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SPECIAL: फीकी पड़ी त्योहारों में मिठाई की मिठास

त्योहारों सीजन की रौनक इस साल गुम सी हो गई है. रक्षाबंधन के त्योहार का हर साल जिन व्यापारियों को इंतजार होता था, वह कोरोना काल में निराश है. मिठाई व्यवसायी पूरी तरह घाटे में जा रहे हैं. उनके दुकानों में एक से दो ग्राहक ही पहुंच रहे हैं. इस समय उन्हें आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है.

Sweet Shop
मिठाई दुकान
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Published : Aug 1, 2020, 1:28 PM IST

रायपुर: त्योहारों की जब भी बात आती है, सबसे पहले जहन में मिठाई का स्वाद आता है. बात अगर रक्षाबंधन की हो तो बगैर मिठाई ये त्योहार कुछ फीका सा लगता है. इस साल कोरोना संक्रमण ने व्यवसाय की कमर तोड़ दी है. जहां त्योहार के कुछ दिनों पहले ही बाजार सज जाया करते थे, वहीं अब रौनक ही गायब हो गई है. कोरोना के डर से लोग अब बाजार से दूरियां बनाने लगे हैं. जिन दुकानों में कभी लंबी कतारें हुआ करती थी, वहां अब सन्नाटा पसरा है.

कम हुई मिठाई की बिक्री

पढ़ें-SPECIAL: मजबूत हौसले से आपदा को अवसर में बदला, अब कर रहे हैं लाखों की कमाई

त्योहारों के समय मिठाईयों की बिक्री बहुत प्रभावित हुई है. कई दुकानदार अपनी दुकान बंद कर चुके हैं. इस बीच रायपुर में अचानक से कोरोना संक्रमितों के आंकड़े बढ़ने से लोगों के बीच डर का माहौल है. अधिकतर लोग घर की बनी मिठाइयां उपयोग में ला रहे हैं. लॉकडाउन बढ़ने से त्योहारी सीजन में दुकानदारों को जो बची उम्मीद थी, वह भी खत्म हो गई है. हालांकि मिठाई दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है, लेकिन सुबह 6 बजे से 10 बजे तक ही दुकान खुलने से ग्राहक और कम हो गए हैं.

sweets-shops
मिठाई दुकान

मिठाई हो रही बर्बाद

रायपुर में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाकर 6 अगस्त कर दी है. इस बीच अचानक से मिठाई दुकानों को खोले जाने की अनुमति दी गई. इस स्थिति में कई दुकानदारों ने मिठाईयां ही तैयार करके नहीं रखी थी, वहीं कुछ दुकानदारों के पास ग्राहक ही नहीं पहुंच रहे हैं. दुकानदारों का कहना है कि सरकार उन्हें कुछ और दिनों समय दे, जिससे वे अपनी आर्थिक स्थिति सुधार पाए. दुकानदार ने बताया कि लोग की पहली प्राथमिक सब्जी और राशन है, इस स्थिति में कुछ लोग मिठाईयां खरीदने पहुंच रहे हैं. संक्रमण के डर से लोग कम से कम मात्रा में मिठाई ले जा रहे हैं, इस वजह से बाकी रखी मिठाईयां खराब होने लगी है.

sweets
मिठाईयां

नहीं दे पा रहे दुकान का किराया

मिठाई दुकान संचालक ने बताया कि इस समय मात्र 10 फीसदी ही व्यापार हो रहा है. इस वजह से दुकान का खर्च निकालना मुश्किल हो गया है. हलवाई का खर्च, दुध का खर्च, हेल्पर का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है. जिन दुकानदारों ने दुकानें किराये पर ली है, वह इस समय किराया दे पाने की स्थिति में नहीं हैं.

करोड़ों रुपये का हो रहा नुकसान

राजधानी रायपुर की अगर बात करें तो यहां तकरीबन 100 से ज्यादा छोटी और बड़ी मिठाई की दुकानें हैं. कोरोना काल में तकरीबन 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान मिष्ठान भंडार को हुआ है. वहीं जो रक्षाबंधन के त्योहार से मिठाई दुकानदारों को उम्मीद थी, वह भी चौपट हो चुकी है.

रायपुर: त्योहारों की जब भी बात आती है, सबसे पहले जहन में मिठाई का स्वाद आता है. बात अगर रक्षाबंधन की हो तो बगैर मिठाई ये त्योहार कुछ फीका सा लगता है. इस साल कोरोना संक्रमण ने व्यवसाय की कमर तोड़ दी है. जहां त्योहार के कुछ दिनों पहले ही बाजार सज जाया करते थे, वहीं अब रौनक ही गायब हो गई है. कोरोना के डर से लोग अब बाजार से दूरियां बनाने लगे हैं. जिन दुकानों में कभी लंबी कतारें हुआ करती थी, वहां अब सन्नाटा पसरा है.

कम हुई मिठाई की बिक्री

पढ़ें-SPECIAL: मजबूत हौसले से आपदा को अवसर में बदला, अब कर रहे हैं लाखों की कमाई

त्योहारों के समय मिठाईयों की बिक्री बहुत प्रभावित हुई है. कई दुकानदार अपनी दुकान बंद कर चुके हैं. इस बीच रायपुर में अचानक से कोरोना संक्रमितों के आंकड़े बढ़ने से लोगों के बीच डर का माहौल है. अधिकतर लोग घर की बनी मिठाइयां उपयोग में ला रहे हैं. लॉकडाउन बढ़ने से त्योहारी सीजन में दुकानदारों को जो बची उम्मीद थी, वह भी खत्म हो गई है. हालांकि मिठाई दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है, लेकिन सुबह 6 बजे से 10 बजे तक ही दुकान खुलने से ग्राहक और कम हो गए हैं.

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मिठाई दुकान

मिठाई हो रही बर्बाद

रायपुर में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाकर 6 अगस्त कर दी है. इस बीच अचानक से मिठाई दुकानों को खोले जाने की अनुमति दी गई. इस स्थिति में कई दुकानदारों ने मिठाईयां ही तैयार करके नहीं रखी थी, वहीं कुछ दुकानदारों के पास ग्राहक ही नहीं पहुंच रहे हैं. दुकानदारों का कहना है कि सरकार उन्हें कुछ और दिनों समय दे, जिससे वे अपनी आर्थिक स्थिति सुधार पाए. दुकानदार ने बताया कि लोग की पहली प्राथमिक सब्जी और राशन है, इस स्थिति में कुछ लोग मिठाईयां खरीदने पहुंच रहे हैं. संक्रमण के डर से लोग कम से कम मात्रा में मिठाई ले जा रहे हैं, इस वजह से बाकी रखी मिठाईयां खराब होने लगी है.

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मिठाईयां

नहीं दे पा रहे दुकान का किराया

मिठाई दुकान संचालक ने बताया कि इस समय मात्र 10 फीसदी ही व्यापार हो रहा है. इस वजह से दुकान का खर्च निकालना मुश्किल हो गया है. हलवाई का खर्च, दुध का खर्च, हेल्पर का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है. जिन दुकानदारों ने दुकानें किराये पर ली है, वह इस समय किराया दे पाने की स्थिति में नहीं हैं.

करोड़ों रुपये का हो रहा नुकसान

राजधानी रायपुर की अगर बात करें तो यहां तकरीबन 100 से ज्यादा छोटी और बड़ी मिठाई की दुकानें हैं. कोरोना काल में तकरीबन 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान मिष्ठान भंडार को हुआ है. वहीं जो रक्षाबंधन के त्योहार से मिठाई दुकानदारों को उम्मीद थी, वह भी चौपट हो चुकी है.

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