सरगुजा: मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोविड वार्ड में अब परिजनों के जाने पर रोक लगा दी गई है. वार्ड में फैल रही अव्यवस्था और बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने प्रवेश पर रोक लगा दी है. ऐसे में अस्पताल से संक्रमण के बाहर आने और कम्युनिटी स्प्रेड का भी खतरा बढ़ जाता है. जिसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सख्त निर्णय लिया है. गुरुवार पुलिस की सहायता से बड़ी संख्या में मरीज के परिजनों को कोविड वार्ड से बाहर निकाला गया. इसके साथ ही अब जबरन वार्ड में घुसने वालों पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं.
बीमार-बुजुर्ग की सहायता के लिए जाते थे परिजन
दरअसल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ बड़ी संख्या में उनके परिजन भी आते हैं. परिजन वार्ड के अंदर ही घुसकर संक्रमित मरीज की देखभाल करते थे. वार्ड में बीमार-बुजुर्ग की सहायता के लिए परिजनों को आने-जाने की छूट मिली हुई थी, जिस पर अब रोक लगा दी गई है. कोरोना वार्ड से निकलकर ये लोग घर चले जाते थे. लोगों से मिलने के साथ ही सामान खरीदने-बेचने का काम भी कर रहे थे. जिससे कम्युनिटी स्प्रेड का खतरा बना हुआ था. प्रशासन ने इसी लापरवाही को देखते हुए अब कोरोना वार्ड में परिजनों के आने-जाने पर पूरी तरह रोक लगा दी है. अब वार्ड में किसी भी मरीज के साथ अटेंडेंट को रखने की छूट नहीं होगी. मरीज की देखभाल की जिम्मेदारी खुद अस्पताल प्रबंधन की होगी.
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नियम तोड़ने वालों पर होगी एफआईआर
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अतिरिक्त किसी भी निजी अस्पताल में मरीज के पास परिजनों को जाने की अनुमति नहीं है. सिर्फ शासकीय अस्पताल में ही लोग अपनी मनमानी कर लेते हैं. यही वजह है कि संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है. हालांकि गुरुवार को प्रशासन ने वार्ड में मौजूद सभी परिजनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे, हालांकि बाद में समझाइश के बाद मामले को शांत करा लिया गया. अब भविष्य में जबरन वार्ड में प्रवेश करने वालों पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं.
लारपवाही के लगते हैं आरोप
परिजन अस्पताल प्रबंधन पर मरीजों की सही ढंग से देखभाल नहीं करने कs आरोप लगाते रहते हैं. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के कर्मचारी मरीज को समय पर भोजन, पानी, दवा नहीं देते हैं, जिसके चलते परिजनों को देखभाल के लिए अंदर जाना पड़ता है. कई बार अस्पताल के अंदर व्याप्त अव्यस्थाओं को मरीज के परिजन सार्वजनिक भी करते रहते हैं. मरीजों की देखभाल और उपचार को लेकर शुरू से ही गंभीर आरोप लगते रहे हैं. इस संबंध में अस्पताल अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने बताया कि वार्ड के अंदर किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश करने नहीं दिया जा सकता है. संक्रमित वार्ड में जाने से संक्रमण फैलने का खतरा रहता है. यह पूर्ण रूप से कंटेनमेंट जोन है. परिजनों को समझाइश देकर बाहर किया गया है, लेकिन भविष्य में नियम तोड़ने वालों पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.