सरगुजा: मैनपाट वनपरिक्षेत्र में 2 महीने से हाथियों का दल डटा हुआ है. 9 सदस्यीय हाथियों का दल इलाके में दहशत फैला रखा है. भोजन की तलाश में हाथियों का दल उत्पात मचा रहा है. गजराज के डर से इलाके के लोगों का जीना मुहाल हो गया है. कई इलाकों में नुकसान भी पहुंचाया है.
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मैनपाट वनपरिक्षेत्र के तराई क्षेत्र में गजराज का दहशत है. ग्रामीण डर के साये में जीने को मजबूर हो गए हैं. बीते रात 9 हाथियों का दल बिलाईढोढ़ी के रिहायशी इलाके आ पहुंचा. हाथी भोजन की तलाश में ग्रामीणों के मकानों में घुस गए. हाथियों के डर से ग्रामीण घर छोड़ बाहर रहने को मजबूर हैं. बड़ी मुश्किल से ग्रामीणों ने अपनी जान बचाई है.
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मकानों को हाथियों ने तहस नहस कर दिया
बिलाईढोढ़ी के ग्रामीणों ने बताया कि गजराज के उत्पात से कड़ाके की ठंड के बीच रात गुजारनी पड़ रही है. गजराज से अपना और अपने परिवार की सुरक्षा कर रहे हैं. जब सुबह हुआ तो ग्रामीणों ने देखा कि उनके मकानों को हाथियों ने तहस नहस कर दिया है. अनाज को भी चट कर दिया है. अनाज खत्म होने से ग्रामीणों की चिंता और भी बढ़ गई है.
हाथियों ने मकानों और फसलों को पहुंचाया नुकसान
ETV BHARAT की टीम ने वन विभाग के अमले से मामले की जानकारी ली. अखिलेश कुमार मिंज ने बताया हाथियों के उत्पात से जिन ग्रामीणों के मकानों और फसलों को नुकसान हुआ है. तत्काल उसका मुआवजा तैयार कर ग्रामीणों को दिया जाएगा. वन विभाग की टीम ने बताया की दिन में हाथियों का दल रायगढ़ सीमा से लगे जंगल में चला जाता है. रात में सरगुजा जिले के मैनपाट के रिहायशी इलाकों में आ जाता है.
हाथियों की धमक से फिर दहला इलाका
मैनपाट इलाके में हाथियों के आते ही दहशत का माहौल बन जाता है. ग्रामीण हाथियों की धमक से वर्षों से पीड़ित हैं. हाथियों ने अब तक सैकड़ों लोगों को मौत की नींद सुला दी है. फिलहाल वन अमला मैदानी इलाकों में जाकर नुकसान की भरपाई करने में जुटा है. ग्रामीणों को फसल और मकानों के क्षतिपूर्ति के लिए मुआवजा तैयार किया जा रहा है.