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सरगुजा में ठंड: 24 जनवरी से सरगुजा में मौसम के मिजाज में आएगा परिवर्तन

उत्तरी छत्तीसगढ़ में मौसम की आंख-मिचौली खत्म ही नहीं हो रही है. लगातार आसमान में बादल, वर्षा और ओलावृष्टि के बीच आज अचानक मौसम साफ हो गया. नतीजन, तापमान तेजी से गिरा और ठंड बढ़ गई. मैनपाट व अन्य पठारी इलाकों में पाला भी गिरा. मौसम वैज्ञानिक अक्षय मोहन भट्ट ने अपना अनुमान बताया कि 24 जनवरी के बाद मौसम के मिजाज में बड़ा बदलाव होगा.

Surguja weather
सरगुजा मौसम
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Published : Jan 19, 2022, 10:42 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: उत्तरी छत्तीसगढ़ में मौसम की आंख-मिचौली खत्म ही नहीं हो रही है. लगातार आसमान में बादल, वर्षा और ओलावृष्टि के बीच आज अचानक मौसम साफ हो गया. नतीजन, तापमान तेजी से गिरा और ठंड बढ़ गई. मैनपाट व अन्य पठारी इलाकों में पाला भी गिरा. मौसम के वर्तमान और आने वाले कुछ दिनों की सम्भावना के विषय में मौसम वैज्ञानिक अक्षय मोहन भट्ट ने अपना अनुमान बताया कि जनवरी में अब तक चार पश्चिमी विक्षोभ आ चुका है. तीन और छः जनवरी को आए विक्षोभ के कारण पूरे सरगुजा सम्भाग में अच्छी वर्षा हुई थी. सुदूर उत्तरी हिस्से में उत्तर प्रदेश और झारखंड से लगे क्षेत्रों में भारी ओला वृष्टि भी हुई थी. ओला वृष्टि की मार से कोरिया जिला भी नहीं बच पाया.

Weather of Chhattisgarh: मौसम साफ होते ही बढ़ने लगी ठंड

22 से 24 जनवरी के बाद करवट ले सकता है मौसम

ओलावृष्टि और आसमान में घने बादलों के कारण चार दिनों तक सूर्य की किरणें इन क्षेत्रों में नहीं पहुंची. इससे दिन का अधिकतम तापमान लगातार सामान्य से तीन से चार डिग्री सेल्सियस नीचे रहा. दैनिक तापमान में कमी आने से यहां का पूरा वायुमंडल ठंडा रहा. बेहद ठंडे दिनों की स्थिति बनी रही. विक्षोभ के गुजरते ही घने कोहरे का प्रभाव व्याप्त हो गया. आसमान साफ होते और हवा की दिशा में बदलाव आते ही आज क्षेत्र के पठारी इलाकों में एक बार फिर से पाले की सफेद चादर बिछ गई.

हवा के उत्तरी होते ही अम्बिकापुर शहर का तापमान 6.6℃ तक गिर गया जबकि पठारी इलाकों में न्यूनतम तापमान 4℃ के नीचे रहा. अभी जनवरी में पश्चिमीविक्षोभ का दौर समाप्त नहीं हुआ है. वर्तमान में 16 और 18 जनवरी को दो विक्षोभों की सक्रियता के बाद एक ताकतवर विक्षोभ 21 जनवरी को उत्तरी हिमालयन क्षेत्र में दस्तक देने जा रहा है. इसकी धमक 21- 22 जनवरी को उत्तर भारत से होते हुए मध्य भारत और पूर्वी भारत तक दिखने की संभावना रहेगी. जिसके कारण 22, 23 और 24 जनवरी को सरगुजा सम्भाग के मौसम में व्यवधान की प्रबल संभावना है.

सरगुजा: उत्तरी छत्तीसगढ़ में मौसम की आंख-मिचौली खत्म ही नहीं हो रही है. लगातार आसमान में बादल, वर्षा और ओलावृष्टि के बीच आज अचानक मौसम साफ हो गया. नतीजन, तापमान तेजी से गिरा और ठंड बढ़ गई. मैनपाट व अन्य पठारी इलाकों में पाला भी गिरा. मौसम के वर्तमान और आने वाले कुछ दिनों की सम्भावना के विषय में मौसम वैज्ञानिक अक्षय मोहन भट्ट ने अपना अनुमान बताया कि जनवरी में अब तक चार पश्चिमी विक्षोभ आ चुका है. तीन और छः जनवरी को आए विक्षोभ के कारण पूरे सरगुजा सम्भाग में अच्छी वर्षा हुई थी. सुदूर उत्तरी हिस्से में उत्तर प्रदेश और झारखंड से लगे क्षेत्रों में भारी ओला वृष्टि भी हुई थी. ओला वृष्टि की मार से कोरिया जिला भी नहीं बच पाया.

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22 से 24 जनवरी के बाद करवट ले सकता है मौसम

ओलावृष्टि और आसमान में घने बादलों के कारण चार दिनों तक सूर्य की किरणें इन क्षेत्रों में नहीं पहुंची. इससे दिन का अधिकतम तापमान लगातार सामान्य से तीन से चार डिग्री सेल्सियस नीचे रहा. दैनिक तापमान में कमी आने से यहां का पूरा वायुमंडल ठंडा रहा. बेहद ठंडे दिनों की स्थिति बनी रही. विक्षोभ के गुजरते ही घने कोहरे का प्रभाव व्याप्त हो गया. आसमान साफ होते और हवा की दिशा में बदलाव आते ही आज क्षेत्र के पठारी इलाकों में एक बार फिर से पाले की सफेद चादर बिछ गई.

हवा के उत्तरी होते ही अम्बिकापुर शहर का तापमान 6.6℃ तक गिर गया जबकि पठारी इलाकों में न्यूनतम तापमान 4℃ के नीचे रहा. अभी जनवरी में पश्चिमीविक्षोभ का दौर समाप्त नहीं हुआ है. वर्तमान में 16 और 18 जनवरी को दो विक्षोभों की सक्रियता के बाद एक ताकतवर विक्षोभ 21 जनवरी को उत्तरी हिमालयन क्षेत्र में दस्तक देने जा रहा है. इसकी धमक 21- 22 जनवरी को उत्तर भारत से होते हुए मध्य भारत और पूर्वी भारत तक दिखने की संभावना रहेगी. जिसके कारण 22, 23 और 24 जनवरी को सरगुजा सम्भाग के मौसम में व्यवधान की प्रबल संभावना है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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