रायपुर: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में राज्य सरकार नए विधेयक ला रही है. इसमें समर्थन मूल्य से कम में खरीदी पर सजा, स्टॉक लिमिट तय करने से लेकर श्रम कानूनों में बदलाव के प्रस्ताव शामिल हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में इन विधेयकों पर चर्चा हो रही है. इसके बाद 27 और 28 अक्टूबर को विधानसभा के विशेष सत्र में विधेयकों को पेश किया जाएगा.
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केंद्रीय कृषि कानून के विरोध में राज्य सरकार दो दिन का विशेष सत्र बुला रही है. सत्र में केंद्रीय कानून को रोकने के लिए राज्य सरकार नया कानून बनाएगी. श्रम कानून में होने वाले बदलाव को लेकर भी बैठक में चर्चा संभव है. कुछ दिन पहले हुई बैठक में इससे संबंधित ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कृषि, सहकारिता, खाद्य और विधि विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई थी. समर्थन मूल्य से नीचे की खरीदी करने वालों के खिलाफ कड़े कानून बनाने की तैयारी की जा रही है.
- जमाखोरी पर अंकुश लगाने स्टॉक लिमिट तय करने के लिए आवश्यक वस्तु कानून में संशोधन संभव है.
- किसानों को शीघ्र भुगतान दिलाने का प्रावधान भी संभव है.
- विवाद की स्थिति में किसानों को कोर्ट जाने का अधिकार भी संभव है.
- बड़े और मझोले किस्म के उद्योगों के श्रमिकों के लिए श्रम नियमों में संशोधन भी किया जा सकता है.
- राज्योत्सव और धान खरीदी के लिए बारदानों की व्यवस्था और किसानों को दी जाने वाली चौथी किस्त पर भी बैठक में चर्चा संभव है.
पंजाब ने भी बनाया अपना कानून
कृषि कानून को लेकर पंजाब सरकार ने भी किसानों के अधिकतम समर्थन मूल्य पर खरीदी करने के लिए नियम बनाए हैं, लेकिन इससे हटकर छत्तीसगढ़ के किसान नेताओं ने पंजाब में बनाई गई व्यवस्था से बेहतर नियम बनाने की मांग की है.
पंजाब सरकार ने ये 3 बिल पेश किए
- फार्मर्स प्रोड्यूसर ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) स्पेशल प्रोविजंस एंड पंजाब अमेंडमेंट बिल
- द एसेंशियल कमोडिटीज (स्पेशल प्रोविजंस एंड पंजाब अमेंडमेंट) बिल
- द फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज (स्पेशल प्रोविजंस एंड पंजाब अमेंडमेंट बिल)
जानिए क्या है केंद्र का कृषि कानून
- बिल कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020. इसे 'एक राष्ट्र एक बाजार' का कानून कहा जा रहा है.
- कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020. कानून के जरिए किसानों को कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की ओर आकर्षित करने की कोशिश है.
- आवश्यक वस्तु (संशोधक) विधेयक 2020. इस कानून के तहत आपदा एवं युद्ध काल के अलावा खाद्यान्न भंडारण की सीमा खत्म की जा रही है.
- केंद्र सरकार का कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020 में इस बात का जिक्र है कि किसान एपीएमसी मंडियों के बाहर भी अपना उत्पाद बेच सकते हैं, वो दूसरे जिले और राज्यों में भी अपनी फसल बेच सकते हैं. इसके लिए उनको या उनके खरीदारों को एपीएमसी मंडियों को कोई फीस भी नहीं देनी होगी.
- यह विधेयक 'गारंटीड मूल्य' को अनिवार्य बनाता है, लेकिन इसे किस तरह निर्धारित किया जाएगा ये नहीं बताता. कीमत को सौदेबाजी के लिए खुला छोड़ा गया है.
बीजेपी विधायक दल की बैठक
छत्तीसगढ़ में नए कृषि और श्रम कानून को लेकर बुलाए गए छ्त्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर बीजेपी विरोध की रणनीति तैयार कर रही है. इसके लिए आज नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने अपने घर पर भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई है. इन दोनों विधेयकों का किस तरह से विरोध किया जाए, इसे लेकर रणनीति बनाई जाएगी और विधायकों को इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी.