अंबिकापुर/जीपीएम: अंबिकापुर में पिछले दो दिनों से घने बादल छाए हुए थे. वहीं मंगलवार सुबह से रुक-रुककर हो रही बारिश के बाद मौसम में बदलाव देखने को मिला है. छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट में मंगलवार को रुक-रुककर बारिश हुई. बारिश की वजह से मैनपाट में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. अचानक मौसम में आये बदलाव से लोग परेशान हैं. मैनपाट में घूमने आये सैलानी भी जगह जगह अलाव का सहारा ले रहे हैं.
मैनपाट में और बढ़ सकती है ठंड: ईटीवी भारत की टीम से बातचीत में कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि मैनपाट में बारिश होने के चलते अचानक ठंड बढ़ी है. मैनपाट में चौक चौराहों पर जगह-जगह अलाव की व्यवस्था की गई है, ताकि लोग ठंड से बच सकें. स्थानीय लोगों ने आने वाले समय में ठंड और बढ़ने की बात कही है. क्योंकि लोगों का मानना है कि बारिश के बाद जब बादल साफ होगा तो कड़ाके की ठंड के साथ साथ शीतलहर भी चलने लगेगी.
दूर दराज से सैलानी घूमने आ रहे मैनपाट: सरगुजा जिले के मैनपाट ठंड के लिए ही जाना जाता है. यहां हमेशा से नवंबर दिसंबर में कड़ाके की ठंड पड़ती है. इसी वजह से इसे छत्तीसगढ़ का शिमला भी कहा जाता है. इस साल भी नवंबर के आखिरी सप्ताह में यहां का मौसम काफी खुशनुमा हो गया, जिससे यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ने लगी है. पहले की तुलना में इस बार पर्यटक अधिक संख्या में मैनपाट पहुंच रहे हैं.
जीपीएम में कोहरे के चलते विजिबिलिटी घटी: प्रदेश के उत्तरी हिस्से में बादलों ने डेरा जमाया हुआ था. रायपुर मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर भारत में हो रही बारिश के चलते नार्थ छत्तीसगढ़ में इसका असर दिखाई दे रहा है. वहीं तापमान में भी काफी गिरावट होने से ठंड बढ़ गई है. बारिश होने से गौरेला पेंड्रा मरवाही के कई इलाकों में भी काफी घना कोहरा छा गया है. यहां विजिबिलिटी 5 से 7 मीटर ही रही, जिसके चलते हाइवे में गाड़ियों की रफ्तार भी धीमी हो गई है. कोहरे का असर ट्रेन की रफ्तार पर भी पड़ा है. ट्रेन अपने निर्धारित समय से देरी से चल रही है. हालांकि मौसम काफी खुशनुमा हो गया है. लेकिन ठंड बढ़ने से लोगों की परेशानी भी बढ़ गई है.