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Rights Of Disabled:दिव्यांगों को मिलने वाले अधिकार में समय के साथ हो रहा बदलाव, जानिए क्या है दिव्यांगता की कैटेगरी ?

Rights Of Disabled: दिव्यांगों को मिलने वाले अधिकार में समय के साथ बदलाव हुआ है. साल 2016 में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम बना था. इसके तहत कई तरह के बदलाव हुए हैं, जो कि शायद ही हर किसी को पता हो.

rights of disabled
दिव्यांगों को मिलने वाले अधिकार
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Published : Jul 22, 2023, 9:05 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

डी के राय उप संचालक समाज कल्याण विभाग

अम्बिकापुर: देश में दिव्यांगों के संरक्षण के लिये अधिनियम बनाया गया है.पहले सिर्फ 7 तरह की दिव्यांगता पर ही आरक्षण का लाभ मिलता था. हालांकि साल 2016 में दिव्यांगता के प्रकार बढ़ाकर 21 कर दिए गये. साथ ही दिव्यांगों को मिलने वाली सुविधाओं में भी इजाफा कर दिया गया.

साल 2016 में बना अधिनियम: साल 2016 में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम बना. इस अधिनियम के तहत दिव्यांगों को शिक्षा, रोजगार, प्रशिक्षण, पुनर्वास के साथ उपचार की सुविधा दी गई है. साथ ही उनको आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाने का भी नियम है. दिव्यांगों के लिए कई तरह के काम किए जा रहे हैं. सर्वे किया जा रहा है. इनके साथ हो रहे भेदभाव को खत्म करने की पहल की जा रही है. साथ ही दिव्यांग व्यक्तियों की सुविधाओं के विकास के लिए काम की जा रही है. इसके अलावा उन्हे मुख्यधारा से जोड़ने का काम करने को अधिनियम बनाया जा रहा है. बता दें कि दिव्यांग व्यक्ति अधिनियम 2016 का अधिकार 19 अप्रैल 2017 से प्रभावी हुआ.

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इन अपंगताओं को किया गया शामिल: नए अधिनियम के आधार पर दिव्यांगता के 7 प्रकार को बढ़ाकर 21 कर दिया गया है. इनमें शारीरिक अपंगता, लोकोमोटर विकलांगता, कुष्ठ रोग से ठीक हुआ व्यक्ति, मस्तिष्क पक्षाघात शामिल है. साथ ही बौनापन, मांसपेशीय दुर्विकास, एसिड अटैक पीड़िता को भी दिव्यांगता की श्रेणी में शामिल किया गया है. इसके अलावा दृश्य हानि, अंधापन, कम दृष्टि, श्रवण बाधित, बहरा, सुनने में कठिन, वाणी और भाषा विकलांगता को भी दिव्यांगता की श्रेणी में रखा गया है. साथ ही बौद्धिक विकलांगता, विशिष्ट सीखने की अक्षमताएं, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिस्ऑर्डर, मानसिक बीमारी भी विकलांगता की श्रेणी में आता है.

विकलांगों को मिलने वाला लाभ:अधिनियम में संसोधन के बाद बेंचमार्क विकलांगता वाले लोग और उच्च समर्थन आवश्यकताओं वाले लोगों के लिए अतिरिक्त लाभ दिया गया है. 6 से 18 साल के बीच बेंचमार्क विकलांगता वाले प्रत्येक बच्चे को मुफ्त शिक्षा का अधिकार दिया गया है. बेंचमार्क विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिए सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त उच्च शिक्षण संस्थानों के सीटों में 5 फीसद आरक्षण दिया गया है. सार्वजनिक भवनों चाहे वो सरकारी हो या निजी दोनों में निर्धारित समय सीमा में पहुंचने की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है. बेंचमार्क विकलांगता वाले कुछ व्यक्तियों या व्यक्तियों के वर्ग के लिए सरकारी नौकरियों में 4 फीसद आरक्षण तय किया है.

डी के राय उप संचालक समाज कल्याण विभाग

अम्बिकापुर: देश में दिव्यांगों के संरक्षण के लिये अधिनियम बनाया गया है.पहले सिर्फ 7 तरह की दिव्यांगता पर ही आरक्षण का लाभ मिलता था. हालांकि साल 2016 में दिव्यांगता के प्रकार बढ़ाकर 21 कर दिए गये. साथ ही दिव्यांगों को मिलने वाली सुविधाओं में भी इजाफा कर दिया गया.

साल 2016 में बना अधिनियम: साल 2016 में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम बना. इस अधिनियम के तहत दिव्यांगों को शिक्षा, रोजगार, प्रशिक्षण, पुनर्वास के साथ उपचार की सुविधा दी गई है. साथ ही उनको आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाने का भी नियम है. दिव्यांगों के लिए कई तरह के काम किए जा रहे हैं. सर्वे किया जा रहा है. इनके साथ हो रहे भेदभाव को खत्म करने की पहल की जा रही है. साथ ही दिव्यांग व्यक्तियों की सुविधाओं के विकास के लिए काम की जा रही है. इसके अलावा उन्हे मुख्यधारा से जोड़ने का काम करने को अधिनियम बनाया जा रहा है. बता दें कि दिव्यांग व्यक्ति अधिनियम 2016 का अधिकार 19 अप्रैल 2017 से प्रभावी हुआ.

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इन अपंगताओं को किया गया शामिल: नए अधिनियम के आधार पर दिव्यांगता के 7 प्रकार को बढ़ाकर 21 कर दिया गया है. इनमें शारीरिक अपंगता, लोकोमोटर विकलांगता, कुष्ठ रोग से ठीक हुआ व्यक्ति, मस्तिष्क पक्षाघात शामिल है. साथ ही बौनापन, मांसपेशीय दुर्विकास, एसिड अटैक पीड़िता को भी दिव्यांगता की श्रेणी में शामिल किया गया है. इसके अलावा दृश्य हानि, अंधापन, कम दृष्टि, श्रवण बाधित, बहरा, सुनने में कठिन, वाणी और भाषा विकलांगता को भी दिव्यांगता की श्रेणी में रखा गया है. साथ ही बौद्धिक विकलांगता, विशिष्ट सीखने की अक्षमताएं, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिस्ऑर्डर, मानसिक बीमारी भी विकलांगता की श्रेणी में आता है.

विकलांगों को मिलने वाला लाभ:अधिनियम में संसोधन के बाद बेंचमार्क विकलांगता वाले लोग और उच्च समर्थन आवश्यकताओं वाले लोगों के लिए अतिरिक्त लाभ दिया गया है. 6 से 18 साल के बीच बेंचमार्क विकलांगता वाले प्रत्येक बच्चे को मुफ्त शिक्षा का अधिकार दिया गया है. बेंचमार्क विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिए सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त उच्च शिक्षण संस्थानों के सीटों में 5 फीसद आरक्षण दिया गया है. सार्वजनिक भवनों चाहे वो सरकारी हो या निजी दोनों में निर्धारित समय सीमा में पहुंचने की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है. बेंचमार्क विकलांगता वाले कुछ व्यक्तियों या व्यक्तियों के वर्ग के लिए सरकारी नौकरियों में 4 फीसद आरक्षण तय किया है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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