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SPECIAL: दावा स्मार्ट सिटी का, हकीकत सुदूर गांव की हालत से भी बदतर - Raipur Corporation Administration

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है. सरकारी दावा है कि शहर के हर वार्ड में सड़क-पानी-बिजली के साथ तमाम सुविधाएं हैं, लेकिन जमीनी हकीकत क्या है देखिये ईटीवी भारत की इस विशेष रिपोर्ट में...

there are no basic facilities in outer area of raipur
पानी जाम
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Published : Mar 6, 2021, 6:45 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर वैसे तो स्मार्ट सिटी बनने जा रहा है, लेकिन राजधानी के कुछ वार्डों में आज भी मूलभूत सुविधाओं की कमी देखने को मिल रही है. वार्डवासी अपनी समस्याओं को लेकर कई बार निगम प्रशासन से शिकायत कर चुका है, लेकिन इनकी समस्याएं जस की तस बनी हुई है. इन इलाकों में मूलभूत सुविधाओं को लेकर निगम प्रशासन का अपना तर्क है.

रायपुर के आउटर वार्ड की स्थिति

राजधानी के सड़कों से लगे हुए वार्डों में बिजली, पानी, सड़क और नाली जैसी मूलभूत सुविधाएं तो है, लेकिन शहर के अंदर के वार्डों में वार्डवासियों को कई तरह की समस्याएं और परेशानी झेलनी पड़ रही है. इसकी चिंता न निगम प्रशासन है और वहां के नेताओं को.

there are no basic facilities in outer area of raipur
कच्ची सड़क

Womens Day: इन महिलाओं के इशारे पर उड़ते और उतरते हैं विमान

कई वार्डों में नहीं बन पाई सड़क

ईटीवी भारत ने राजधानी के अंदर के कुछ वार्डों का जायजा लिया तो पता चला कि वार्डवासी इन वार्डों में पिछले 5 साल से भी ज्यादा समय से निवास कर रहे हैं, लेकिन इन्हें मूलभूत सुविधा ने नाम पर उनके पास प्रशासन की तरफ से सिर्फ कच्ची सड़क है. कुछ ऐसे भी वार्ड हैं, जहां न तो स्ट्रीट लाइट लगी हुई है न ही नालियां बनी हुई है. कई वार्डों में सीसी रोड तक नहीं बन पाया है.

there are no basic facilities in outer area of raipur
कचरे के निपटारे की व्यवस्था नहीं

कार्यालयों के चक्कर काटने पर मजबूर

रहवासियों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि स्ट्रीट लाइट सीसी रोड और नाली निर्माण के लिए कई बार पार्षद और निगम कार्यालय के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन इनकी समस्याओं को सुनने और देखने के लिए निगम के किसी अधिकारी या नेता के पास फुर्सत नहीं है. इन वार्डवासियों को समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन जरूर मिलते रहता है, लेकिन उस आश्वासन पर आज तक काम नहीं हुआ.

जे योगानंदम महाविद्यालय और तमिलनाडु टीचर्स एजुकेशन विश्वविद्यालय के बीच MoU

सड़क में जमा होता है पानी

समस्या ग्रस्त इन वार्डों में घरों का पानी नाली नहीं होने के कारण घर के आस-पास ही जमा हो जाता है. इस जमे हुए पानी से कई तरह की बीमारियां फैलने की आशंका बनी रहती है. सीसी रोड नहीं होने के कारण इन वार्डों में बरसात के दिनों में पानी भरने की वजह से बाहर निकलना भी दूभर हो जाता है. नगर निगम चुनाव के दौरान इन वार्डों में वोट मांगने के लिए पार्षद जरूर आते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होने और चुनाव जीतने के बाद कोई भी पार्षद या फिर नेता इन वार्डों में झांकने तक नहीं आते.

राजधानी के कुछ वार्डों में सीसी रोड स्ट्रीट लाइट और नाली निर्माण के संबंध में जब ईटीवी भारत ने नगर निगम के अपर आयुक्त से बात की तो उन्होंने अपना तर्क देते हुए बताया कि कई जगहों पर अवैध निर्माण होने के चलते उन जगहों पर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में थोड़ा समय लग रहा है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर वैसे तो स्मार्ट सिटी बनने जा रहा है, लेकिन राजधानी के कुछ वार्डों में आज भी मूलभूत सुविधाओं की कमी देखने को मिल रही है. वार्डवासी अपनी समस्याओं को लेकर कई बार निगम प्रशासन से शिकायत कर चुका है, लेकिन इनकी समस्याएं जस की तस बनी हुई है. इन इलाकों में मूलभूत सुविधाओं को लेकर निगम प्रशासन का अपना तर्क है.

रायपुर के आउटर वार्ड की स्थिति

राजधानी के सड़कों से लगे हुए वार्डों में बिजली, पानी, सड़क और नाली जैसी मूलभूत सुविधाएं तो है, लेकिन शहर के अंदर के वार्डों में वार्डवासियों को कई तरह की समस्याएं और परेशानी झेलनी पड़ रही है. इसकी चिंता न निगम प्रशासन है और वहां के नेताओं को.

there are no basic facilities in outer area of raipur
कच्ची सड़क

Womens Day: इन महिलाओं के इशारे पर उड़ते और उतरते हैं विमान

कई वार्डों में नहीं बन पाई सड़क

ईटीवी भारत ने राजधानी के अंदर के कुछ वार्डों का जायजा लिया तो पता चला कि वार्डवासी इन वार्डों में पिछले 5 साल से भी ज्यादा समय से निवास कर रहे हैं, लेकिन इन्हें मूलभूत सुविधा ने नाम पर उनके पास प्रशासन की तरफ से सिर्फ कच्ची सड़क है. कुछ ऐसे भी वार्ड हैं, जहां न तो स्ट्रीट लाइट लगी हुई है न ही नालियां बनी हुई है. कई वार्डों में सीसी रोड तक नहीं बन पाया है.

there are no basic facilities in outer area of raipur
कचरे के निपटारे की व्यवस्था नहीं

कार्यालयों के चक्कर काटने पर मजबूर

रहवासियों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि स्ट्रीट लाइट सीसी रोड और नाली निर्माण के लिए कई बार पार्षद और निगम कार्यालय के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन इनकी समस्याओं को सुनने और देखने के लिए निगम के किसी अधिकारी या नेता के पास फुर्सत नहीं है. इन वार्डवासियों को समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन जरूर मिलते रहता है, लेकिन उस आश्वासन पर आज तक काम नहीं हुआ.

जे योगानंदम महाविद्यालय और तमिलनाडु टीचर्स एजुकेशन विश्वविद्यालय के बीच MoU

सड़क में जमा होता है पानी

समस्या ग्रस्त इन वार्डों में घरों का पानी नाली नहीं होने के कारण घर के आस-पास ही जमा हो जाता है. इस जमे हुए पानी से कई तरह की बीमारियां फैलने की आशंका बनी रहती है. सीसी रोड नहीं होने के कारण इन वार्डों में बरसात के दिनों में पानी भरने की वजह से बाहर निकलना भी दूभर हो जाता है. नगर निगम चुनाव के दौरान इन वार्डों में वोट मांगने के लिए पार्षद जरूर आते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होने और चुनाव जीतने के बाद कोई भी पार्षद या फिर नेता इन वार्डों में झांकने तक नहीं आते.

राजधानी के कुछ वार्डों में सीसी रोड स्ट्रीट लाइट और नाली निर्माण के संबंध में जब ईटीवी भारत ने नगर निगम के अपर आयुक्त से बात की तो उन्होंने अपना तर्क देते हुए बताया कि कई जगहों पर अवैध निर्माण होने के चलते उन जगहों पर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में थोड़ा समय लग रहा है.

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