सरगुजा : सरकारी अस्पताल का नाम आते ही आपको मरीजों की लम्बी लाइनें, अव्यवस्थित हॉस्पिटल, दवाई की कमी, गंदगी और डॉक्टर की मनमानी सुनने को मिलते हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे अस्पताल की तस्वीरें दिखाएंगे, जिसे देखते ही आप ये भूल जाएंगे कि ये कोई प्राइवेट नहीं बल्कि सरकारी अस्पताल है.
दरअसल, ETV भारत की टीम सरकारी अस्पतालों का जायजा लेने लुंड्रा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची. अस्पताल को केंद्र सरकार की योजना हेल्थ एंड वेलनेथ सेंटर के तहत विकास किया गया है. इस योजना के तहत अस्पतालों की कायाकल्प कर उसे काफी खूबसूरत और सुविधायुक्त बनाया गया है.
अस्पताल में मिलने वाली सुविधा
- यहां मरीजों का इलाज, प्राइवेट अस्पताल जैसी सुविधा और देख-रेख के साथ की जाती है. अस्पताल का ओपीडी हो या वार्ड या फिर वेटिंग रूम हर चीज इतनी व्यवस्थित है कि शायद ही किसी शासकीय संस्थान में इतना अनुशासन देखने को मिले.
- इस अस्पताल में पर्याप्त दवाइयों का स्टॉक है. डायग्नोस की व्यवस्था है. पर्याप्त स्टाफ मौजूद हैं. अस्पताल की सीलिंग में फाल सीलिंग से डिजाइन बनी हुई है. साफ सफाई की स्थिति ऐसी की बताई नहीं जा सकती.
- अस्पताल के अंदर जाते ही यहां की सफाई महसूस की जा सकती है. सबसे अहम बात यह है कि यह अस्पताल सरकार द्वारा 24 घंटे सुविधा के लिए निर्देशित नहीं है, लेकिन इसके बावजूद यहां 24 घंटे स्टाफ मरीजों के इलाज के लिए मौजूद रहते हैं.
शायद यही वजह है कि छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट यूनिवर्सल हेल्थ केयर की शुरुआत के लिए लुंड्रा का चयन किया और पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में योजना की शुरुआत यही से की गई है.
बहरहाल ये काम इच्छाशक्ति का नतीजा है. अस्पताल में पदस्थ युवा चिकित्सक और स्टाफ की मेहनत, ईमानदारी और इच्छाशक्ति से यह सब संभव हुआ है. प्रदेश और देश के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों को इस अस्पताल और यहां के स्टाफ से प्रेरणा लेनी चाहिए. साथ ही अपने अस्पतालों में भी इस तरह की व्यवस्था देने का प्रयास करना चाहिए.