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राहुल साहू की शिक्षा और स्पीच थेरिपी का खर्च सरकार उठाएगी: भूपेश बघेल

Rahul Sahu family met Bhupesh Baghel: जांजगीर चांपा का राहुल साहू सीएम भूपेश बघेल से मिलने पहुंचा. इस दौरान सीएम ने राहुल की पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी ली. परिवार को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की.

Rahul Sahu family met Bhupesh Baghel
भूपेश बघेल से मिलने पहुंचा राहुल साहू का परिवार
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Published : Jul 10, 2022, 10:58 AM IST

रायपुर: जांजगीर का राहुल साहू स्वस्थ होने के बाद शनिवार को परिवार के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलने पहुंचा. राहुल ने मुख्यमंत्री निवास में भूपेश बघेल से मुलाकात की. राहुल को बोरवेल से निकालने और उसके इलाज के लिए सीएम भूपेश की तरफ से किए प्रयासों के प्रति परिजनों ने आभार जताया. इस दौरान राहुल के परिवार के साथ उसके गांव के कई लोग मौजूद रहे. इस मौके पर सीएम ने बड़ी घोषणा करते हुए राहुल की स्पीच थैरेपी और उसकी शिक्षा की पूरी जिम्मेदारी उठाने की घोषणा की. साथ ही राहुल के परिवार की आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद करने की घोषणा भी की. मुख्यमंत्री ने राहुल के परिजन को कलेक्टर दर पर रोजगार देने की भी घोषणा की है. सीएम के प्रति कृतज्ञता जाहिर करते हुए राहुल की मां ने कहा "आपने अपना बेटा समझ कर राहुल की जान बचाई है. इसके लिए मैं और मेरा परिवार जीवन भर आपका आभारी रहेगा". (Bhupesh Baghel announcement for Rahul Sahu family)

राहुल की दादी को भरोसा दिलाया था: इस मौके पर भूपेश बघेल ने कहा "राहुल के बोरवेल में गिरने की सूचना मिलते ही अधिकारियों को निर्देश दे दिए थे कि बचाव कार्य में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए. राहुल की दादी को भरोसा दिलाया था कि उसका नाती सुरक्षित बाहर आएगा. जब भी हम सामूहिक प्रयास करते हैं तो उसमें सफलता जरूर मिलती है. राहुल को बचाने के लिए तो हर एक ने धैर्यपूर्वक और दिन रात मेहनत की. 105 घंटे तक पत्थर, चट्टान को काटकर राहुल को बाहर निकालने का काम कठिन था लेकिन राहुल को बचाने में लोगों की दुआ और ईश्वर की कृपा भी शामिल है."

स्वस्थ होने के बाद सीएम भूपेश बघेल से मिलने निकला जांजगीर चांपा का राहुल

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बोरवेल से निकालने के बाद अस्पताल में इलाज कराना दूसरी चुनौती थी. इसके लिए एयर एम्बुलेंस के साथ ही देश के कुशल डॉक्टरों को भी तैयार रखा था. राहुल जिंदगी की जंग पहले बोरवेल में लड़ा और फिर अस्पताल में लड़ा."

इस मौके पर मुख्यमंत्री निवास कार्यालय परिसर में राहुल के परिजन ने मुख्यमंत्री का सम्मान किया. जांजगीर-चांपा से आए ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने भी राहुल के मामले में मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता की प्रशंसा करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया. इस अवसर पर चन्द्रपुर विधायक रामकुमार यादव, तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष संदीप साहू, शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष रामकुमार पटेल, वरिष्ठ जनप्रतिनिधिगण सहित जांजगीर-चांपा से आए विभिन्न समाजों के प्रतिनिधि एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे.

देश का सबसे लंबा बोरवेल रेस्क्यू ऑपरेशन:10 जून को राहुल खेलते हुए बोरवेल में गिर गया था. 105 घंटे के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद राहुल को बोरवेल से बाहर निकाला गया. इसके बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया था.

रायपुर: जांजगीर का राहुल साहू स्वस्थ होने के बाद शनिवार को परिवार के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलने पहुंचा. राहुल ने मुख्यमंत्री निवास में भूपेश बघेल से मुलाकात की. राहुल को बोरवेल से निकालने और उसके इलाज के लिए सीएम भूपेश की तरफ से किए प्रयासों के प्रति परिजनों ने आभार जताया. इस दौरान राहुल के परिवार के साथ उसके गांव के कई लोग मौजूद रहे. इस मौके पर सीएम ने बड़ी घोषणा करते हुए राहुल की स्पीच थैरेपी और उसकी शिक्षा की पूरी जिम्मेदारी उठाने की घोषणा की. साथ ही राहुल के परिवार की आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद करने की घोषणा भी की. मुख्यमंत्री ने राहुल के परिजन को कलेक्टर दर पर रोजगार देने की भी घोषणा की है. सीएम के प्रति कृतज्ञता जाहिर करते हुए राहुल की मां ने कहा "आपने अपना बेटा समझ कर राहुल की जान बचाई है. इसके लिए मैं और मेरा परिवार जीवन भर आपका आभारी रहेगा". (Bhupesh Baghel announcement for Rahul Sahu family)

राहुल की दादी को भरोसा दिलाया था: इस मौके पर भूपेश बघेल ने कहा "राहुल के बोरवेल में गिरने की सूचना मिलते ही अधिकारियों को निर्देश दे दिए थे कि बचाव कार्य में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए. राहुल की दादी को भरोसा दिलाया था कि उसका नाती सुरक्षित बाहर आएगा. जब भी हम सामूहिक प्रयास करते हैं तो उसमें सफलता जरूर मिलती है. राहुल को बचाने के लिए तो हर एक ने धैर्यपूर्वक और दिन रात मेहनत की. 105 घंटे तक पत्थर, चट्टान को काटकर राहुल को बाहर निकालने का काम कठिन था लेकिन राहुल को बचाने में लोगों की दुआ और ईश्वर की कृपा भी शामिल है."

स्वस्थ होने के बाद सीएम भूपेश बघेल से मिलने निकला जांजगीर चांपा का राहुल

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बोरवेल से निकालने के बाद अस्पताल में इलाज कराना दूसरी चुनौती थी. इसके लिए एयर एम्बुलेंस के साथ ही देश के कुशल डॉक्टरों को भी तैयार रखा था. राहुल जिंदगी की जंग पहले बोरवेल में लड़ा और फिर अस्पताल में लड़ा."

इस मौके पर मुख्यमंत्री निवास कार्यालय परिसर में राहुल के परिजन ने मुख्यमंत्री का सम्मान किया. जांजगीर-चांपा से आए ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने भी राहुल के मामले में मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता की प्रशंसा करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया. इस अवसर पर चन्द्रपुर विधायक रामकुमार यादव, तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष संदीप साहू, शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष रामकुमार पटेल, वरिष्ठ जनप्रतिनिधिगण सहित जांजगीर-चांपा से आए विभिन्न समाजों के प्रतिनिधि एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे.

देश का सबसे लंबा बोरवेल रेस्क्यू ऑपरेशन:10 जून को राहुल खेलते हुए बोरवेल में गिर गया था. 105 घंटे के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद राहुल को बोरवेल से बाहर निकाला गया. इसके बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया था.

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