सरगुजा : कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जारी है. अच्छी बात ये है कि कोरोना महामारी से अब तक सरगुजा संभाग सुरक्षित है, लेकिन अब यह सुरक्षा भी सवालों के घेरे में है. इसका कारण है सरगुजा में कोरोना की जांच में शून्यता और स्थानीय स्तर पर जांच लैब का ना होना. अब तक यहां सिर्फ सैंपल कलेक्ट करके टेस्ट में लिए रायपुर भेजा जाता है, जो बेहद पेचीदा और खर्चीला भी है.
सरगुजा के तीन जिलों की बात की जाए, तो अब तक यहां एक भी कोरोना पॉजिटिव केस सामने नहीं आया है, लेकिन अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या अब तक किए गए टेस्ट तीनों जिलों की जनसंख्या के हिसाब से सही है. जानकारों से लेकर चिकित्सक भी टेस्ट की संख्या और सुविधाएं बढ़ाने की आवश्यकता जता रहे हैं, लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी लैब और किट की उपलब्धता है. सरगुजा में टेस्ट की संख्या बढ़ाने और यहां एक वायरोलॉजी लैब स्थापित करने के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से प्रस्ताव भी मांगा, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई सकारात्मक पहल होती नजर नहीं आ रही है.
दरअसल, कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में सरगुजा संभाग पूर्ण रूप से सुरक्षित है. संभाग के तीन जिलों सरगुजा, सूरजपुर और बलरामपुर में अब तक जो जांच किए गए हैं, वे सभी निगेटिव आए हैं. जारी होने वाले डेली बुलेटिन के मुताबिक सरगुजा जिले में अब तक 82 टेस्ट किए गए हैं और इनमें से 56 टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आई है. इसी तरह सूरजपुर जिले में सर्वाधिक 93 सैम्पल लिया गया है और यहां 86 सैम्पल की रिपोर्ट आ गई है, जबकि बलरामपुर जिले के 45 में से 45 की रिपोर्ट निगेटिव आई है, लेकिन अगर जनसंख्या के अनुपात में देखा जाए तो यहां किए गए टेस्ट की संख्या नहीं के बराबर है.
सरगुजा संभाग के तीन जिलों के जनसंख्या की बात की जाए, तो जनगणना 2011 के अनुसार 38 लाख 79 हजार 420 है. जबकि जिलेवार बात की जाए, तो सरगुजा जिले की जनसंख्या 23 लाख 59 हजार 886 है, जबकि अकेले अंबिकापुर क्षेत्र की जनसंख्या डेढ़ लाख है. इसी तरह सूरजपुर जिले की जनसंख्या 7 लाख 89 हजार 043 और बलरामपुर जिले की कुल जनसंख्या 7 लाख 30 हजार 491 है. ऐसे में खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिलों में अब तक किए गए टेस्ट का आंकड़ा तीन अंकों के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच सका है.
लैब के लिए प्रस्ताव भेजा गया था
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना वायरस के टेस्ट की व्यवस्था करने के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कॉलेज के अधिष्ठाता को पत्र लिखकर आवश्यकताओं से अवगत कराने के लिए कहा था, ताकि यहां लैब की स्थापना के लिए पहल की जा सके. स्वास्थ्य मंत्री के पत्र के बाद मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट द्वारा वायरोलॉजी लैब की स्थापना के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था. माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट द्वारा मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर के एक भवन का चिन्हांकन किया गया है, जहां एक लैब की स्थापना की जानी है. माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ आर मूर्ति के मुताबिक वायरोलॉजी लैब के लिए यदि एम्स की तर्ज पर आरटीपीसीआर लैब न सही, तो उससे मिलता-जुलता लैब स्थापित किया जा सकता है और ट्रुनोट मशीन और जीन एक्सपर्ट मशीन का उपयोग किया जा सकता है. इसके साथ ही एंटी बॉडी टेस्ट भी किए जा सकते हैं.
लैब स्थापित किए जाने की जरूरत
माइक्रो बायोलॉजी डिपार्टमेंट के मुताबिक सैम्पल को जांच के लिए पूरी तरह से सुरक्षित रखकर भेजा जाता है, लेकिन 500 किमी का सफर करके जाने के दौरान इसकी सेंसिटिविटी और क्वॉलिटी पर असर पड़ता है. ऐसे में यहां एक लैब की स्थापना किए जाने की जरूरत है. इसके साथ ही सरगुजा का क्षेत्रफल काफी बड़ा है और यहां टेस्ट की संख्या भी बढ़ाए जाने की आवश्यकता है, ताकि कोरोना के खिलाफ चल रही इस लड़ाई पर पूर्ण रूप से विजय पाया जा सके.