अंबिकापुर: चैती छठ महापर्व के तीसरे दिन गुरुवार को छठव्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान सूर्य देव को अर्घ दिया. इसके अगले दिन शुक्रवार को उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ देने के साथ आस्था का महापर्व छठ संपन्न हो गया.
पारंपरिक गीतों के साथ अंबिकापुर के शंकर घाट पर आस्था के महापर्व छठ के चौथे दिन उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ दिया गया. सूर्योपासना का यह चार दिवसीय महापर्व आज उदीयमान सूर्य को अर्घ देने के साथ ही खत्म हो गया. इसके बाद छठव्रतियों ने प्रसाद का वितरण किया. चार दिवसीय छठ पर्व का प्रारंभ चैत्र चतुर्थी को होता है और समापन चैत्र माह की सप्तमी को किया जाता है. यह महापर्व प्रकृति के प्रति कृतज्ञता जाहिर करने की याद दिलाता है.
चैती छठ पूजा में पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है. पूजा के चारों दिन उपवास के साथ कठिन नियम और संयम का पालन किया जाता है. छठ पूजा महिलाएं और पुरुष दोनों करते हैं, लेकिन ज्यादातर महिलाएं इस व्रत को करती हैं.