण उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. लेकिन करीब 16 वर्ष पहले वो अपने ससुराल कोलकाता गये हुये थे. वहां उन्होंने देखा कि बड़े पैमाने पर लोग फूलों की खेती करते हैं. गोविंद ने भी 1 हजार पौधे वहां से लिये और सरगुजा आ गये. लेकिन अनुभव ना होने के कारण सारे पौधे सरगुजा तक लाने में खराब हो गए, सिर्फ 120 पौधे ही जीवित बचे थे. लेकिन जब उन 120 पौधों से गोविंद विश्वास ने 36 हजार रुपये कमाये तो उनको समझ आ गया कि, ये खेती फायदे की है और फिर वो रुके नहीं लगातार अलग-अलग फूलों की खेती करते रहे और आज फूलों की खेती से उनकी सालाना आय 7 से 8 लाख रुपये है.
SPECIAL: बारूद की गंध के बीच बंजर जमीन पर महक रहा है गेंदा, फल-फूल रहे किसान
गोविंद फूलों के पौधे भी बेचते हैं
गोविंद विश्वास सिर्फ फूल नहीं बल्कि फूलों के पौधे भी बेचते हैं. इसकी डिमांड राज्य के हर शहर में है. शासकीय एजेंसियां भी गोविंद से ही प्लांट खरीदती हैं. छत्तीसगढ़ के इस फ्लावर मैन को राज्यपाल, मुख्यमंत्री, समेत तमाम मंत्रियों ने सम्मानित किया है. इंदिरा गांधी कृषि महाविद्यालय द्वारा भी इन्हें सम्मनित किया गया है. इनके गांव में इंदिरा गांधी कृषि महाविद्यालय ने इन्हे अनुसंधान परियोजना से जोड़ते हुए एक बोर्ड लगा दिया है. गोविंद 4 हजार से अधिक किसानों को फूलों की खेती के लिये प्रशिक्षण भी दे चुके हैं. गोविंद रेडियो स्टेशन में कृषि के कार्यक्रमों में भी बतौर गेस्ट शामिल होते हैं. गोविंद रेडियो के माध्यम से किसानों को फूलों की खेती की जानकारी देते हैं.
कभी देखा है 7 फीट का बैंगन का पौधा, 1 साल में देता है एक क्विंटल उत्पादन
गोविंद ने जिमिकांदा की नई वैरायटी खोजी
छत्तीसगढ़ की वर्तमान सरकार गौठान बनाकर उसमें तरह-तरह की खेती कर रही है. उसी दिशा में जिमि कांदा की भी खेती कई गौठान में की जा रही है. गजेंद्र वैरायटी का जिमीकंद गौठान में लगाया गया है और इसका बीज गोविंद विश्वास ने ही हार्टिकल्चर विभाग को दिया है. हालही में राजस्थान के झुंझनू से जिमीकंद के बीज का ऑर्डर गोविंद को मिला है. जिसे राजस्थान भेजने की कवायद में गोविंद वयस्त थे. बहरहाल गोविंद बताते हैं कि, फूलों की खेती शरू करने से पहले उनकी आर्थिक हालत ठीक नहीं थी. कच्चे का घर था, साइकिल थी. अब 9 कमरों का बड़ा पक्का मकान है. गाड़़ियां और तमात चीजे हैं. इसलिए गोविंद किसानों को भी फूल की खेती से जुड़ने की अपील करते हैं. उनका कहना है कि, आप अपनी परंपरागत खेती बन्द ना करें उसके साथ थी थोड़ी सी जमीन में फूल लगाएं, आपको फायदा खुद समझ आ जाएगा.