रायपुर: दूसरी लहर के बाद अब प्रदेश में तीसरी लहर का खतरा मंडराने लगा है. कोरोना में दूसरी लहर में पूरे देश में तबाही मचाई थी. जुलाई में दूसरी लहर में संक्रमित मरीजों के आंकड़े थोड़े कम होने लगे थे. लेकिन दोबारा अब देश में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो प्रदेश में अब तक मरीजों की संख्या लगातार कम हो रही थी. लेकिन अब दोबारा प्रदेश में भी संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. कोरोना की दूसरी लहर में वेपराइजर, पल्स ऑक्सीमीटर, वेंटिलेटर, NIB मशीन और थर्मामीटर की डिमांड बाजार में काफी बढ़ गई थी. पहले पूरे प्रदेश में साल में 70 से 80 वेंटिलेटर बिका करते थे. लेकिन कोरोना में 700 वेंटिलेटर खरीदे और बेचे गए हैं.
मेडिकल इक्विपमेंट होलसेलर कुलदीप सिंघई ने बताया कि कोरोना काल में हॉस्पिटल और लोगों में सबसे ज्यादा डिमांड वेंटिलेटर, NIB मशीन, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और पल्स ऑक्सीमीटर की रही है. कोरोना काल में 700 वेंटिलेटर प्रदेश में खरीदे गए हैं. होलसेल में वेंटिलेटर की प्राइज 4 लाख से 17 लाख तक है. NIB मशीन 1200 परचेज किए गए हैं. इनकी प्राइज 28000 से शुरू होकर 2 लाख 50 हजार तक के होते हैं. कोरोना काल में छत्तीसगढ़ में लगभग 4000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बिके हैं. ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की प्राइज 25 हजार से 73 हजार है. पल्स ऑक्सीमीटर भी बाजारों में इस कोरोना काल में 30,000 बिके होंगे. जिनकी होलसेल में प्राइज 300 रुपये से लेकर 2500 तक है.
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कोरोना के पहले पल्स ऑक्सीमीटर, वेपराइजर की नहीं थी ज्यादा डिमांड
कोरोना काल के पहले मार्केट में इन सारी मशीनों की डिमांड ज्यादा नहीं थी. साल में 60 से 70 वेंटिलेटर ही प्रदेश में खरीदे जाते थे. NIB मशीन और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी काफी कम बाजार में खरीदे या बेचे जाते थे. पल्स ऑक्सीमीटर भी पहले बहुत कम लोग खरीदा करते थे. किसी के घर में इमरजेंसी हो या सीनियर सिटीजन हो, तब पल्स ऑक्सीमीटर घर में रखा जाता था. ताकि उनकी ऑक्सीजन चेक कराई जा सके. लेकिन कोरोना काल में इसकी डिमांड बहुत ज्यादा रही है.
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कोरोना की पहली लहर में प्रदेश में वेंटिलेटर ज्यादा नहीं बेचे गए थे. प्रदेश में पहली लहर में 200 से 250 वेंटिलेटर ही बेचे गए थे. पहली लहर में पल्स ऑक्सीमीटर बहुत ही ज्यादा बेचे गए थे. क्योंकि लोगों को उस समय सांस की बहुत ज्यादा दिक्कत आ रही थी. जिस वजह से इसकी डिमांड पहली लहर में बहुत बढ़ गई थी. वहीं दूसरी लहर में भी पल्स ऑक्सीमीटर बहुत से लोगों ने खरीदा है.
दूसरी लहर में पल्स ऑक्सीमीटर और वेपराइजर की बढ़ी डिमांड
मेडिकल कॉम्प्लेक्स अध्यक्ष विनय कृपलानी ने बताया कि 'जब कोरोना की दूसरी लहर प्रदेश में पीक पर थी. तब मुख्य रूप से जिनकी डिमांड बाजार में बहुत ज्यादा बढ़ी थी वह था पल्स ऑक्सीमीटर. डेली 8 हजार से 10 हजार पल्स ऑक्सीमीटर बेचे जा रहे थे. इसके अलावा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की डिमांड बहुत ज्यादा थी. वेपराइजर्स की भी अच्छी डिमांड थी. थर्मामीटर भी अच्छे बिकने लगे थे. कोरोना की पहली लहर के बाद से ही लोग पल्स ऑक्सीमीटर खरीदने लगे है. घर में ऑक्सीजन नापने के लिए डिमांड इतनी बढ़ गई थी कि हर व्यक्ति चाह रहा था कि हमारे घर में एक पल्स ऑक्सीमीटर हो. रिटेलर शॉप में पल्स ऑक्सीमीटर 500 से लेकर 2 हजार से 2500 तक बाजार में बिक रहे थे. इन सभी के रेट दिल्ली और मुंबई से मॉनिटर किए जाते हैं. थर्मामीटर की डिमांड एकदम ज्यादा नहीं बढ़ी थी. इसलिए वह फिक्स्ड कॉस्ट पर ही बिक रहे थे. लेकिन वेपराइजर की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ गई थी. इस वजह से 150-200 रुपये में बिकने वाला वेपराइजर 300-350 रुपये तक का बिक रहा था.