रायपुर/ सरगुजा: छत्तीसगढ़ में बारिश का दौर जारी है. यहां के कई जिलों में मूसलाधार बारिश हो रही है. लेकिन राज्य के कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां बारिश नहीं हुई है. सरगुजा संभाग में बारिश नहीं होने से सूखे का संकट बढ़ गया है. इसके अलावा प्रदेश के 9 जिलों की 28 तहसीलों में 1 अगस्त 2022 की स्थिति में 60 प्रतिशत से कम औसत बारिश हुई है. इनमें 8 तहसीलें ऐसी हैं जहां 40 फीसदी से भी कम बारिश हुई है. ऐसी तहसीलों में फसलों का नजरी आकलन कराकर सूखा घोषित करने एक हफ्ते के अंदर प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया गया है. छत्तीसगढ़ में मानसून के कमजोर पड़ने और राज्य के उत्तरी हिस्से के जिलों विशेषकर सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर, जशपुर में अल्पवर्षा के चलते खरीफ की बुआई प्रभावित हुई है.
छत्तीसगढ़ में कम बारिश वाले क्षेत्रों में सूखे की आशंका, सीएम भूपेश ने दिए निर्देश
कम बारिश वाली तहसीलें: (60 प्रतिशत से कम बारिश)
- सरगुजा जिले की अंबिकापुर, मैनपाट और सीतापुर
- सूरजपुर जिले की लटोरी
- बलरामपुर जिले की बलरामपुर, कुसमी और वाड्रफनगर
- जशपुर जिले की दुलदुला, जशपुर, पत्थलगांव, सन्ना, कुनकुरी और कांसाबेल
- रायपुर जिले की रायपुर, आरंग
- कोरिया जिले की सोनहत
- कोरबा जिले के दर्री
- बेमेतरा जिले की बेरला
- सुकमा जिले की गादीरास और कोण्टा तहसील
कम बारिश वाली तहसीलें: (40 प्रतिशत से कम बारिश)
- सरगुजा जिले की लुण्ड्रा, दरिमा,बतौली
- सूरजपुर जिले की प्रतापपुर, बिहारपुर
- बलरामपुर जिले की शंकरगढ़, रामानुजगंज, राज
सरगुजा संभाग में हालात खराब: सरगुजा संभाग से मेघ रूठ गये हैं. इस वर्ष सरगुजा संभाग में 60 फीसद से भी कम वर्षा हुई है. ऐसे में कृषि प्रधान सरगुजा में अकाल पड़ने की संभावना दिख रही है. किसान बेहद चिंतित हैं. नहर के नजदीक और ट्यूबवेल वाले किसान किसी तरह से थोड़ा-बहुत फसल लगा ले रहे हैं, लेकिन ज्यादातर खेत सूखे पड़े हैं. जिन किसानों ने धान की नर्सरी लगाई थी. अब उस नर्सरी को रिप्लान्ट करने के लिये जमीन सूखी हुई है. यानी कि किसान बर्बादी के कगार पर है.
ये है खेतों की स्थिति: ईटीवी भारत की टीम सरगुजा के खेतों में पहुंचे. खेत में नहर बनी हुई है लेकिन नहर के पानी से भी किसानों के खेत की सिंचाई नहीं हो पा रही है. अम्बिकापुर, लखनपुर विकासखंड की सीमा पर किसान बेहद चिंतित दिखे. किसान सरकार से पानी मांग रहे हैं. अब सरकार बारिश तो करा नहीं सकती, लेकिन किसानों को राहत देने को सूखाग्रस्त घोषित करने की कवायद शुरू कर चुका है.
9 जिले 28 विकासखंड सूखा: मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश के 9 जिलों के 28 विकासखंड में कम बारिश की वजह से स्थिति के आंकलन के लिये नजरी आंकलन के निर्देश दिये हैं. जिनमें सबसे अहम सरगुजा संभाग है क्योंकि 9 में से 5 जिले सरगुजा के ही हैं. जहां बारिश औसतन बेहद कम हुई है. फिलहाल शासन के जारी आदेश में सरगुजा जिले की लखनपुर और उदयपुर विकासखंड को सूखे की श्रेणी में नहीं माना गया है. जबकि सम्पूर्ण जिले में ही इस वर्ष बारिश बेहद कम हुई है. ऐसे में किसान बेहद चिंतित हैं.
सूखाग्रस्त संभावित क्षेत्र: जिन क्षेत्रों को सूखाग्रस्त संभावित मानकर सरकार ने सर्वे करने के निर्देश दिए हैं, उनमें सरगुजा जिले से लुंड्रा, दरिमा, बतौली, अम्बिकापुर, मैनपाट और सीतापुर तहसील शामिल है. सूरजपुर जिले से प्रतापपुर, बिहारपुर और लटोरी तहसील, बलरामपुर जिले की शंकरगढ़, रामानुजगंज, राजपुर, बलरामपुर, कुसमी, वाड्रफनगर तहसील, जशपुर जिले से जशपुर, दुलदुला, पत्थलगांव, सन्ना, कुनकुरी और कांसाबेल, रायपुर जिले में रायपुर और आरंग तहसील, कोरिया जिले में सोनहत तहसील, कोरबा जिले में दर्री तहसील, बेमेतरा जिले में बेरला, सुकमा जिले में गादीरास और कोंटा तहसील को सूखाग्रस्त घोषित करने के लिये सरकार सर्वे करा रही है.
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नहर भी बंद: इस विषय में किसान कहते हैं कि "बारिश हो नहीं रही. महीने में एक दिन पानी गिरता है. धान की नर्सरी बड़ी हो गई है लेकिन जमीन सूखी है. उसको रोपा नहीं जा सकता है. नहर भी बंद पड़ी है. नहर में पानी नहीं आ रहा है. जिसका खेत नहर के पास है. वहां तो ठीक है, लेकिन बाकी जगह सूखे पड़े हैं."
पहले भी जताई थी संभावना: बता दें कि भारत ने पहले ही किसानों की स्थिति और सरगुजा संभाग में बारिश की स्थिति की पड़ताल की थी. इस पड़ताल में भी किसानों ने बताया था कि खेत इतने सूख गये हैं कि खेत मे दरार पड़ रही है. किसानों ने खेती को लेकर चिंता जाहिर की थी. कम बारिश के वजह से सूखे की संभावना जताई थी. लेकिन अब सरकार ने भी इस दिशा में सर्वे शुरू करा दिया है. देखना यह है कि आखिर सरगुजा में अकाल की संभावना से सरकार कैसे निपटेगी?