रायपुर: कोरोना काल में चिकित्सा सुविधा को दुरूस्त करने के लिए एक और फेरबदल किया गया है. राज्य शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मेडिकल कॉलेजों में पदस्थ प्राध्यापकों का नया तबादला और पदस्थापना आदेश जारी किया है. जारी आदेश के मुताबिक सिम्स में संचालक सह प्राध्यापक के पद पर पदस्थ डॉ. पीके पात्रा को मेकाहारा भेजा गया है.
मेकाहारा में पदस्थ प्रसूति एवं स्त्री रोग की प्राध्यापक डॉ. कुमारी तृप्ति नगरिया को बिलासपुर सिम्स का प्रभारी अधिष्ठाता बनाया गया है. इसी तरह अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में पदस्थ डॉ. रमेश मूर्ति को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज का प्रभारी अधिष्ठाता नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही डॉ. पीके निगम का अंबिकापुर तबादला निरस्त कर दिया गया है. वे अब पहले की तरह मेकाहारा में अपनी सेवाएं देते रहेंगे.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की थी सिम्स प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई
गौरतलब है कि कोरोना काल में भी बिलासपुर सिम्स में स्वास्थ्य सुविधाओं के बाद भी इलाज में अनियमितता का मामला लगातार आ रहा था. जिसकी वजह से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नाराजगी जताते हुए सिम्स प्रबंधन को लेकर कड़ी कार्रवाई की थी.
मरीजों के लिए बिस्तरों की कमी
छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की स्थिति रोजाना भयावह होती जा रही है. कोरोना के एक्टिव केस के मामले में छत्तीसगढ़ ने देश के 25 राज्यों को पीछे छोड़ दिया है. मृत्यु दर की बात करें तो छत्तीसगढ़ देश के 15 राज्यों में आगे है. संक्रमण इतनी तेजी से फैल रहा है कि अस्पतालों में अब मरीजों के लिए बिस्तरों की कमी हो गई है. प्रदेश में महामारी की स्थिति डराने वाली है.
रोजाना मिल रहे है 2 हजार से ज्यादा मरीज
राज्य में 23 अगस्त तक रोज 1 हजार से कम संक्रमित मरीज मिल रहे थे, लेकिन 24 अगस्त से यह आंकड़ा बढ़ गया. जिसके बाद रोजाना एक हजार से ज्यादा मरीज मिलने लगे हैं. बीते दो दिनों की बात करें, तो हर दिन मिलने वाले संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 2 हजार के पार हो गया है.
अस्पतालों में करीब 11 हजार 579 बिस्तरों की व्यवस्था
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 25 शासकीय अस्पतालों में पर्याप्त बिस्तरों की व्यवस्था है. इसके अलावा जिले के कोरोना केयर सेंटर में 6 हजार 940 और 18 निजी अस्पतालों में 1 हजार 56 मिलाकर 11 हजार 579 बिस्तरों की व्यवस्था अस्पतालों में की गई है. करीब 10 हजार स्थाई बिस्तरों की व्यवस्था होने की जानकारी स्वास्थ्य विभाग ने दी है. राज्य में 22 हजार 320 मरीज सक्रिय हैं. इस स्थिति को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि दो-चार दिन में सारे बिस्तर भर जाएंगे.
स्टूडेंट्स और सोशल वर्कर्स से काम लेने की जरूरत
ICMR के सदस्य डॉक्टर राकेश गुप्ता ने बताया कि आने वाला समय बेहद चुनौतीपूर्ण होने वाला है. ऐसे में हमें जिम्मेदारियों का विकेंद्रीकरण करने की जरूरत है. मेडिकल स्टूडेंट्स और जो सोशल वर्कर्स हैं, उनसे भी काम लेने की आवश्यकता है. डॉक्टरों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को मजबूत करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि चुनौतियां बहुत हैं, लेकिन इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरी है कि लोगों में जनजागृति आए.
प्रदेश में रोजाना हजारों की संख्या में सामने आ रहे कोरोना मरीज
प्रदेश में अब रोजाना हजारों की संख्या में मरीज सामने आ रहे हैं. राजधानी रायपुर इन दिनों कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है. ऐसे में अब सभी लोगों को उचित इलाज देना स्वास्थ्य विभाग के सामने एक बड़ी चुनौती है. इस बीच होम क्वॉरेंटाइन और आइसोलेशन की व्यवस्थाओं को दुरुस्त कराने में भी स्वास्थ्य विभाग लगा हुआ है.