सरगुजा: सामरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक चिंतामणि महाराज ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. चिंतामणि महाराज ने कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के चलते यह फैसला लिया है. अंबिकापुर में परिवर्तन महासंकल्प रैली में बीजेपी प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने चिंतामणि महाराज को बीजेपी की सदस्यता दिलाई. भाजपा मे शामिल होने के बाद चिंतामणि महराज से ETV भारत की टीम ने खास बातचीत की है.
चिंतामणि महाराज का छलका दर्द: बीजेपी नेता चिंतामणि महाराज ने कहा, "जब कहीं सम्मान में कमी हो, तो उसे छोड़ देना ही सही रहता है. मैं अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बिना सामरी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का काम किया. इतना अच्छा काम करने के बाद भी टिकट काटना, यह संस्था को कहीं से भी न्यायसंगत नहीं लगा. प्रदेश में 16-17 विधानसभा ऐसी है, जहां संस्था के लोग हैं. उन लोगों को काफी तकलीफ हुई, जिसके कारण भाजपा में जाना ही उचित समझा."
"टिकट कटने से पहले जरा भी इसका आभास नहीं हुआ, ऐसा अंदाज था कि अगर सामरी से रिकॉर्ड ठीक नहीं है, तो हो सकता है जगह परिवर्तन कर दें. लेकिन टिकट ही नहीं मिलेगी, ऐसी उम्मीद नहीं थी. कहीं कहीं रिपोर्ट ठीक नहीं है, उनका जगह परिवर्तन किया गया. कुछ ऐसे लोगों को भी टिकट मिला, जिनके बारे में ये सुनने को मिला कि ये ठीक नहीं है. लेकिन संस्था ने कहा कि आगर टिकट नहीं मिल रहा है, तो वहां रहने का कोई औचित्य नहीं है." - चिंतामणि महाराज, बीजेपी नेता
बीजेपी से जुड़ी हुई है चिंतामणि महाराज की संस्था: बीजेपी नेता चिंतामणि महाराज ने आगे बताया कि उनकी संस्था शुरू से ही बीजेपी से जुड़ी हुई है. साल 2004 से वे बीजेपी में थे. साल 2008 में निर्दलीय चुनाव लड़ने की वजह से पार्टी से बाहर किया गया. इसके बाद भी जब भटगांव में उप चुनाव हुआ, तो उन्हें सशर्त कहा गया कि आप काम करो. आपके लिए संस्कृत बोर्ड का पद खाली पड़ा है, वो आपको दिया जाएगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. जिसकी वजह से उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन किया. चिंतामणि महाराज ने आगे कहा कि कांग्रेस में भी उन्होंने मन लगाकर के काम किया. वे जहां भी जाते हैं, पूरी निष्ठा से काम करते हैं.
"अम्बिकापुर से मैंने टिकट मांगी थी, वो तो संभव नहीं था. क्योंकि ऐसे समय पर मैंने बात की थी, जब टिकट तय हो गई थी. भाजपा की तरफ से कोई ऐसी बात नहीं है. लेकिन जो भी जिम्मेदारी भाजपा देगी, उसे निभाएंगे. अगर लोकसभा का टिकट भाजपा देगी, तो मन लगाकर काम करूंगा." - चिंतामणि महाराज, बीजेपी नेता
आपको बता दें कि लगभग सभी विधानसभा क्षेत्र में संत समाज के लोग हैं. लेकिन भटगांव, सामरी, बैकुंठपुर, अम्बिकापुर, बगीचा, लैलूंगा और रायगढ़ में सबसे ज्यादा हैं. पुराने आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में करीब 5 लाख लोग संत समाज से जुड़े हैं. ऐसे में चिंतामणि महाराज का बीजेपी में जाना कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है.