सरगुजा : NH निर्माण के दौरान सड़क किनारे किए गए भूमि अधिग्रहण का भुगतान सालों से नहीं हो पाया है. हैरानी की बात तो यह है कि नाम प्रकाशन के बाद अब भी 29 करोड़ रुपए में से महज 9 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ है. जबकि 20 करोड़ का भुगतान बचा है. इधर मुआवजा नहीं मिलने से प्रभावितों में आक्रोश का माहौल है और वे अब आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर है. प्रशासन का कहना है कि मुआवजा वितरण को लेकर प्रक्रिया लम्बी कर दी गई है और दो पोर्टल से होकर गुजरना पड़ता है इस लिए फिलहाल थोड़ा वक्त लग रहा है.
223 करोड़ की लागत
दरअसल NH 130 शिवनगर से अंबिकापुर तक 52 किलोमीटर सीसी सड़क का निर्माण 223.89 करोड़ की लागत से कराया जा रहा है. NH पर 4 लेन सड़क का निर्माण साल 2017 में शुरू किया गया था और अब तक सड़क का निर्माण पूरा नहीं हो सका है.NH निर्माण कार्य के दौरान चौड़ीकरण के दौरान सड़क किनारे बनी बस्तियों में बड़ी संख्या में लोग प्रभावित भी हुए है. निर्माण के दौरान लोगों के घर, अहाते टूट गए. खेत खलिहान भी सड़क निर्माण की जद में आ गए. ऐसे में इन प्रभावितों को मुआवजा देने घोषणा की गई है. NH 130 स्थित उदयपुर ढाब, मेंड्राकला, भिट्ठीकला, सुंदरपुर, माझापारा व सांड़बार सहित अनेकों ऐसे गांव है जिन्हे मुआवजा दिया जाना है.
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20 करोड़ का भुगतान अटका
मुआवजा वितरण के लिए साल 2019 में इस्तेहार प्रकाशन भी कराया गया लेकिन उसके बाद भी प्रभावितों को अब तक मुआवजा का वितरण नहीं हो पाया है. मुआवजा वितरण नहीं होने से लोगों में खासा रोष है. जिला प्रशासन को दिए जा रहे ज्ञापन के बाद भी कोई पहल नहीं होने से अब पांच गांव के ग्रामीणों ने भिट्ठीकला राईसमिल चौक पर अंबिकापुर-बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित कर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है. NH 130 पर सड़क निर्माण के लिए किए गए भूमि अधिग्रहण में विकासखंड में 29 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरण किया जाना था. लेकिन अब तक महज 9 करोड़ का ही भुगतान हुआ है और 20 करोड़ का भुगतान अटका हुआ है.
दो पोर्टल के बीच लटका मुआवजा
भूमि अधिग्रहण के मुआवजे के भुगतान में देरी हुई. इसका तो फिलहाल पता नहीं चल सका है लेकिन अब प्रक्रिया के जटिल होने को प्रमुख कारण बताया जा रहा है. इस संबंध में SDM प्रदीप कुमार साहू ने बताया कि पहले प्रभावित के नाम से चेक जारी कर दिया जाता था और चेक बैंक में जमा करने पर राशि आहरण हो जाता था लेकिन अब भारत सरकार ने पहली बार NH के मुआवजा भुगतान के लिए दो पोर्टल बनाए है. इनमें पहला है भूमिराशि पोर्टल व दूसरा PSMS. भूमि पोर्टल में सबसे पहले खाता की एंट्री की जाती है. पोर्टल यह देखता है कि संबंधित खाता एक्टिव है या नहीं. यदि उसमें ट्रांजैक्शन नहीं हो रहा है तो पहले चरण में ही खाता अनवेरिफाइड हो जाएगा. यदि खाता वेरिफाई हो गया तो मुआवजे की एंट्री की जाएगी. इसमें एक साथ चार से पांच लोगों की एंट्री की जाती है और अगर किसी एक हितग्राही का मुआवजा सबमिट होने से पहले रिजेक्ट हो गया तो फिर से सभी की एंट्री करनी पड़ती है. यदि सभी खाते में मुआवजा की राशि की एंट्री हो जाती है तो वह PSMS पोर्टल में चला जाता है. PSMS से अप्रूवल मिलने पर SDM के डिजिटल हस्ताक्षर होंगे और उसके बाद एक इनवाइस जनरेट होगा. जिसे एसडीएम कार्यालय से NH EE कार्यालय भेजा जाता है. वहां से बिल को रायपुर भेजा जाएगा और रायपुर से ही भुगतान जारी होगा.
जल्द होगी पहल : कलेक्टर
सरगुजा कलेक्टर संजीव कुमार झा ने इस मामले में कहा है की गणना पत्रक में जिनका नाम है उन्हें मुआवजा मिलेगा. भारत सरकार ने अब नए पोर्टल जारी किए है. जिसके माध्यम से ही भुगतान होगा. मुआवजा वितरण में किस वजह से देरी हो रही है. इसकी जांच की जाएगी और जल्द भुगतान की पहल की जाएगी.