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निलंबित आईपीएस जीपी सिंह ने जमानत याचिका ली वापस, भ्रष्टाचार और राजद्रोह का है आरोप

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Published : Jul 13, 2021, 10:01 PM IST

निलंबित आईपीएस जीपी सिंह (IPS GP Singh) ने जमानत याचिका वापस ले ली है. आईपीएस जीपी सिंह पर भ्रष्टाचार (IPS GP Singh accused of corruption) और राजद्रोह का केस है. कार्रवाई के बाद से आईपीएस जीपी सिंह फरार चल रहे हैं.

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निलंबित आईपीएस जीपी सिंह

रायपुर: भ्रष्टाचार और राजद्रोह केस में घिरे आईपीएस जीपी सिंह (IPS GP Singh) ने जमानत याचिका वापस ले ली है. जीपी सिंह के ठिकानों पर ACB ने ताबड़तोड़ छापा (ACB raid) मारा था. जिसमें 10 करोड़ की अनुपातहीन संपत्ति(disproportionate assets) का खुलासा हुआ है. इसके बाद कोतवाली थाने में जीपी सिंह पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इस कार्रवाई के बाद से आईपीएस जीपी सिंह फरार (IPS GP Singh absconding) चल रहे हैं. जीपी सिंह ने वकील के माध्यम से रायपुर के डीजे कोर्ट (dj court in raipur) में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी. लेकिन केस डायरी पूरी नहीं होने की वजह से उन्होंने अपनी बेल पीटिशन वापस ले ली है.

केस डायरी कंप्लीट नहीं होने पर ली याचिका वापस

जानकारी के मुताबिक निलंबित आईपीएस जीपी सिंह मामले की केस डायरी अभी कंप्लीट नहीं हुई है. रायपुर कोर्ट ने सुनवाई के लिए पुलिस से केस डायरी मांगी थी, लेकिन इस मामले के जांच अधिकारी शहर से बाहर थे. यही वजह है कि जीपी सिंह ने अपनी याचिका वापस ले ली है. जीपी सिंह ने खुद के खिलाफ एसीबी की तरफ से हो रही कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग हाईकोर्ट में याचिका दायर कर की है. उन्होंने मांग की है कि उनके खिलाफ की जा रही कार्रवाई की सीबीआई द्वारा जांच की जाए. इस याचिका पर हाईकोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा.

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जीपी सिंह ने कोरोना का दिया हवाला

एसीबी ने निलंबित एडीजी जीपी सिंह को नोटिस भेजकर 10 करोड़ की अनुपातहीन संपत्ति पर जवाब मांगा था. लेकिन जीपी सिंह ने कोरोना का हवाला देकर आने से मना कर दिया. उन्होंने कहा है कि वह अभी कोरोना के लक्षण की वजह से आराम कर रहे हैं. इससे पहले भी भेजे गए नोटिस में उन्होंने ACB के सामने तुरंत हाजिर होने में अपनी असमर्थता जताई थी.

लगातार मिल रही थी शिकायत

जीपी सिंह के खिलाफ आर्थिक अपराध ब्यूरो के कार्यकाल के दौरान डरा-धमकाकर अवैध वसूली के जरिए आय से अधिक संपत्ति रखने की शिकायत मिल रही थी. जिसके आधार पर जांच शुरू की गई. 10 करोड़ से ज्यादा के अवैध लेनदेन का खुलासा हुआ है. रायपुर, भिलाई, राजनांदगांव और ओडिशा राज्य में बेनामी संपत्तियां अर्जित करने की पुष्टि हुई है.जांच के दौरान इस बात के पुख्ता प्रमाण मिले थे कि जीपी सिंह ने अलग-अलग जगहों पर करोड़ों की अनुपातहीन अवैध संपति अर्जित की है. उन्होंने कई बड़े लेन-देन किए हैं. शेल कंपनियों में निवेश करके मनी लॉन्ड्रिंग का प्रयास भी किया है. जीपी सिंह पर एंटी करप्शन ब्यूरो (Anti Corruption Bureau, ACB) और इकॉनॉमिक ऑफेंस विंग (Economic Offenses Wing, EoW) ने शिकंजा कसा है.

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1994 बैच के IPS ऑफिसर हैं जीपी सिंह

निलंबित एडीजी जीपी सिंह, भारतीय पुलिस सेवा के 1994 बैच के अधिकारी हैं. वर्तमान में वह राज्य पुलिस अकादमी के निदेशक हैं. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सिंह एसीबी (ACB)के प्रमुख भी रहे थे. राज्य सरकार ने उन्हें पिछले वर्ष जून माह में हटा दिया था.

रायपुर: भ्रष्टाचार और राजद्रोह केस में घिरे आईपीएस जीपी सिंह (IPS GP Singh) ने जमानत याचिका वापस ले ली है. जीपी सिंह के ठिकानों पर ACB ने ताबड़तोड़ छापा (ACB raid) मारा था. जिसमें 10 करोड़ की अनुपातहीन संपत्ति(disproportionate assets) का खुलासा हुआ है. इसके बाद कोतवाली थाने में जीपी सिंह पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इस कार्रवाई के बाद से आईपीएस जीपी सिंह फरार (IPS GP Singh absconding) चल रहे हैं. जीपी सिंह ने वकील के माध्यम से रायपुर के डीजे कोर्ट (dj court in raipur) में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी. लेकिन केस डायरी पूरी नहीं होने की वजह से उन्होंने अपनी बेल पीटिशन वापस ले ली है.

केस डायरी कंप्लीट नहीं होने पर ली याचिका वापस

जानकारी के मुताबिक निलंबित आईपीएस जीपी सिंह मामले की केस डायरी अभी कंप्लीट नहीं हुई है. रायपुर कोर्ट ने सुनवाई के लिए पुलिस से केस डायरी मांगी थी, लेकिन इस मामले के जांच अधिकारी शहर से बाहर थे. यही वजह है कि जीपी सिंह ने अपनी याचिका वापस ले ली है. जीपी सिंह ने खुद के खिलाफ एसीबी की तरफ से हो रही कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग हाईकोर्ट में याचिका दायर कर की है. उन्होंने मांग की है कि उनके खिलाफ की जा रही कार्रवाई की सीबीआई द्वारा जांच की जाए. इस याचिका पर हाईकोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा.

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जीपी सिंह ने कोरोना का दिया हवाला

एसीबी ने निलंबित एडीजी जीपी सिंह को नोटिस भेजकर 10 करोड़ की अनुपातहीन संपत्ति पर जवाब मांगा था. लेकिन जीपी सिंह ने कोरोना का हवाला देकर आने से मना कर दिया. उन्होंने कहा है कि वह अभी कोरोना के लक्षण की वजह से आराम कर रहे हैं. इससे पहले भी भेजे गए नोटिस में उन्होंने ACB के सामने तुरंत हाजिर होने में अपनी असमर्थता जताई थी.

लगातार मिल रही थी शिकायत

जीपी सिंह के खिलाफ आर्थिक अपराध ब्यूरो के कार्यकाल के दौरान डरा-धमकाकर अवैध वसूली के जरिए आय से अधिक संपत्ति रखने की शिकायत मिल रही थी. जिसके आधार पर जांच शुरू की गई. 10 करोड़ से ज्यादा के अवैध लेनदेन का खुलासा हुआ है. रायपुर, भिलाई, राजनांदगांव और ओडिशा राज्य में बेनामी संपत्तियां अर्जित करने की पुष्टि हुई है.जांच के दौरान इस बात के पुख्ता प्रमाण मिले थे कि जीपी सिंह ने अलग-अलग जगहों पर करोड़ों की अनुपातहीन अवैध संपति अर्जित की है. उन्होंने कई बड़े लेन-देन किए हैं. शेल कंपनियों में निवेश करके मनी लॉन्ड्रिंग का प्रयास भी किया है. जीपी सिंह पर एंटी करप्शन ब्यूरो (Anti Corruption Bureau, ACB) और इकॉनॉमिक ऑफेंस विंग (Economic Offenses Wing, EoW) ने शिकंजा कसा है.

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1994 बैच के IPS ऑफिसर हैं जीपी सिंह

निलंबित एडीजी जीपी सिंह, भारतीय पुलिस सेवा के 1994 बैच के अधिकारी हैं. वर्तमान में वह राज्य पुलिस अकादमी के निदेशक हैं. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सिंह एसीबी (ACB)के प्रमुख भी रहे थे. राज्य सरकार ने उन्हें पिछले वर्ष जून माह में हटा दिया था.

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