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देसी के साथ विदेशी वाद्ययंत्रों को बजाने में माहिर है आदिवासी अंचल का अभिषेक - कौन है अभिषेक के आदर्श

सरगुजा जिले के अभिषेक ने वो कारनामा कर दिखाया (Abhishek Sarathi of Surguja district) है, जिसे करने के लिए मेहनत और लगन की जरूरत होती है. आज अभिषेक दूसरों के लिए एक नजीर बन चुके हैं.

Abhishek of tribal region specializes in playing foreign instruments with indigenous
देसी के साथ विदेशी वाद्ययंत्रों को बजाने में माहिर है आदिवासी अंचल का अभिषेक
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Published : May 31, 2022, 4:21 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा : भारतीय संगीत एक विशाल सागर जैसा है. बदलते वक्त में भारतीय संगीत अब दुनिया भर के संगीतों के साथ मेल करता दिखता है. ऐसे में वाद्य यंत्र बजाने वालों की जिम्मेदारी और चुनौती दोनों ही बढ़ रही है. पारंपरिक भारतीय वाद्य यंत्रों के साथ अब विदेश में बजने वाले वाद्य यंत्रों की भी डिमांड तेज हो चुकी है. ऐसे में सरगुजा जैसे आदिवासी अंचल का एक किशोर तबला, ढोलक के साथ चार विदेशी वाद्य यंत्र बजाने में महारथ हासिल कर रहा (Abhishek has mastered in percussion instruments) है.

देसी के साथ विदेशी वाद्ययंत्रों को बजाने में माहिर है आदिवासी अंचल का अभिषेक
किससे ली है ट्रेनिंग :अम्बिकापुर के 17 वर्षीय अभिषेक सारथी ने कम उम्र में ही बेहतर मुकाम हासिल कर लिया है. अभिषेक ने 5 वर्ष की उम्र से तबला और ढोलक बजाना शुरू किया. आज वो ढोलक तबला के अलावा 4 अन्य फॉरेन वाद्य यंत्र बजा रहे हैं. बड़ी बात ये है कि अभिषेक ने यह कला किसी एक्सपर्ट से नहीं सीखी बल्कि अपने परिवार से ही प्रेरणा लेकर खुद सीखी (Abhishek himself took inspiration in percussion instruments) है.कितने वाद्ययंत्रों में हासिल की महारथ : अभिषेक कुल 6 प्रकार के वाद्ययंत्र बजाते हैं. कुछ इंडियन तो कुछ वेस्टर्न इंस्ट्रूमेंट्स हैं. इंडियन इंस्ट्रूमेंट्स में ढोलक और तबला है. विदेशी वाद्य यंत्रों में केहान, हैण्ड सोनिक (इलेक्ट्रॉनिक), जैम्बे (अफ्रीकन), दारबूका (अरेबियन) अभिषेक के पास हैं. वो इन सभी वाद्य यंत्रों को बजाते हैं.

कौन हैं अभिषेक के आदर्श : एकलव्य ने गुरु द्रोणाचार्य के बिना सिखाये उनसे प्रेरित होकर धनुर्विद्या सीखी थी, वैसे ही अभिषेक भी अपने गुरु से सीख रहे हैं. अभिषेक मुम्बई में स्थापित बड़े म्यूजिशियन गिरीश विश्वा और नवीन शर्मा (Musicians Girish Vishwa and Naveen Sharma) को इंटरनेट पर देख कर उनसे वाद्य यंत्र बजाना सीखते हैं. दोनों ही गुरुओं से ना तो अभिषेक की कभी मुलाकात हुई है और ना ही कोई संपर्क है. लेकिन उन्हें गुरु मानकर अभिषेक संगीत सीख रहे हैं.

कौन सी प्रतियोगिता जीती : राज्य शासन ने वर्ष 2017-18 में प्रदेश स्तर पर ढोलक वादन की प्रतियोगिता कराई थी. इस प्रतियोगिता में सभी आयु वर्ग के कलाकारों ने हिस्सा लिया था. लेकिन 14 वर्ष के छोटे से बच्चे अभिषेक ने सभी को पछाड़ते हुए प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया. इसके बाद अभिषेक ने देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित कला महोत्सव में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया था.

ये भी पढ़ें- सरगुजा की ड्रॉप रो बॉल खिलाड़ी प्रियंका पैकरा कैसे बनीं गोल्डन गर्ल ?

किसके साथ देते हैं परफॉर्मेंस : सरगुजा संभाग के हर बड़े मंच पर बड़े कलाकारों के साथ अभिषेक दिखते हैं. चाहे वो मैनपाट महोत्सव हो या फिर तातापानी महोत्सव. यहां आने वाले लगभग हर बड़े कलाकार की पहली पसंद अभिषेक बन चुके हैं. अभिषेक संगीत सीख रहे लोगों से अपील भी करते हैं कि वो भी परंपरागत वाद्य यंत्रों के साथ विदेशी वाद्य यंत्र भी सीखें, इससे उनके खुद का विकास होगा.

सरगुजा : भारतीय संगीत एक विशाल सागर जैसा है. बदलते वक्त में भारतीय संगीत अब दुनिया भर के संगीतों के साथ मेल करता दिखता है. ऐसे में वाद्य यंत्र बजाने वालों की जिम्मेदारी और चुनौती दोनों ही बढ़ रही है. पारंपरिक भारतीय वाद्य यंत्रों के साथ अब विदेश में बजने वाले वाद्य यंत्रों की भी डिमांड तेज हो चुकी है. ऐसे में सरगुजा जैसे आदिवासी अंचल का एक किशोर तबला, ढोलक के साथ चार विदेशी वाद्य यंत्र बजाने में महारथ हासिल कर रहा (Abhishek has mastered in percussion instruments) है.

देसी के साथ विदेशी वाद्ययंत्रों को बजाने में माहिर है आदिवासी अंचल का अभिषेक
किससे ली है ट्रेनिंग :अम्बिकापुर के 17 वर्षीय अभिषेक सारथी ने कम उम्र में ही बेहतर मुकाम हासिल कर लिया है. अभिषेक ने 5 वर्ष की उम्र से तबला और ढोलक बजाना शुरू किया. आज वो ढोलक तबला के अलावा 4 अन्य फॉरेन वाद्य यंत्र बजा रहे हैं. बड़ी बात ये है कि अभिषेक ने यह कला किसी एक्सपर्ट से नहीं सीखी बल्कि अपने परिवार से ही प्रेरणा लेकर खुद सीखी (Abhishek himself took inspiration in percussion instruments) है.कितने वाद्ययंत्रों में हासिल की महारथ : अभिषेक कुल 6 प्रकार के वाद्ययंत्र बजाते हैं. कुछ इंडियन तो कुछ वेस्टर्न इंस्ट्रूमेंट्स हैं. इंडियन इंस्ट्रूमेंट्स में ढोलक और तबला है. विदेशी वाद्य यंत्रों में केहान, हैण्ड सोनिक (इलेक्ट्रॉनिक), जैम्बे (अफ्रीकन), दारबूका (अरेबियन) अभिषेक के पास हैं. वो इन सभी वाद्य यंत्रों को बजाते हैं.

कौन हैं अभिषेक के आदर्श : एकलव्य ने गुरु द्रोणाचार्य के बिना सिखाये उनसे प्रेरित होकर धनुर्विद्या सीखी थी, वैसे ही अभिषेक भी अपने गुरु से सीख रहे हैं. अभिषेक मुम्बई में स्थापित बड़े म्यूजिशियन गिरीश विश्वा और नवीन शर्मा (Musicians Girish Vishwa and Naveen Sharma) को इंटरनेट पर देख कर उनसे वाद्य यंत्र बजाना सीखते हैं. दोनों ही गुरुओं से ना तो अभिषेक की कभी मुलाकात हुई है और ना ही कोई संपर्क है. लेकिन उन्हें गुरु मानकर अभिषेक संगीत सीख रहे हैं.

कौन सी प्रतियोगिता जीती : राज्य शासन ने वर्ष 2017-18 में प्रदेश स्तर पर ढोलक वादन की प्रतियोगिता कराई थी. इस प्रतियोगिता में सभी आयु वर्ग के कलाकारों ने हिस्सा लिया था. लेकिन 14 वर्ष के छोटे से बच्चे अभिषेक ने सभी को पछाड़ते हुए प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया. इसके बाद अभिषेक ने देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित कला महोत्सव में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया था.

ये भी पढ़ें- सरगुजा की ड्रॉप रो बॉल खिलाड़ी प्रियंका पैकरा कैसे बनीं गोल्डन गर्ल ?

किसके साथ देते हैं परफॉर्मेंस : सरगुजा संभाग के हर बड़े मंच पर बड़े कलाकारों के साथ अभिषेक दिखते हैं. चाहे वो मैनपाट महोत्सव हो या फिर तातापानी महोत्सव. यहां आने वाले लगभग हर बड़े कलाकार की पहली पसंद अभिषेक बन चुके हैं. अभिषेक संगीत सीख रहे लोगों से अपील भी करते हैं कि वो भी परंपरागत वाद्य यंत्रों के साथ विदेशी वाद्य यंत्र भी सीखें, इससे उनके खुद का विकास होगा.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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