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सरगुजा के जंगलों में फैले करंट से दो जानवरों की मौत, वन विभाग पर उठे सवाल

सरगुजा जिले के वन परिक्षेत्र उदयपुर के केदमा सर्किल में करंट फैलने से भालू और बकरे की झुलसकर मौत हो (Bear and goat died due to current in Surguja ) गई. बताया जा रहा है कि 11 केवी खंभे का इन्सुलेटर खराब हो जाने से करंट जंगल में फैल गया था. इस हादसे के बाद वन विभाग पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

Surguja Forest
सरगुजा के जंगल
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Published : Jul 23, 2022, 6:32 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: सरगुजा के जंगलों में आज करंट फैलने की वजह से बड़ा हादसा हो गया. इस करंट की चपेट में आने से एक भालू और एक बकरे की मौत हो गई. करंट की वजह से बकरा पूरी तरह झुलस (Bear and goat died due to current in Surguja) गया. हालांकि पास से गुजर रहे एक शिक्षक की सूझबूझ से कोई जनहानि नहीं हो सकी. वरना जंगल में जाने वाले इंसान भी करंट की चपेट में आ सकते थे.

करंट से भालू और बकरे की हुई मौत

11 केवी खंभे का इन्सुलेटर हुआ खराब: मामला सरगुजा जिले के वन परिक्षेत्र उदयपुर के केदमा सर्किल का है. ग्राम सितकालो रेण नदी पुल के पास करंट से एक भालू और एक बकरे की मौत हो गई. शनिवार की सुबह 7:30 बजे के करीब सितकालो रेण नदी पुल के पास में स्थित 11 केवी खंबे का इंसुलेटर भ्रष्ट हो गया, जिससे पोल के अर्थ वायर में करंट आ गया. जिसके कारण ये घटना हुई.

अर्थ वायर से जमीन में फैला करंट: अर्थ वायर में करंट आने से करंट आसपास के पूरे जमीन में फैल गया. इस दौरान जंगल में विचरण कर रहा एक बकरा उसकी चपेट में आ गया और तेजी से जलने लगा. वहीं पर एक भालू भी पहुंचा. जमीन में फैले करंट की चपेट में आने से मौके पर ही भालू और बकरे ने दम तोड़ दिया.

वन अमले ने बनाया पंचनामा: सुबह-सुबह स्कूल जा रहे एक शिक्षक ने घटना की सूचना स्थानीय लोगों व प्रशासन के लोगों को दी, जिसके बाद वन अमले को भी इसकी सूचना दी गई. विद्युत सप्लाई को कुन्नी सब स्टेशन से बंद कराया गया. करंट बंद करने के बाद वन अमला मौके पर पहुंचा. भालू और बकरा के शव को पंचनामे के बाद उदयपुर नर्सरी लाया गया.

यह भी पढ़ें: कवर्धा में बिजली विभाग की लापरवाही के चलते महिला की दर्दनाक मौत

पोस्टमार्टम के बाद सौंपा बकरे का शव: एसडीओ बिजेंद्र सिंह एवं रेंजर सपना मुखर्जी की मौजूदगी में भालू के शव का पशु चिकित्सक द्वारा पोस्टमार्टम किया गया. पोस्टमार्टम के बाद भालू का विधिवत अंतिम संस्कार किया गया. बिजली करंट से अधजले बकरे को उसके मालिक कैलासो मझवार को दे दिया गया.

शिक्षक ने निभाया फर्ज: इस घटना में एक शिक्षक की सजगता से बड़ा हादसा होते-होते टल गया क्योंकि सुबह-सुबह ग्रामीण अपने मवेशियों को लेकर जंगल की ओर जाते हैं. शिक्षक द्वारा घटनास्थल पर रुक कर लोगों को सूचना देकर आने जाने वालों को उधर जाने से मना करके जागरूकता दिखाई गई. वरना 11 केवी तार के चपेट में आकर जानवरों के साथ-साथ इंसान की भी मौत हो सकती थी.

सरगुजा: सरगुजा के जंगलों में आज करंट फैलने की वजह से बड़ा हादसा हो गया. इस करंट की चपेट में आने से एक भालू और एक बकरे की मौत हो गई. करंट की वजह से बकरा पूरी तरह झुलस (Bear and goat died due to current in Surguja) गया. हालांकि पास से गुजर रहे एक शिक्षक की सूझबूझ से कोई जनहानि नहीं हो सकी. वरना जंगल में जाने वाले इंसान भी करंट की चपेट में आ सकते थे.

करंट से भालू और बकरे की हुई मौत

11 केवी खंभे का इन्सुलेटर हुआ खराब: मामला सरगुजा जिले के वन परिक्षेत्र उदयपुर के केदमा सर्किल का है. ग्राम सितकालो रेण नदी पुल के पास करंट से एक भालू और एक बकरे की मौत हो गई. शनिवार की सुबह 7:30 बजे के करीब सितकालो रेण नदी पुल के पास में स्थित 11 केवी खंबे का इंसुलेटर भ्रष्ट हो गया, जिससे पोल के अर्थ वायर में करंट आ गया. जिसके कारण ये घटना हुई.

अर्थ वायर से जमीन में फैला करंट: अर्थ वायर में करंट आने से करंट आसपास के पूरे जमीन में फैल गया. इस दौरान जंगल में विचरण कर रहा एक बकरा उसकी चपेट में आ गया और तेजी से जलने लगा. वहीं पर एक भालू भी पहुंचा. जमीन में फैले करंट की चपेट में आने से मौके पर ही भालू और बकरे ने दम तोड़ दिया.

वन अमले ने बनाया पंचनामा: सुबह-सुबह स्कूल जा रहे एक शिक्षक ने घटना की सूचना स्थानीय लोगों व प्रशासन के लोगों को दी, जिसके बाद वन अमले को भी इसकी सूचना दी गई. विद्युत सप्लाई को कुन्नी सब स्टेशन से बंद कराया गया. करंट बंद करने के बाद वन अमला मौके पर पहुंचा. भालू और बकरा के शव को पंचनामे के बाद उदयपुर नर्सरी लाया गया.

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पोस्टमार्टम के बाद सौंपा बकरे का शव: एसडीओ बिजेंद्र सिंह एवं रेंजर सपना मुखर्जी की मौजूदगी में भालू के शव का पशु चिकित्सक द्वारा पोस्टमार्टम किया गया. पोस्टमार्टम के बाद भालू का विधिवत अंतिम संस्कार किया गया. बिजली करंट से अधजले बकरे को उसके मालिक कैलासो मझवार को दे दिया गया.

शिक्षक ने निभाया फर्ज: इस घटना में एक शिक्षक की सजगता से बड़ा हादसा होते-होते टल गया क्योंकि सुबह-सुबह ग्रामीण अपने मवेशियों को लेकर जंगल की ओर जाते हैं. शिक्षक द्वारा घटनास्थल पर रुक कर लोगों को सूचना देकर आने जाने वालों को उधर जाने से मना करके जागरूकता दिखाई गई. वरना 11 केवी तार के चपेट में आकर जानवरों के साथ-साथ इंसान की भी मौत हो सकती थी.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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