सरगुजा: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा इशारा किया है. लोकसभा चुनाव पर बात करते हुए सीएम ने कहा कि आम चुनाव के नतीजे अचंभित करने वाले थे. हम समीक्षा कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने अमरजीत भगत को लेकर बड़ा इशारा किया है.
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि अमरजीत भगत को जल्द ही हाई कमान कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपेगा. सीएम के इस बयान से कयासों का बाजार गर्म हो गया है. हो सकता है अमरजीत भगत को नए प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल जाए. आपको बता दें कि सीएम बघेल ही अभी ये जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
कौन हैं अमरजीत भगत, उनके बारे में जानें-
- अमरजीत भगत सरगुजा संभाग के प्रमुख आदिवासी नेताओं में गिने जाते हैं.
- 22 जुलाई 1968 को जन्म हुआ. 1988 में विवाह हुआ. उनके 3 बेटे हैं, आदित्य, आशीष और कार्तिक.
- अमरजीत भगत चौथी बार विधायक बने हैं और बीएससी पास हैं. बीएससी फाइनल 1989 में उत्तीर्ण हुए.
- 1998 में सूरजपुर जनपद सदस्य रहे हैं.
- फिलहाज अमरजीत भगत छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भी हैं.
- विधानसभा चुनाव के बाद मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने के बाद से ही अमरजीत भगत की नाराजगी सामने आई थी, भगत इतने नाराज थे कि जीत के बाद लंबे वक्त तक अपने विधानसभा क्षेत्र में गए भी नहीं थे.
- भगत की नाराजगी की बात पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी तक पहुंची और राहुल ने मंत्रिमंडल की घोषणा के बाद भगत को दिल्ली बुलाया था और बड़ी जिम्मेदारी देने की बात कही थी.
- राहुल से मुलाकात के बाद से भगत का नाम पीपीसी अध्यक्ष पद के लिए चर्चा में आया था, लेकिन तब सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली थी कि सरगुजा से दिग्गज नेता और मंत्री टीएस सिंहदेव और उनके खेमे के विधायक भगत को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के खिलाफ थे, वहीं सीएम भूपेश बघेल ने अमरजीत भगत को पीसीसी चीफ के लिए अपनी पहली पसंद बताया था.
- अब एक बार फिर सरगुजा पहुंचे सीएम ने भगत का नाम लेकर इस खबर पर लगभग मुहर लगा दी है कि जल्द ही अमरजीत भगत को पीसीसी चीफ बनाया जा सकता है.
क्या इस वजह से मिल सकती है भगत को जिम्मेदारी
विधानसभा चुनाव में मिली ऐतिहासिक सफलता के बाद लोकसभा चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस नेताओं की चिंता बढ़ा दी है, ऐसे में साल के आखिर में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी कोई भी चूक नहीं करना चाहती, यही वजह है कि पीसीसी चीफ के लिए आदिवासी नेता के नाम पर मुहर लगाकर पार्टी इस वोट बैंक के बीच सकारात्मक संदेश देना चाहती है.