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6 लाख में बना पुल 6 साल भी नहीं टिक पाया, ग्रामीणों हो रहे परेशान - भ्रष्टाचार

सरगुजा में लाखों की लागत से बना पुल 6 साल में ही भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गया, जिसके कारण इस रास्ते के गुजरने वाले लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Oct 23, 2019, 8:15 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा : बलरामपुर जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर की दूरी पर बसे ढोंगीदह गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए नदी पर पुल बनाया गया था, लेकिन पुल 2016 में हुई बारिश की वजह से बह गया, इस वजह से यहां आने-जाने वाले लोगों को खासी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. वहीं जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए राहगीरों को लंबी सफर तय करना पड़ रहा है.

ग्रामीणों के लिए पुल बना मुसीबत, 6 साल भी नहीं टिका 6 लाख का पुल

बता दें कि इस पुलिया का निर्माण साल 2010 में मनरेगा के तहत कराया गया था, जिसकी लागत राशि लगभग 6 लाख रुपए थी. इस पुल के टूट जाने की वजह से ग्रामीण और स्कूली बच्चों को हर रोज टूटे हुए पुल से होकर ही गुजरना पड़ता है.

कई बार की जा चुकी है शिकायत

ग्रामीणों की मानें, तो कई बार इसकी शिकायत प्रशासन से की गई है, लेकिन इस ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया. बरसात के दिनों में मुख्य मार्ग तक चलने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ता है, तब जाकर लोग मुख्य मार्ग तक पहुंच पाते हैं.

जांच के लिए भेजे गए अफसर
कलेक्टर संजीव कुमार झा ने बताया कि ETV भारत की ओर से मामले की जानकारी मिली है. उन्होंने कहा कि 'अधिकारियों को जांच के लिए भेजा गया है, जैसे ही रिपोर्ट आ जाएगी. वे जल्द ही ग्रामीणों की समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे'.

कम राशि में हुआ था पुल का निर्माण
साथ ही कलेक्टर ने कहा कि इस पुलिया का निर्माण जब हुआ था, तब यह बहुत कम राशि में बन गया था, लेकिन अब इसकी राशि बढ़कर ढाई गुनी से ज्यादा हो गई है. पुल का क्षेत्र बढ़ा है, लेकिन अब इस पुलिया को बनाने में एक बड़ी राशि का उपयोग होगा, जिसे प्रस्ताव में लाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी. जब तक यह पूर्ण नहीं हो जाता तब तक के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी.

सरगुजा : बलरामपुर जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर की दूरी पर बसे ढोंगीदह गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए नदी पर पुल बनाया गया था, लेकिन पुल 2016 में हुई बारिश की वजह से बह गया, इस वजह से यहां आने-जाने वाले लोगों को खासी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. वहीं जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए राहगीरों को लंबी सफर तय करना पड़ रहा है.

ग्रामीणों के लिए पुल बना मुसीबत, 6 साल भी नहीं टिका 6 लाख का पुल

बता दें कि इस पुलिया का निर्माण साल 2010 में मनरेगा के तहत कराया गया था, जिसकी लागत राशि लगभग 6 लाख रुपए थी. इस पुल के टूट जाने की वजह से ग्रामीण और स्कूली बच्चों को हर रोज टूटे हुए पुल से होकर ही गुजरना पड़ता है.

कई बार की जा चुकी है शिकायत

ग्रामीणों की मानें, तो कई बार इसकी शिकायत प्रशासन से की गई है, लेकिन इस ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया. बरसात के दिनों में मुख्य मार्ग तक चलने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ता है, तब जाकर लोग मुख्य मार्ग तक पहुंच पाते हैं.

जांच के लिए भेजे गए अफसर
कलेक्टर संजीव कुमार झा ने बताया कि ETV भारत की ओर से मामले की जानकारी मिली है. उन्होंने कहा कि 'अधिकारियों को जांच के लिए भेजा गया है, जैसे ही रिपोर्ट आ जाएगी. वे जल्द ही ग्रामीणों की समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे'.

कम राशि में हुआ था पुल का निर्माण
साथ ही कलेक्टर ने कहा कि इस पुलिया का निर्माण जब हुआ था, तब यह बहुत कम राशि में बन गया था, लेकिन अब इसकी राशि बढ़कर ढाई गुनी से ज्यादा हो गई है. पुल का क्षेत्र बढ़ा है, लेकिन अब इस पुलिया को बनाने में एक बड़ी राशि का उपयोग होगा, जिसे प्रस्ताव में लाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी. जब तक यह पूर्ण नहीं हो जाता तब तक के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी.

Intro:सरगुजा : बलरामपुर जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूरी पर बसा ढोंगीदह गांव के लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। मुसीबत यह है कि इस गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए मार्ग में पड़ने वाली नदी पर पुल बनाया गया था, लेकिन पुल 2016 बारिश में बह जाने की वजह से इनको काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ रहा है।

ढोंगीदह गांव को जोड़ने वाली इस पुलिया को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस पुल में कितनी गुणवत्ता होगी। इस पुलिया का निर्माण सन 2010 मनरेगा के तहत कराया गया था।जिसकी लागत राशि लगभग ₹ 6 लाख थी, पुल के टूट जाने के बाद यहां से गुजरने वाले राहगीर ग्रामीण, स्कूली बच्चों, हर दिन इस टूटे हुए पुल से होकर गुजरना पड़ता है। ग्रामीणों की माने तो कई बार इसकी शिकायत की गई लेकिन इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। बरसात के दिनों में मुख्य मार्ग तक चलने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ता है तब जाकर मुख्य मार्ग तक लोग पहुंच पाते हैं।

इस मामले में जिला कलेक्टर संजीव कुमार झा ने बताया कि आपके द्वारा या बात हमारी जानकारी में लाई गई है। मैं वहां पर अधिकारियों को भेजता हूं। जो जांच कर रिपोर्ट मुझे पेश करेंगे जांच के उपरांत जो संभव हो जिससे ग्रामीण एवं बच्चों को होने वाले मुसीबतों से बचाया जा सके उस पर पहल करेंगे। हालांकि इस पुलिया का निर्माण जब हुआ था तब बहुत कम राशि मैं अब बन गया था ।लेकिन अब इसकी राशि बढ़कर ढाई गुनी से ज्यादा हो गई है। पुल का क्षेत्र बढ़ा है। लेकिन अब इस पुलिया को बनाने में एक बड़ी राशि का उपयोग होगा जिसे प्रस्ताव में लाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी जब तक या पूर्ण नहीं हो जाता तब तक के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।

बाईट01_ग्रामीण

बाईट02_सरस्वती (ग्रामीण बच्ची)

बाइट03_संजीव कुमार झा-कलेक्टर बलरामपुरBody:देश दीपक सरगुजा

Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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