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सरगुजा: मुस्लिम भाइयों ने मनाई ईद-मिलादुन्नबी, मांगी अमन चैन की दुआ

जिले में हर साल की तरह इस साल भी मुस्लिम भाइयों ने सद्भावपूर्ण और शांति से ईद-मिलादुन्नबी मनाया.

मुस्लिम भाइयों ने मनाई ईद-मिलादुन्नबी
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Published : Nov 10, 2019, 11:46 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा: पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मदिवस के मौके पर कोटा मुस्लिम-समुदाय सहित आस-पास इलाके के मुस्लिम भाइयों ने हर साल की तरह इस साल भी सद्भावपूर्ण और शांति से ईद-मिलादुन्नबी मनाया.

मुस्लिम भाइयों ने मनाई ईद-मिलादुन्नबी

जगह-जगह मुस्लिम समाज के लोगों ने लंगर का इंतजाम किया. मस्जिदों को आकर्षक लाइटों से रंग-बिरंगी रोशनियों से सजाया. मोहम्मद के जन्मदिवस की तैयारी हिंदुस्तान के मुस्लिम समुदाय सहित विश्व के इस्लामिक देशों में बारह-रबी-अव्वल की तैयारी 3-दिन पहले से ही शुरू कर दी जाती है.

पढ़ें- सूरजपुर में हाथियों का आतंक, 1 महीने में 6 की मौत, प्रशासन मौन

मोहम्मद इस्लाम धर्म के आखरी नबी थे. मौलाना सागीर वसीम अली ने बताया कि, 'मोहम्मद साहब मजहबे-ए-इस्लाम के अव्वल व आखिरी नबी हैं, मोहम्मद-मुस्तुफा के बाद मजहबे-ए-इस्लाम में अब कोई भी पैगम्बर कयामत तक नहीं आएगा.'

सरगुजा: पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मदिवस के मौके पर कोटा मुस्लिम-समुदाय सहित आस-पास इलाके के मुस्लिम भाइयों ने हर साल की तरह इस साल भी सद्भावपूर्ण और शांति से ईद-मिलादुन्नबी मनाया.

मुस्लिम भाइयों ने मनाई ईद-मिलादुन्नबी

जगह-जगह मुस्लिम समाज के लोगों ने लंगर का इंतजाम किया. मस्जिदों को आकर्षक लाइटों से रंग-बिरंगी रोशनियों से सजाया. मोहम्मद के जन्मदिवस की तैयारी हिंदुस्तान के मुस्लिम समुदाय सहित विश्व के इस्लामिक देशों में बारह-रबी-अव्वल की तैयारी 3-दिन पहले से ही शुरू कर दी जाती है.

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मोहम्मद इस्लाम धर्म के आखरी नबी थे. मौलाना सागीर वसीम अली ने बताया कि, 'मोहम्मद साहब मजहबे-ए-इस्लाम के अव्वल व आखिरी नबी हैं, मोहम्मद-मुस्तुफा के बाद मजहबे-ए-इस्लाम में अब कोई भी पैगम्बर कयामत तक नहीं आएगा.'

Intro: सरगुजा : पैगंबर-ए-इस्लाम मोहम्मद साहब के यौमे विलादत(जन्मदिवस)के अवसर पर कोटा मुस्लिम-समुदाय के कोटा-जमात सहित आसपास इलाके के मुस्लिम भाइयों के द्वारा हर साल की तरह इस साल भी बड़ी ही अजीमोशान-शानो शौकत व पूरे अकीदत-शांतिपूर्ण, सदभाव तरीके से ईद-मिलादुन्नबी का त्यौहार मनाया गया, बारह रबी-अव्वल-के महीने की चांद की दीदार होने के बाद से ही चांद के 01 तारीख से मुस्लिम-समुदायों के द्वारा जश्ने-ईद मिलादुन्नबी मोहम्मद साहब के जन्मदिवस की तैयारी शुरू कर देते हैं, जगह-जगह मुस्लिम समाज के लोगो द्वारा फातिहा लंगर का इंतजाम किया जाता है, मस्जिदों को आकर्षक लाइटों से रंग-बिरंगी रौशनियों से सजाया जाता है, मोहम्मद साहब के जन्मदिवस की तैयारी हिंदुस्तान के मुस्लिम समुदाय सहित विश्व के इस्लामिक देशों में बारह-रबी-अव्वल की तैयारी 3-दिन पहले से ही शुरू कर दी जाती है, मोहम्मद साहब इस्लाम धर्म के आखरी नबी थे, वैसे कुरान-हदीस की रौशनी में उलेमा-इकराम(मौलाना) ने बताया कि मोहम्मद साहब मजहबे-ए-इस्लाम के अव्वल व आखिरी नबी हैं, मोहम्मद-मुस्तुफा के बाद मजहबे-ए-इस्लाम में अब कोई भी पैगम्बर ता-कयामत तक नही आएगा।Body:बाइट 01 मौलाना सागीर
वसीम अली Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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