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ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर से जानिए सड़क हादसों से बचने के उपाय

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Published : Sep 7, 2022, 8:16 PM IST

ईटीवी भारत ने ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर से बातचीत की. उन्होंने डेमोंस्ट्रेट कर बताया कि टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री किस तरह हादसे का शिकार हुए. साथ ही ट्रैफिक डीएसपी ने कार में सफर के दौरान सावधानी बरतने के टिप्स भी दिए.

dsp satish thakur tips on traffic rules
ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर

रायपुर: देश में लगातार सड़क हादसे के मामले बढ़ते जा रहे हैं. हाल ही में टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है. पोस्टमार्टम में यह पता चला कि हेड इंजरी और इंटरनल ऑर्गन इंजरी के वजह से साइरस मिस्त्री की मौत हुई है. पुलिस ने हादसे की डिटेल और गाड़ी की स्पीड देखने के लिए सीसीटीवी फुटेज की इंक्वायरी की. हादसे के समय गाड़ी की स्पीड लगभग 120 किलोमीटर प्रति घंटे पर थी. गाड़ी ने 9 मिनट में 20 किलोमीटर का सफर तय किया था. गाड़ी के पिछले सीट पर बैठे साइरस मिस्त्री और उनके साथी ने सीट बेल्ट नहीं लगाया था. जिससे हादसा होने पर गाड़ी में मौजूद एयर बैग नहीं निकला. जिसके बाद मल्टीपल इंजरी की वजह से दोनों की मौत हो गई. फ्रंट पर बैठे दो लोगों ने सीट बेल्ट लगाया हुआ था. जिससे उन्हें चोट तो आई, लेकिन उनकी मौत नहीं हुई है. ईटीवी भारत ने ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर से बातचीत की. उन्होंने डेमोंस्ट्रेट कर बताया कि किस तरह यह हादसा हुआ होगा. साथ ही कार में सफर के दौरान सावधानी बरतने के टिप्स (dsp satish thakur tips on traffic rules) भी दिए.

ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर
सवाल : गाड़ियों में कितने एयर बैग होते हैं और किस समय खुलता है एयर बैग ?
जवाब: ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर ने बताया "अभी जितनी नई गाड़ियां आ रही हैं. उनको टेक्नोलॉजी के हिसाब से अपग्रेड किया गया है. जब तक हम सीट बेल्ट नहीं लगाएंगे. गाड़ी में चाहे 2 एयर बैग हो, 4 हो या 6 हो, हादसा होने पर एयर बैग काम नहीं करेगा. गाड़ी चलाते समय यह जरूरी है कि गाड़ी चालक और सभी सीट बेल्ट जरूर लगाएं. गाड़ियों में जो सेंसर लगा रहता है. हादसा होने पर वह सेंसर ही काम करता है. जैसे ही प्रेशर गाड़ी पर पड़ता है. एयर बैलून तुरंत रिलीज हो जाता है. जिससे हादसा होने पर भी गंभीर चोट नहीं आती है."

सवाल : गाड़ी अगर 100 किलोमीटर से ज्यादा की स्पीड में हो, तो गाड़ी को कंट्रोल करना कितना मुश्किल होता है, हादसे की कितनी संभावना रहती है?
जवाब : ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर ने बताया "अभी जो हमने एक्सीडेंट के बारे में सुना है. उसने 9 मिनट में 20 किलोमीटर का सफर तय किया था. यानी गाड़ी लगभग 120 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड में थी. जो बड़ी और महंगी गाड़ियां होती हैं, उसमें ज्यादा एयर बैग दिया रहता है. किंतु एक्सीडेंट होने पर वह एयर बैग तभी काम करेगा. जब चालक और जो पीछे गाड़ी मैं बैठे हैं वह सीट बेल्ट लगाए हों. ट्रैफिक पुलिस लोगों को सीट बेल्ट लगाने के लिए कार्रवाई करती है. लेकिन लोग चालान के डर से सील बेल्ट लगाते हैं. बाद में सीट बेल्ट हटा देते हैं ,जिससे उन्हीं को नुकसान है."



सवाल : हाईटेक गाड़ियों में आगे और पीछे दोनों तरफ कितने एयर बैग मौजूद होते हैं ?
जवाब : ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर ने बताया "हाईटेक गाड़ी में अलार्म सिस्टम भी रहता है. अगर व्यक्ति गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट नहीं लगाता है. तो गाड़ी में अलार्म भी बजता है. कई लोग लापरवाही पूर्वक ट्रैफिक पुलिस की चालानी कार्रवाई से बचने के लिए सीट बेल्ट को गलत तरीके से लगा लेते हैं. जिससे हादसा होने पर चालक को ही परेशानी होती है. गाड़ी में कई तरह के हाईटेक सिस्टम लगे रहते हैं. लेकिन उसका फायदा तभी हो पाएगा जब हम प्रॉपर रूल्स को फॉलो करें. साथ ही लापरवाही ना बरतते हुए सावधानी बरतें. "

सवाल : हाई प्रेशर से गाड़ी टकराने पर कितने जल्दी खुलता है एयर बैग?
जवाब : ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर ने बताया "जो बेसिक 4 चक्का छोटी गाड़ियां रहती हैं. उनमें ड्राइवर सीट और फ्रंट सीट पर एयर बैग रहता है. वहीं जो हाईटेक गाड़ियां रहती हैं. जिसमें फ्रंट दोनों तरफ एयर बैग तो रहता ही है. इसके अलावा पिछली सीट पर जो बैठे रहते हैं. उनके लिए भी फ्रंट सीट के पीछे एयर बैग रहता है. हादसे के समय जब गाड़ी तेजी से किसी चीज से टकराती है. तो एयर बैग मिनी सेकंड में खुल जाता है. जिससे चालक या जो भी व्यक्ति सामने और पीछे बैठा है उसे ज्यादा चोट नहीं लगती."



सवाल : गलत तरीके से सीट बेल्ट लगाने से हादसे के समय क्या स्थिति होती है ?
जवाब : ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर ने बताया " चेकिंग करने के दौरान फोर व्हीलर में लापरवाही यह देखते हैं कि लोग सीट बेल्ट नहीं लगाते हैं. इसके साथ यह भी देखने को मिलता है कि चालक लापरवाही पूर्वक सीट बेल्ट को घुमा कर लगाते हैं. जिससे हादसा होने पर एयर बैलून नहीं खुलता. कुछ गाड़ियों में सीट बेल्ट ना लगाने पर लगातार बीप की आवाज आती है. कई चालक गाड़ी को कस्टमाइज कर उस अलार्म को हटा देते हैं. यह छोटी छोटी चीजें हैं, जो हादसा होने पर चालक और गाड़ी में सवार लोगों की जान बचा सकते हैं."

रायपुर: देश में लगातार सड़क हादसे के मामले बढ़ते जा रहे हैं. हाल ही में टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है. पोस्टमार्टम में यह पता चला कि हेड इंजरी और इंटरनल ऑर्गन इंजरी के वजह से साइरस मिस्त्री की मौत हुई है. पुलिस ने हादसे की डिटेल और गाड़ी की स्पीड देखने के लिए सीसीटीवी फुटेज की इंक्वायरी की. हादसे के समय गाड़ी की स्पीड लगभग 120 किलोमीटर प्रति घंटे पर थी. गाड़ी ने 9 मिनट में 20 किलोमीटर का सफर तय किया था. गाड़ी के पिछले सीट पर बैठे साइरस मिस्त्री और उनके साथी ने सीट बेल्ट नहीं लगाया था. जिससे हादसा होने पर गाड़ी में मौजूद एयर बैग नहीं निकला. जिसके बाद मल्टीपल इंजरी की वजह से दोनों की मौत हो गई. फ्रंट पर बैठे दो लोगों ने सीट बेल्ट लगाया हुआ था. जिससे उन्हें चोट तो आई, लेकिन उनकी मौत नहीं हुई है. ईटीवी भारत ने ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर से बातचीत की. उन्होंने डेमोंस्ट्रेट कर बताया कि किस तरह यह हादसा हुआ होगा. साथ ही कार में सफर के दौरान सावधानी बरतने के टिप्स (dsp satish thakur tips on traffic rules) भी दिए.

ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर
सवाल : गाड़ियों में कितने एयर बैग होते हैं और किस समय खुलता है एयर बैग ? जवाब: ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर ने बताया "अभी जितनी नई गाड़ियां आ रही हैं. उनको टेक्नोलॉजी के हिसाब से अपग्रेड किया गया है. जब तक हम सीट बेल्ट नहीं लगाएंगे. गाड़ी में चाहे 2 एयर बैग हो, 4 हो या 6 हो, हादसा होने पर एयर बैग काम नहीं करेगा. गाड़ी चलाते समय यह जरूरी है कि गाड़ी चालक और सभी सीट बेल्ट जरूर लगाएं. गाड़ियों में जो सेंसर लगा रहता है. हादसा होने पर वह सेंसर ही काम करता है. जैसे ही प्रेशर गाड़ी पर पड़ता है. एयर बैलून तुरंत रिलीज हो जाता है. जिससे हादसा होने पर भी गंभीर चोट नहीं आती है."

सवाल : गाड़ी अगर 100 किलोमीटर से ज्यादा की स्पीड में हो, तो गाड़ी को कंट्रोल करना कितना मुश्किल होता है, हादसे की कितनी संभावना रहती है?
जवाब : ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर ने बताया "अभी जो हमने एक्सीडेंट के बारे में सुना है. उसने 9 मिनट में 20 किलोमीटर का सफर तय किया था. यानी गाड़ी लगभग 120 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड में थी. जो बड़ी और महंगी गाड़ियां होती हैं, उसमें ज्यादा एयर बैग दिया रहता है. किंतु एक्सीडेंट होने पर वह एयर बैग तभी काम करेगा. जब चालक और जो पीछे गाड़ी मैं बैठे हैं वह सीट बेल्ट लगाए हों. ट्रैफिक पुलिस लोगों को सीट बेल्ट लगाने के लिए कार्रवाई करती है. लेकिन लोग चालान के डर से सील बेल्ट लगाते हैं. बाद में सीट बेल्ट हटा देते हैं ,जिससे उन्हीं को नुकसान है."



सवाल : हाईटेक गाड़ियों में आगे और पीछे दोनों तरफ कितने एयर बैग मौजूद होते हैं ?
जवाब : ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर ने बताया "हाईटेक गाड़ी में अलार्म सिस्टम भी रहता है. अगर व्यक्ति गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट नहीं लगाता है. तो गाड़ी में अलार्म भी बजता है. कई लोग लापरवाही पूर्वक ट्रैफिक पुलिस की चालानी कार्रवाई से बचने के लिए सीट बेल्ट को गलत तरीके से लगा लेते हैं. जिससे हादसा होने पर चालक को ही परेशानी होती है. गाड़ी में कई तरह के हाईटेक सिस्टम लगे रहते हैं. लेकिन उसका फायदा तभी हो पाएगा जब हम प्रॉपर रूल्स को फॉलो करें. साथ ही लापरवाही ना बरतते हुए सावधानी बरतें. "

सवाल : हाई प्रेशर से गाड़ी टकराने पर कितने जल्दी खुलता है एयर बैग?
जवाब : ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर ने बताया "जो बेसिक 4 चक्का छोटी गाड़ियां रहती हैं. उनमें ड्राइवर सीट और फ्रंट सीट पर एयर बैग रहता है. वहीं जो हाईटेक गाड़ियां रहती हैं. जिसमें फ्रंट दोनों तरफ एयर बैग तो रहता ही है. इसके अलावा पिछली सीट पर जो बैठे रहते हैं. उनके लिए भी फ्रंट सीट के पीछे एयर बैग रहता है. हादसे के समय जब गाड़ी तेजी से किसी चीज से टकराती है. तो एयर बैग मिनी सेकंड में खुल जाता है. जिससे चालक या जो भी व्यक्ति सामने और पीछे बैठा है उसे ज्यादा चोट नहीं लगती."



सवाल : गलत तरीके से सीट बेल्ट लगाने से हादसे के समय क्या स्थिति होती है ?
जवाब : ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर ने बताया " चेकिंग करने के दौरान फोर व्हीलर में लापरवाही यह देखते हैं कि लोग सीट बेल्ट नहीं लगाते हैं. इसके साथ यह भी देखने को मिलता है कि चालक लापरवाही पूर्वक सीट बेल्ट को घुमा कर लगाते हैं. जिससे हादसा होने पर एयर बैलून नहीं खुलता. कुछ गाड़ियों में सीट बेल्ट ना लगाने पर लगातार बीप की आवाज आती है. कई चालक गाड़ी को कस्टमाइज कर उस अलार्म को हटा देते हैं. यह छोटी छोटी चीजें हैं, जो हादसा होने पर चालक और गाड़ी में सवार लोगों की जान बचा सकते हैं."

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