ETV Bharat / state

हसदेव अरण्य को बचाने के लिए विशेष ग्राम सभा बुलाने की मांग

author img

By

Published : May 27, 2022, 12:18 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

हसदेव अरण्य क्षेत्र और उसके जंगलों को बचाने की मांग तेज हो गई है. सरगुजा और कोरबा के सरहदी इलाके के लोग सरकार के फैसले के खिलाफ हैं. वह किसी भी सूरत में यहां कोयला खनन की अनुमति नहीं देना चाहते हैं. हर हाल में हसदेव अरण्य के जंगलों को लोग बचाना चाहते हैं

Call special Gram Sabha to save Hasdeo Aranya
हसदेव अरण्य क्षेत्र

सरगुजा : हसदेव अरण्य बचाने के लिए कौन सा राजनीतिक दल किस पाले में खड़ा है. ये समझ पाना थोड़ा मुश्किल है. कौन जंगल के साथ है और कौन कॉरपोरेट के साथ है. यह बेहद पेचीदा सवाल आज बन चुका है. क्योंकि एक तरफ केंद्र में बैठी भाजपा सरकार कोल ब्लॉक की अनुमति देती है तो वहीं दूसरी ओर सरगुजा में भाजपा नेता कोल ब्लॉक का विरोध करते हैं. इसी के उलट प्रदेश में बैठी कांग्रेस की सरकार भी हसदेव बचाने की मुहिम पर चुप्पी साधे हुई है.



कौन किसके साथ यह समझ पाना मुश्किल: जबकि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी मदनपुर में चौपाल लगाकर लोगों से जंगल बचाने का वादा करके गये थे. तब प्रदेश में उनकी सत्ता नहीं थी. लेकिन आज है. अब हालही में कैम्ब्रिज में भी राहुल गांधी से इस मसले पर प्रश्न हुये हैं. उन्होंने आश्वासन दिया है लेकिन पर्यावरणीय स्वीकृति के लिये प्रदेश के वन विभाग के अधिकारियों ने ही रिपोर्ट बनाई जिस रिपोर्ट के आधार पर पर्यावरणीय स्वीकृति मिली. अब सरगुजा में कांग्रेस हसदेव बचाओ आंदोलन के साथ खड़ी दिख रही है. ऐसे में कौन किसके साथ और कौन किसके खिलाफ ये कहना मुश्किल हो रहा है.



दोबारा ग्राम सभा बुलाने की मांग: कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्यों ने हसदेव अरण्य क्षेत्र अंतर्गत कोयला उत्खनन के लिए प्रस्तावित ग्राम हरिहरपुर,साल्ही और फतेहपुर में ग्रामीणों के विरोध के मद्देनजर पूर्ण कोरम के साथ विशेष ग्रामसभा बुलाने की मांग की है. जिपं सदस्यों ने कलेक्टर को ज्ञापन प्रेषित कर कहा है कि उदयपुर विकासखंड के फतेहपुर,साल्ही तथा हरिहरपुर के ग्रामीण कोयला खदान खोलने का विरोध कर रहे हैं.



ग्राम सभा में हसदेव अरण्य पर नहीं हुई चर्चा: जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंह देव आंदोलनरत ग्रामीणों से मिलकर स्थिति से अवगत हुए थे. ग्रामीणों का कहना है कि उपरोक्त ग्रामों में कोयला उत्खनन के लिए ग्रामसभा से जिस अनुमति की बात कही जाती है. वह संदेहास्पद है. ग्रामीणों का कहना है कि 28 अगस्त 2017 को ग्राम फतेहपुर, 24 जनवरी 2018 को हरिहरपुर एवं 27 जनवरी 2018 को हुए ग्राम सभा में कोयला उत्खनन हेतु अनुमति पर कोई चर्चा नहीं हुई थी.

ये भी पढ़ें: हसदेव अरण्य पर सवालों में कहां घिरे राहुल गांधी ?



नहीं हो रही सुनवाई: इसे ग्राम सभा के बाद दस्तावेज में शामिल किया गया है, जो कि अवैध है. इसी वजह से पूरे क्षेत्र में असंतोष और आक्रोश का वातावरण निर्मित हो रहा है. इसे लेकर ग्रामीण उदयपुर से रायपुर तक पदयात्रा कर राज्यपाल से अपनी बात रख चुके हैं. थाने में एफआईआर सहित सभी उचित मंच पर अपनी बात रखने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.गौरतलब है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में इस क्षेत्र को वन्यजीवों के विचरण एवं श्रेष्ठतम पर्यावरणीय स्थितियों के कारण "नो गो एरिया" घोषित करते हुए यहां भविष्य में कोयला उत्खनन पर रोक लगा दिया गया था. आंदोलनरत ग्रामीणों का कहना है कि खदान के विरोध में जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. वह प्रभावित गांव के निवासी हैं,जबकि खदान का समर्थन करने वाले उन्हें दूसरे क्षेत्र का निवासी बताते हैं.


विशेष ग्राम सभा का आयोजन : इस संबंध में जिला पंचायत के सामान्य प्रशासन की बैठक में विस्तृत चर्चा हुई है। जिला पंचायत सदस्यों ने सर्वसम्मति से तय किया है कि हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोल उत्खनन के विषय पर ग्रामीणों का मत जानने के लिए पूर्ण कोरम के साथ विशेष ग्राम सभा का आयोजन उक्त ग्राम पंचायतों के सभी ग्रामों में हो ताकि एक-एक परिवार का स्पष्ट मत सामने आ सके. ऐसा करने से कोयला खदान को लेकर समस्त ग्राम वासियों की मंशा स्पष्ट होगी.

ये भी पढ़ें: हसदेव अरण्य मामले में राहुल के आदेश का हम करेंगे पालन: रविंद्र चौबे

पंचायतों के अधिकार का हो सम्मान: जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंह देव कहा है कि " त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था तभी सुदृढ़ हो सकेगी जब पंचायतों के अधिकार का सम्मान होगा. संविधान में ग्राम सभा को दिये अधिकारों के अनुकूल कार्रवाई हो और उनके फैसले का सम्मान किया जाए. त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के अनुसार ग्राम सभा को ये अधिकार है कि वह अपने क्षेत्र में कोयला उत्खनन हेतु अनुमति देना चाहते हैं अथवा नहीं यह तय कर सकें. जिला पंचायत सदस्यों ने इस सम्बंध में तत्काल कार्रवाई का आग्रह किया है.

सरगुजा : हसदेव अरण्य बचाने के लिए कौन सा राजनीतिक दल किस पाले में खड़ा है. ये समझ पाना थोड़ा मुश्किल है. कौन जंगल के साथ है और कौन कॉरपोरेट के साथ है. यह बेहद पेचीदा सवाल आज बन चुका है. क्योंकि एक तरफ केंद्र में बैठी भाजपा सरकार कोल ब्लॉक की अनुमति देती है तो वहीं दूसरी ओर सरगुजा में भाजपा नेता कोल ब्लॉक का विरोध करते हैं. इसी के उलट प्रदेश में बैठी कांग्रेस की सरकार भी हसदेव बचाने की मुहिम पर चुप्पी साधे हुई है.



कौन किसके साथ यह समझ पाना मुश्किल: जबकि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी मदनपुर में चौपाल लगाकर लोगों से जंगल बचाने का वादा करके गये थे. तब प्रदेश में उनकी सत्ता नहीं थी. लेकिन आज है. अब हालही में कैम्ब्रिज में भी राहुल गांधी से इस मसले पर प्रश्न हुये हैं. उन्होंने आश्वासन दिया है लेकिन पर्यावरणीय स्वीकृति के लिये प्रदेश के वन विभाग के अधिकारियों ने ही रिपोर्ट बनाई जिस रिपोर्ट के आधार पर पर्यावरणीय स्वीकृति मिली. अब सरगुजा में कांग्रेस हसदेव बचाओ आंदोलन के साथ खड़ी दिख रही है. ऐसे में कौन किसके साथ और कौन किसके खिलाफ ये कहना मुश्किल हो रहा है.



दोबारा ग्राम सभा बुलाने की मांग: कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्यों ने हसदेव अरण्य क्षेत्र अंतर्गत कोयला उत्खनन के लिए प्रस्तावित ग्राम हरिहरपुर,साल्ही और फतेहपुर में ग्रामीणों के विरोध के मद्देनजर पूर्ण कोरम के साथ विशेष ग्रामसभा बुलाने की मांग की है. जिपं सदस्यों ने कलेक्टर को ज्ञापन प्रेषित कर कहा है कि उदयपुर विकासखंड के फतेहपुर,साल्ही तथा हरिहरपुर के ग्रामीण कोयला खदान खोलने का विरोध कर रहे हैं.



ग्राम सभा में हसदेव अरण्य पर नहीं हुई चर्चा: जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंह देव आंदोलनरत ग्रामीणों से मिलकर स्थिति से अवगत हुए थे. ग्रामीणों का कहना है कि उपरोक्त ग्रामों में कोयला उत्खनन के लिए ग्रामसभा से जिस अनुमति की बात कही जाती है. वह संदेहास्पद है. ग्रामीणों का कहना है कि 28 अगस्त 2017 को ग्राम फतेहपुर, 24 जनवरी 2018 को हरिहरपुर एवं 27 जनवरी 2018 को हुए ग्राम सभा में कोयला उत्खनन हेतु अनुमति पर कोई चर्चा नहीं हुई थी.

ये भी पढ़ें: हसदेव अरण्य पर सवालों में कहां घिरे राहुल गांधी ?



नहीं हो रही सुनवाई: इसे ग्राम सभा के बाद दस्तावेज में शामिल किया गया है, जो कि अवैध है. इसी वजह से पूरे क्षेत्र में असंतोष और आक्रोश का वातावरण निर्मित हो रहा है. इसे लेकर ग्रामीण उदयपुर से रायपुर तक पदयात्रा कर राज्यपाल से अपनी बात रख चुके हैं. थाने में एफआईआर सहित सभी उचित मंच पर अपनी बात रखने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.गौरतलब है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में इस क्षेत्र को वन्यजीवों के विचरण एवं श्रेष्ठतम पर्यावरणीय स्थितियों के कारण "नो गो एरिया" घोषित करते हुए यहां भविष्य में कोयला उत्खनन पर रोक लगा दिया गया था. आंदोलनरत ग्रामीणों का कहना है कि खदान के विरोध में जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. वह प्रभावित गांव के निवासी हैं,जबकि खदान का समर्थन करने वाले उन्हें दूसरे क्षेत्र का निवासी बताते हैं.


विशेष ग्राम सभा का आयोजन : इस संबंध में जिला पंचायत के सामान्य प्रशासन की बैठक में विस्तृत चर्चा हुई है। जिला पंचायत सदस्यों ने सर्वसम्मति से तय किया है कि हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोल उत्खनन के विषय पर ग्रामीणों का मत जानने के लिए पूर्ण कोरम के साथ विशेष ग्राम सभा का आयोजन उक्त ग्राम पंचायतों के सभी ग्रामों में हो ताकि एक-एक परिवार का स्पष्ट मत सामने आ सके. ऐसा करने से कोयला खदान को लेकर समस्त ग्राम वासियों की मंशा स्पष्ट होगी.

ये भी पढ़ें: हसदेव अरण्य मामले में राहुल के आदेश का हम करेंगे पालन: रविंद्र चौबे

पंचायतों के अधिकार का हो सम्मान: जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंह देव कहा है कि " त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था तभी सुदृढ़ हो सकेगी जब पंचायतों के अधिकार का सम्मान होगा. संविधान में ग्राम सभा को दिये अधिकारों के अनुकूल कार्रवाई हो और उनके फैसले का सम्मान किया जाए. त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के अनुसार ग्राम सभा को ये अधिकार है कि वह अपने क्षेत्र में कोयला उत्खनन हेतु अनुमति देना चाहते हैं अथवा नहीं यह तय कर सकें. जिला पंचायत सदस्यों ने इस सम्बंध में तत्काल कार्रवाई का आग्रह किया है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.