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सरगुजा: भाजपा-कांग्रेस को कहीं भारी न पड़ जाए मसीही और उरांव समाज की अनदेखी

भाजपा और कांग्रेस दोनों ने गोंड समाज से चुना प्रत्याशी. माना जा रहा है कि पार्टी ने जातिगत समीकरण को साधने ये कदम उठाया है

कलेक्टर परिसर
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Published : Mar 27, 2019, 2:43 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा: भाजपा और कांग्रेस दोनों ने सरगुजा संसदीय सीट से अपने-अपने प्रत्याशियों के नामों का एलान कर दिया है. दोनों ही प्रत्याशी गोंड समाज से हैं, जिससे माना जा रहा है कि पार्टी ने जातिगत समीकरण को साधने ये कदम उठाया है. हालांकि पार्टी के नेता यह मानने को तैयार नहीं हैं.

वीडियो


इधर, जातिगत समीकरण में जहां मसीही समाज के वोट कांग्रेस के परंपरागत माने जाते हैं, तो वहीं इन वोट की न उम्मीदी से उरांव समाज के योग्य उम्मीदवार प्रबोध मिंज को भाजपा ने टिकट नहीं दिया. उधर मसीही समाज के उम्मीदवार और अंबिकापुर नगर निगम के महापौर अजय तिर्की ने भी कांग्रेस से टिकट मांगा था, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें मौका नहीं दिया.


पार्टियों ने किया जातिगत समीकरण से इंकार
पार्टियों ने भले ही इसे जातिगत समीकरण को मानने से इंकार कर रही है, लेकिन सच्चाई तो यही है. सरगुजा से और भी कई नाम प्रबल दावेदारी में थे. कांग्रेस ने गोंड जनजाति के खेलसाय सिंह को और भाजपा ने रेणुका सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है, लेकिन चुनाव में राष्ट्रीय दलों को यह गलती भारी न पड़ जाए, क्योंकि संख्या बल में उरांव समाज का वोट इस लोकसभा में सबसे अधिक है.


उरांव समाज बना रही रणनीति
सरगुजा में कुल पौने तीन लाख उरांव मतदाता हैं. बताया जा रहा है कि उरांव समाज में मसीही समाज के नेता अपने-अपने दल से उपेक्षित होने के बाद अलग रणनीति बना रहे हैं. हालांकि रणनीति किस बात की बन रही है ये अभी स्पष्ट नहीं है. हालांकि एक तस्वीर में भाजपा नेता प्रबोध मिंज और जशपुर की कुनकुरी सीट से विधायक यूडी मिंज को चाय पर चर्चा करते देखा जा रहे हैं.


भाजपा का दामन छोड़ सकते प्रबोध मिंज
बताया जा रहा है कि यह पूरी चर्चा इसी विषय पर थी, कयास यह भी लगाए जा रहा है कि प्रबोध मिंज अब भाजपा का दामन छोड़ सकते हैं. बता दें कि प्रबोध मिंज ने विधानसभा चुनाव में भी सरगुजा की लुंड्रा विधानसभा से टिकट मांगा था और तब भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी थी. तब लोकसभा में टिकट देने का आश्वासन देकर उन्हें मनाया गया था, लेकिन लोकसभा में भी ठगे जाने के बाद संभावना है की प्रबोध सहित कई मसीही नेता भाजपा का दामन छोड़ सकते हैं.


लेकिन अभी ये नहीं कहा जा सकता कि वो कांग्रेस के साथ हो सकते है, क्योंकि मसीही समाज से ही जशपुर में रहने वाले रिटायर्ड आईएएस सर्जियस मिंज ने कांग्रेस से लोकसभा टिकट मांगी थी, लेकिन उन्हें भी निराशा ही हाथ लगी थी. लिहाजा खबर है की मसीही समाज दोनों ही पार्टियों से खफा चल रहे हैं.

सरगुजा: भाजपा और कांग्रेस दोनों ने सरगुजा संसदीय सीट से अपने-अपने प्रत्याशियों के नामों का एलान कर दिया है. दोनों ही प्रत्याशी गोंड समाज से हैं, जिससे माना जा रहा है कि पार्टी ने जातिगत समीकरण को साधने ये कदम उठाया है. हालांकि पार्टी के नेता यह मानने को तैयार नहीं हैं.

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इधर, जातिगत समीकरण में जहां मसीही समाज के वोट कांग्रेस के परंपरागत माने जाते हैं, तो वहीं इन वोट की न उम्मीदी से उरांव समाज के योग्य उम्मीदवार प्रबोध मिंज को भाजपा ने टिकट नहीं दिया. उधर मसीही समाज के उम्मीदवार और अंबिकापुर नगर निगम के महापौर अजय तिर्की ने भी कांग्रेस से टिकट मांगा था, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें मौका नहीं दिया.


पार्टियों ने किया जातिगत समीकरण से इंकार
पार्टियों ने भले ही इसे जातिगत समीकरण को मानने से इंकार कर रही है, लेकिन सच्चाई तो यही है. सरगुजा से और भी कई नाम प्रबल दावेदारी में थे. कांग्रेस ने गोंड जनजाति के खेलसाय सिंह को और भाजपा ने रेणुका सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है, लेकिन चुनाव में राष्ट्रीय दलों को यह गलती भारी न पड़ जाए, क्योंकि संख्या बल में उरांव समाज का वोट इस लोकसभा में सबसे अधिक है.


उरांव समाज बना रही रणनीति
सरगुजा में कुल पौने तीन लाख उरांव मतदाता हैं. बताया जा रहा है कि उरांव समाज में मसीही समाज के नेता अपने-अपने दल से उपेक्षित होने के बाद अलग रणनीति बना रहे हैं. हालांकि रणनीति किस बात की बन रही है ये अभी स्पष्ट नहीं है. हालांकि एक तस्वीर में भाजपा नेता प्रबोध मिंज और जशपुर की कुनकुरी सीट से विधायक यूडी मिंज को चाय पर चर्चा करते देखा जा रहे हैं.


भाजपा का दामन छोड़ सकते प्रबोध मिंज
बताया जा रहा है कि यह पूरी चर्चा इसी विषय पर थी, कयास यह भी लगाए जा रहा है कि प्रबोध मिंज अब भाजपा का दामन छोड़ सकते हैं. बता दें कि प्रबोध मिंज ने विधानसभा चुनाव में भी सरगुजा की लुंड्रा विधानसभा से टिकट मांगा था और तब भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी थी. तब लोकसभा में टिकट देने का आश्वासन देकर उन्हें मनाया गया था, लेकिन लोकसभा में भी ठगे जाने के बाद संभावना है की प्रबोध सहित कई मसीही नेता भाजपा का दामन छोड़ सकते हैं.


लेकिन अभी ये नहीं कहा जा सकता कि वो कांग्रेस के साथ हो सकते है, क्योंकि मसीही समाज से ही जशपुर में रहने वाले रिटायर्ड आईएएस सर्जियस मिंज ने कांग्रेस से लोकसभा टिकट मांगी थी, लेकिन उन्हें भी निराशा ही हाथ लगी थी. लिहाजा खबर है की मसीही समाज दोनों ही पार्टियों से खफा चल रहे हैं.

Intro:सरगुजा : भाजपा और कांग्रेस ने सरगुजा संसदीय सीट के लिये अपने अपने प्रत्याशियों का एलान कर दिया है, और दोनों ही प्रत्याशी गोंड़ समाज से हैं, भले ही पार्टी के नेता यह मानने को तैयार नही हैं की जातिगत समीकरण को साधने के लिये यह टिकट दी गई हैं, पर सच्चाई तो यही है, वरना सरगुजा से और भी कई नाम प्रबल दावेदारी में थे, लिहाजा गोंड़ जनजाति के खेल साय सिंह को कांग्रेस ने और रेणुका सिंह को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है,

इधर जातिगत समीकरण में जहाँ मसीही समाज के वोट कांग्रेस के परंपरागत माने जाते हैं तो वहीं इन वोट की नाउम्मीदी की वजह से उरांव समाज के योग्य उम्मीदवार प्रबोध मिंज को भाजपा ने टिकट नही दिया उधर कांग्रेस से भी मसीही समाज के उम्मीदवार अम्बिकापुर नगर निगम के महापौर डॉ अजय तिर्की भी टिकट मांग रहे थे लेकिन कांग्रेस ने उन्हें मौका नही दिया और एक बार फिर वही पुराना जातिगत कार्ड खेला है, लेकिन इस चुनाव में इन दोनों ही राष्ट्रीय दलों को यह गलती भारी ना पड़ जाये, क्योंकी संख्या बल में उरांव समाज का वोट इस लोकसभा में सबसे अधिक है, पौने तीन लाख उरांव मतदाता हैं और माना जा रहा है की उरांव समाज मे मसीही समाज के नेता अपने अपने दल से उपेक्षित होने के बाद अलग रणनीति बना रहे हैं। हालांकी रणनीति किस बात की बन रही है यह स्पष्ठ नही हो पा रहा है, लेकिन सूत्र कुछ उठापटक होने के संकेत देते हैं, हालही की एक तशवीर हमारे पास आई जिसमे भाजपा नेता प्रबोध मिंज और जशपुर की कुनकुरी सीट से विधायक यूडी मिंज चाय पर चर्चा करते देखे जा रहे हैं, बताया जा रहा है की यह पूरी चर्चा इसी विषय पर थी, कयास यह भी है की प्रबोध मिंज अब भाजपा का दामन छोड़ सकते हैं। हालाकी प्रबोध मिंज ने विधानसभा चुनाव में भी सरगुजा की लुंड्रा विधानसभा से टिकट मांगा था और तब भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी थी, और लोकसभा के आश्वासन पर उन्हें मनाया गया था, लेकिन लोकसभा में भी ठगे जाने के बाद संभावना है की प्रबोध सहित कई मसीही नेता भाजपा का दामन छोड़ सकते हैं। ऐसे में वो कांग्रेस के साथ जाएं यह भी नही कहा जा सकता क्योकी मसीही समाज से ही सर्जियस मिंज जशपुर में रहने वाले रिटायर्ड आईएएस ने कांग्रेस से लोकसभा टिकट मांगी थी और उन्हें भी सफलता नही मिली लिहाजा खबर है की मसीही समाज दोनों ही दलों से खफा चल रहा है, और ऐसे मे अगर स्तीफों का दौर चल पड़ता है तो यह एक नया सियासी भूचाल होगा।

इस खबर की महत्वपूर्ण फोटो मेल की गई है।

पीटीसी - देश दीपक गुप्ता सरगुजा


Body:सरगुजा : भाजपा और कांग्रेस ने सरगुजा संसदीय सीट के लिये अपने अपने प्रत्याशियों का एलान कर दिया है, और दोनों ही प्रत्याशी गोंड़ समाज से हैं, भले ही पार्टी के नेता यह मानने को तैयार नही हैं की जातिगत समीकरण को साधने के लिये यह टिकट दी गई हैं, पर सच्चाई तो यही है, वरना सरगुजा से और भी कई नाम प्रबल दावेदारी में थे, लिहाजा गोंड़ जनजाति के खेल साय सिंह को कांग्रेस ने और रेणुका सिंह को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है,

इधर जातिगत समीकरण में जहाँ मसीही समाज के वोट कांग्रेस के परंपरागत माने जाते हैं तो वहीं इन वोट की नाउम्मीदी की वजह से उरांव समाज के योग्य उम्मीदवार प्रबोध मिंज को भाजपा ने टिकट नही दिया उधर कांग्रेस से भी मसीही समाज के उम्मीदवार अम्बिकापुर नगर निगम के महापौर डॉ अजय तिर्की भी टिकट मांग रहे थे लेकिन कांग्रेस ने उन्हें मौका नही दिया और एक बार फिर वही पुराना जातिगत कार्ड खेला है, लेकिन इस चुनाव में इन दोनों ही राष्ट्रीय दलों को यह गलती भारी ना पड़ जाये, क्योंकी संख्या बल में उरांव समाज का वोट इस लोकसभा में सबसे अधिक है, पौने तीन लाख उरांव मतदाता हैं और माना जा रहा है की उरांव समाज मे मसीही समाज के नेता अपने अपने दल से उपेक्षित होने के बाद अलग रणनीति बना रहे हैं। हालांकी रणनीति किस बात की बन रही है यह स्पष्ठ नही हो पा रहा है, लेकिन सूत्र कुछ उठापटक होने के संकेत देते हैं, हालही की एक तशवीर हमारे पास आई जिसमे भाजपा नेता प्रबोध मिंज और जशपुर की कुनकुरी सीट से विधायक यूडी मिंज चाय पर चर्चा करते देखे जा रहे हैं, बताया जा रहा है की यह पूरी चर्चा इसी विषय पर थी, कयास यह भी है की प्रबोध मिंज अब भाजपा का दामन छोड़ सकते हैं। हालाकी प्रबोध मिंज ने विधानसभा चुनाव में भी सरगुजा की लुंड्रा विधानसभा से टिकट मांगा था और तब भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी थी, और लोकसभा के आश्वासन पर उन्हें मनाया गया था, लेकिन लोकसभा में भी ठगे जाने के बाद संभावना है की प्रबोध सहित कई मसीही नेता भाजपा का दामन छोड़ सकते हैं। ऐसे में वो कांग्रेस के साथ जाएं यह भी नही कहा जा सकता क्योकी मसीही समाज से ही सर्जियस मिंज जशपुर में रहने वाले रिटायर्ड आईएएस ने कांग्रेस से लोकसभा टिकट मांगी थी और उन्हें भी सफलता नही मिली लिहाजा खबर है की मसीही समाज दोनों ही दलों से खफा चल रहा है, और ऐसे मे अगर स्तीफों का दौर चल पड़ता है तो यह एक नया सियासी भूचाल होगा।

इस खबर की महत्वपूर्ण फोटो मेल की गई है।

पीटीसी - देश दीपक गुप्ता सरगुजा


Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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