रायपुर :प्रदेश के स्कूलों में 16 जून से नए शैक्षणिक सत्र की शुरू हो रही है. स्कूल शिक्षा विभाग (Chhattisgarh School Education Department) की ओर से सभी स्कूलों में सभी व्यवस्थाएं पूरी करने के निर्देश दे दिए गए हैं. स्कूल खुलने के बाद 16 जून से 1 महीने तक ऑफिसर स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण करेंगे. शासकीय पीजी उमाठे कन्या शाला की प्राचार्य विद्या सक्सेना ने बताया कि ''शिक्षा विभाग की ओर से आदेश दिया गया है कि नए शैक्षणिक सत्र में किस तरह की शिक्षा व्यवस्था करवानी है, इसके लिए अपने स्कूल में और मेरे नोडल क्षेत्र की स्कूलों को मार्गदर्शन दिया है. 13 जून को एक बैठक भी ली जाएगी, जिसमें स्कूल के संचालन और शासन के निर्देशों का पालन करने के संबंध में चर्चाएं की जाएंगी .सभी विषयों का रोड मैप तैयार किया जा रहा है. जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से सभी स्कूलों को यह निर्देश दिया गया है कि सभी स्कूलो के प्राचार्य अपने स्कूल में अलग-अलग विषयों का रोड मैप तैयार करें, तय किए गए रोड मैप के अनुसार इस सत्र में पढ़ाई करवाई जाएगी.''
कमजोर बच्चों के लिए एक्सट्रा क्लास की व्यवस्था : प्राचार्य विद्या सक्सेना ने बताया कि ''कोरोना संक्रमण के कारण कई बच्चे ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाए हैं. जिसके कारण उनके शैक्षणिक स्तर में भी गिरावट देखी गई है. ऐसे बच्चे जो पढ़ाई में कमजोर है.उनके लिए एक्स्ट्रा क्लासेस चलाने के लिए योजना बनाकर रखी गई है.नए शैक्षिक सत्र शुरू होने के पहले ही छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम सरकारी स्कूलों संकुल में किताबें पहुंचाने का कार्य कर रहा है.''
कितने बच्चों को मिलेंगी किताबें : छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम (Chhattisgarh Text Book Corporation) के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने बताया कि ''नए शैक्षणिक सत्र के लिए पाठ्य पुस्तक निगम को 51 लाख छात्रों के लिए किताब प्रिंट कराने की जिम्मेदारी दी गई है. 176 स्वामी आत्मानंद स्कूलों (Swami Atmanand English Medium School Chhattisgarh)को पुस्तकें वितरित की जा चुकी है.4656 शासकीय हाईस्कूल तक किताबें पहुंचाई गईं हैं. 4600 से अधिक संकुलों में किताबें पहुंच चुकी है.''
कब से शुरु हुआ वितरण का काम : शैलेश नितिन त्रिवेदी ने बताया '' शासकीय स्कूलों का पुस्तक वितरण समाप्त होने के बाद निजी स्कूलों का पुस्तक वितरण 6 जून से शुरू किया गया है. जितने भी प्राइवेट स्कूल के लोग आ रहे हैं. वे पाठ्यपुस्तक निगम डिपो से किताबें ले रहे हैं. सत्र शुरू होने के 10 दिन पहले सभी संकुल स्कूलों तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है, स्कूल खुलते ही बच्चों को किताबें उपलब्ध हो जाएंगी ताकि बच्चे पहले दिन से ही पढ़ाई शुरू कर पाए.''
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आकस्मिक होगा निरीक्षण : नए शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूलों की व्यवस्थाओं बच्चों की उपस्थिति और स्कूलों में चलाए जाने वाले सरकारी योजनाओं का निरीक्षण करेंगे. स्कूल खुलने से 1 महीने तक किया औचक निरीक्षण जारी रहेगा. जिसमें अधिकारी अलग-अलग स्कूलों का निरीक्षण करेंगे. हर स्कूल की रिपोर्ट तैयार करने के बाद यह रिपोर्ट स्कूल शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुंचते जाएगी. स्कूलों की व्यवस्था और सरकारी योजना किस तरह स्कूलों में पालन किया जा रहा है इसके निरीक्षण और मॉनिटरिंग को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.