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इस सरकारी अस्पताल की हाई फैसिलिटी, भुला देगी इन हॉस्पिटलों के प्रति निगेटिविटी - sutrguja news

लुंड्रा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य संबंधी सम्पूर्ण सुविधा उपलब्ध है. इस अस्पताल में आने के बाद कभी भी आप को यह एहसास नहीं होगा कि यह एक सरकारी अस्पताल है प्राइवेट.

सरकारी अस्पताल की हाई फैसिलिटी,
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Published : Jun 23, 2019, 11:00 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा : सरकारी अस्पताल का नाम आते ही आपको मरीजों की लम्बी लाइनें, अव्यवस्थित हॉस्पिटल, दवाई की कमी, गंदगी और डॉक्टर की मनमानी सुनने को मिलते हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे अस्पताल की तस्वीरें दिखाएंगे, जिसे देखते ही आप ये भूल जाएंगे कि ये कोई प्राइवेट नहीं बल्कि सरकारी अस्पताल है.

सरकारी अस्पताल की हाई फैसिलिटी,

दरअसल, ETV भारत की टीम सरकारी अस्पतालों का जायजा लेने लुंड्रा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची. अस्पताल को केंद्र सरकार की योजना हेल्थ एंड वेलनेथ सेंटर के तहत विकास किया गया है. इस योजना के तहत अस्पतालों की कायाकल्प कर उसे काफी खूबसूरत और सुविधायुक्त बनाया गया है.

अस्पताल में मिलने वाली सुविधा

  • यहां मरीजों का इलाज, प्राइवेट अस्पताल जैसी सुविधा और देख-रेख के साथ की जाती है. अस्पताल का ओपीडी हो या वार्ड या फिर वेटिंग रूम हर चीज इतनी व्यवस्थित है कि शायद ही किसी शासकीय संस्थान में इतना अनुशासन देखने को मिले.
  • इस अस्पताल में पर्याप्त दवाइयों का स्टॉक है. डायग्नोस की व्यवस्था है. पर्याप्त स्टाफ मौजूद हैं. अस्पताल की सीलिंग में फाल सीलिंग से डिजाइन बनी हुई है. साफ सफाई की स्थिति ऐसी की बताई नहीं जा सकती.
  • अस्पताल के अंदर जाते ही यहां की सफाई महसूस की जा सकती है. सबसे अहम बात यह है कि यह अस्पताल सरकार द्वारा 24 घंटे सुविधा के लिए निर्देशित नहीं है, लेकिन इसके बावजूद यहां 24 घंटे स्टाफ मरीजों के इलाज के लिए मौजूद रहते हैं.

शायद यही वजह है कि छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट यूनिवर्सल हेल्थ केयर की शुरुआत के लिए लुंड्रा का चयन किया और पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में योजना की शुरुआत यही से की गई है.

बहरहाल ये काम इच्छाशक्ति का नतीजा है. अस्पताल में पदस्थ युवा चिकित्सक और स्टाफ की मेहनत, ईमानदारी और इच्छाशक्ति से यह सब संभव हुआ है. प्रदेश और देश के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों को इस अस्पताल और यहां के स्टाफ से प्रेरणा लेनी चाहिए. साथ ही अपने अस्पतालों में भी इस तरह की व्यवस्था देने का प्रयास करना चाहिए.

सरगुजा : सरकारी अस्पताल का नाम आते ही आपको मरीजों की लम्बी लाइनें, अव्यवस्थित हॉस्पिटल, दवाई की कमी, गंदगी और डॉक्टर की मनमानी सुनने को मिलते हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे अस्पताल की तस्वीरें दिखाएंगे, जिसे देखते ही आप ये भूल जाएंगे कि ये कोई प्राइवेट नहीं बल्कि सरकारी अस्पताल है.

सरकारी अस्पताल की हाई फैसिलिटी,

दरअसल, ETV भारत की टीम सरकारी अस्पतालों का जायजा लेने लुंड्रा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची. अस्पताल को केंद्र सरकार की योजना हेल्थ एंड वेलनेथ सेंटर के तहत विकास किया गया है. इस योजना के तहत अस्पतालों की कायाकल्प कर उसे काफी खूबसूरत और सुविधायुक्त बनाया गया है.

अस्पताल में मिलने वाली सुविधा

  • यहां मरीजों का इलाज, प्राइवेट अस्पताल जैसी सुविधा और देख-रेख के साथ की जाती है. अस्पताल का ओपीडी हो या वार्ड या फिर वेटिंग रूम हर चीज इतनी व्यवस्थित है कि शायद ही किसी शासकीय संस्थान में इतना अनुशासन देखने को मिले.
  • इस अस्पताल में पर्याप्त दवाइयों का स्टॉक है. डायग्नोस की व्यवस्था है. पर्याप्त स्टाफ मौजूद हैं. अस्पताल की सीलिंग में फाल सीलिंग से डिजाइन बनी हुई है. साफ सफाई की स्थिति ऐसी की बताई नहीं जा सकती.
  • अस्पताल के अंदर जाते ही यहां की सफाई महसूस की जा सकती है. सबसे अहम बात यह है कि यह अस्पताल सरकार द्वारा 24 घंटे सुविधा के लिए निर्देशित नहीं है, लेकिन इसके बावजूद यहां 24 घंटे स्टाफ मरीजों के इलाज के लिए मौजूद रहते हैं.

शायद यही वजह है कि छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट यूनिवर्सल हेल्थ केयर की शुरुआत के लिए लुंड्रा का चयन किया और पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में योजना की शुरुआत यही से की गई है.

बहरहाल ये काम इच्छाशक्ति का नतीजा है. अस्पताल में पदस्थ युवा चिकित्सक और स्टाफ की मेहनत, ईमानदारी और इच्छाशक्ति से यह सब संभव हुआ है. प्रदेश और देश के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों को इस अस्पताल और यहां के स्टाफ से प्रेरणा लेनी चाहिए. साथ ही अपने अस्पतालों में भी इस तरह की व्यवस्था देने का प्रयास करना चाहिए.

Intro:सरगुज़ा : आपने सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा के किस्से तो बहोत सुने होंगे, लिहाजा ईटीव्ही भारत ने भी एक अस्पताल का जायजा लिया, हमने उस अस्पताल का चयन किया जहां से यूनिवर्सल हेल्थ केयर की इबारत लिखने का प्रयास किया जा रहा है, लिहाजा हमने सरकार के दावों को पास से देखने का प्रयास किया की यहां की वास्तविक स्थिति क्या है.. लेकिन जब हम इस अस्पताल में पहुंचे तो नजारा कुछ अलग ही था, सरकारी दावे तो अक्सर खोखले ही साबित होते दिखे हैं, लेकिन इस अस्पताल को देखने के बाद आपकी आंखें आश्चर्य चकित रह जाएंगी, सरगुज़ा के लुंड्रा जैसे पिछड़े इलाके में यह सम्भव हुआ है, हम बात कर रहे हैं प्राथमिक स्वास्थ केंद्र लुंड्रा की जिसे केंद्र सरकार की योजना हेल्थ एन्ड वेलनेथ सेंटर के तहत डेव्हलप किया गया है.. और इस योजना के तहत अस्पतालों का कायाकल्प कर उसे काफी खूबसूरत और सुविधा युक्त किया गया है, लेकिन अस्पताल में मिलने वाली सबसे अहम चीज इन अस्पतालों से गायब देखी जाती है, चिकित्सा सुविधा के नाम पर कुछ खास नही होता है, लेकिन लुंड्रा में पदस्थ चिकित्सक मोहम्मद इमरान और इनके सहयोगी स्टाफ ने कमाल ही कर दिया है।

यहां इलाज कराने वाले मरीजो को किसी प्राइवेट अस्पताल जैसी सुविधा और देख रेख की जाती है, अस्पताल का ओपीडी हो या वार्ड या फिर वेटिंग रूम हर चीज इतनी व्यवस्थित है की शायद ही किसी शासकीय संस्थान में इतना डिसिप्लीन देखने को मिले, शासन की सोंच को इन लोगो ने पलीता नही लगाया बल्कि उसे मेंटेन रखा और हर छोटी छोटी चीज को व्यवस्थित किया है, जिसके परिणाम स्वरूप अस्पताल की हालत देख कर ऐसा लगता है जैसे किसी प्राइवेट मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में आ गए हों।


Body:शायद यही वजह है की छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट यूनिवर्सल हेल्थ केयर की शुरुआत के लिए लुंड्रा का चयन किया और पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में योजना यहां से शरू की गई है।

इस अस्पताल में पर्याप्त दवाइयों का स्टॉक है, डायग्नोस की व्यवस्था है, पर्याप्त स्टाफ मौजूद हैं, अस्पताल की सीलिंग में फाल सीलिंग से डिजाइन बनी हुई है, साफ सफाई की स्थिति ऐसी की बताई नही जा सकती, अस्पताल के अंदर जाने के बाद ही यहां की सफाई महसूस की जा सकती है। सबसे अहम बात यह है की यह अस्पताल सरकार द्वारा 24 घंटे सुविधा के लिए निर्देशित नही है, लेकिन इसके बावजूद यहां 24 घंटे स्टाफ मरीजों के इलाज के लिए मौजूद रहते हैं।


Conclusion:बहरहाल ये काम इच्छा शक्ति का नतीजा है, अस्पताल में पदस्थ युवा चिकित्सक और उनके स्टाफ की मेहनत, ईमानदारी और इच्छा शक्ति से यह संभव हुआ है, और प्रदेश और देश के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों को इस अस्पताल और यहां के स्टाफ से प्रेरणा लेना चाहिये और अपने अस्पतालों में भी इस तरह के प्रयास करने चाहिए।

बाईट01_डॉ मो. इमरान (मेडिकल ऑफीसर, लुंड्रा पीएससी)

देश दीपक सरगुज़ा

नोट- इस खबर में विजुअल ही इम्पोर्टेन्ट हैं इसलिए कुछ ज्यादा विजुअल हैं, आवश्यकता अनुसार देख लीजिएगा।
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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