रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर वैसे तो स्मार्ट सिटी बनने जा रहा है, लेकिन राजधानी के कुछ वार्डों में आज भी मूलभूत सुविधाओं की कमी देखने को मिल रही है. वार्डवासी अपनी समस्याओं को लेकर कई बार निगम प्रशासन से शिकायत कर चुका है, लेकिन इनकी समस्याएं जस की तस बनी हुई है. इन इलाकों में मूलभूत सुविधाओं को लेकर निगम प्रशासन का अपना तर्क है.
राजधानी के सड़कों से लगे हुए वार्डों में बिजली, पानी, सड़क और नाली जैसी मूलभूत सुविधाएं तो है, लेकिन शहर के अंदर के वार्डों में वार्डवासियों को कई तरह की समस्याएं और परेशानी झेलनी पड़ रही है. इसकी चिंता न निगम प्रशासन है और वहां के नेताओं को.
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कई वार्डों में नहीं बन पाई सड़क
ईटीवी भारत ने राजधानी के अंदर के कुछ वार्डों का जायजा लिया तो पता चला कि वार्डवासी इन वार्डों में पिछले 5 साल से भी ज्यादा समय से निवास कर रहे हैं, लेकिन इन्हें मूलभूत सुविधा ने नाम पर उनके पास प्रशासन की तरफ से सिर्फ कच्ची सड़क है. कुछ ऐसे भी वार्ड हैं, जहां न तो स्ट्रीट लाइट लगी हुई है न ही नालियां बनी हुई है. कई वार्डों में सीसी रोड तक नहीं बन पाया है.
कार्यालयों के चक्कर काटने पर मजबूर
रहवासियों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि स्ट्रीट लाइट सीसी रोड और नाली निर्माण के लिए कई बार पार्षद और निगम कार्यालय के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन इनकी समस्याओं को सुनने और देखने के लिए निगम के किसी अधिकारी या नेता के पास फुर्सत नहीं है. इन वार्डवासियों को समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन जरूर मिलते रहता है, लेकिन उस आश्वासन पर आज तक काम नहीं हुआ.
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सड़क में जमा होता है पानी
समस्या ग्रस्त इन वार्डों में घरों का पानी नाली नहीं होने के कारण घर के आस-पास ही जमा हो जाता है. इस जमे हुए पानी से कई तरह की बीमारियां फैलने की आशंका बनी रहती है. सीसी रोड नहीं होने के कारण इन वार्डों में बरसात के दिनों में पानी भरने की वजह से बाहर निकलना भी दूभर हो जाता है. नगर निगम चुनाव के दौरान इन वार्डों में वोट मांगने के लिए पार्षद जरूर आते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होने और चुनाव जीतने के बाद कोई भी पार्षद या फिर नेता इन वार्डों में झांकने तक नहीं आते.
राजधानी के कुछ वार्डों में सीसी रोड स्ट्रीट लाइट और नाली निर्माण के संबंध में जब ईटीवी भारत ने नगर निगम के अपर आयुक्त से बात की तो उन्होंने अपना तर्क देते हुए बताया कि कई जगहों पर अवैध निर्माण होने के चलते उन जगहों पर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में थोड़ा समय लग रहा है.