रायपुर: निलंबित सीनियर आईपीएस अफसर जीपी सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति में घिरे निलंबित आईपीएस अफसर के ओडिशा स्थित क्योंझर जिले के गृहग्राम में रायपुर पुलिस पहुंच चुकी है. आज सुबह ही आईपीएस कोतवाली सीएसपी अंजनेय वाष्णेय के नेतृत्व में दो टीमें रावना हुई थी. पुलिस सूत्रों के मुताबिक दोपहर करीब 3 बजे पुलिस उनके गृहग्राम पहुंची हैं. जहां उनके रिश्तेदारों से पूछताछ की जा सकती है.
पहले भी दिल्ली और चंडीगढ़ भेजी गई थी टीमें
आपको बता दें कि रायपुर एसएसपी अजय यादव ने निलंबित आईपीएस अफसर जीपी सिंह के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद 3-4 टीमें दिल्ली और चंडीगढ़ भेजी थी. लेकिन टीम को खाली हाथ ही लौटना पड़ा था. उसके बाद आज सुबह उनके गृहग्राम के लिए दो टीमें भेजी गई हैं. इस टीम का नेतृत्व आईपीएस कोतवाली सीएसपी अंजनेय वाष्णेय कर रहे हैं. इससे पहले भी आईपीएस अफसर अंजनेय वाष्णेय के नेतृत्व में टीमें दिल्ली, चंडीगढ़ और ओडिशा जा चुकी है. पुलिस सूत्रों की माने तो इस बार निलंबित आईपीएस अफसर जीपी सिंह से संबंधित कुछ क्लू मिल सकता है. अब देखना ये बड़ा दिलचस्प होगा कि पुलिस उनके गृहग्राम से खली हाथ लौटती है या कुछ सबूत लेकर आएगी.
एसीबी-EOW की टीमों ने एक साथ मारा था छापा
छत्तीसगढ़ के सीनियर आईपीएस रहे जीपी सिंह के ठिकानों पर 1 जुलाई को एसीबी और EOW की टीमों ने एक साथ छापे मार करवाई की थी. टीमों ने रायपुर स्थित उनके सरकारी निवास और राजनांदगांव और ओडिशा में एक साथ दबिश दी थी. इस दौरान टीम ने रायपुर, भिलाई और राजनांदगांव समेत ओडिशा में करोड़ों की प्रॉपर्टी की पुष्टि की थी. उसके बाद रायपुर के सिटी कोतवाली थाने में सीनियर आईपीएस रहे जीपी सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह का मामला दर्ज करवाया था. उसके बाद राज्य सरकार ने जीपी सिंह को निलंबित कर दिया था. कुछ दिनों बाद उनके खिलाफ तीन और मामले दर्द हुए, जिसमें एक स्पेशल डीजी के साथ ही 2 आईजी रेंज के अफसरों को मामले के जांच के आदेश दिए गए थे.
1994 बैच के IPS अफसर है जीपी सिंह
एफआईआर दर्ज होने के बाद जीपी सिंह ने हाईकोर्ट की शरण ली है. जीपी सिंह ने रिट याचिका दायर करते हुए पूरे मामले में स्वतंत्र एजेंसी सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग की है. मामले की जांच शुरू होने तक राज्य के पुलिस की जांच पर भी रोक लगाने की मांग की थी. जीपी सिंह भारतीय पुलिस सेवा के 1994 बैच के अधिकारी रहे हैं. वह राज्य पुलिस अकादमी के निदेशक थे.