रायपुरः राजधानी रायपुर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अब सफाई की मानीटरिंग में कसावट आएगी. स्मार्ट सिटी लिमिटेड हर दरवाजे पर QR code लगाया जाएगा. नियमित कचरा उठाने की जानकारी QR code के सहारे अफसरों तक पहुंचेगी. निगरानी के लिए निगम कार्यालय में नियंत्रण कक्ष होगा. घर से कचरा उठते ही बनाए गए कंट्रोल रूम में सिग्नल ग्रीन दिखाई देने लगेगा.
क्यूआर कोड की शुरुआत जल्द ही होने वाली है. इसके लिए स्मार्ट सिटी के द्वारा योजना भी बना ली गई है. डिजिटल डोर नंबर योजना के तहत यूनिक नंबर प्लेट लगाने का काम शुरू करने की तैयारी शुरू की जा रही है. वर्तमान में घरों से कचरा उठाने का काम चल रहा है और इसके लिए कंपनी को ठेका दिया गया है. स्मार्ट सिटी के जनसंपर्क अधिकारी आशीष मिश्रा ने बताया कि डिजिटल डोर नंबर योजना के तहत हर घर के बाहर यूनिक नंबर प्लेट लगाया जाएगा. यूनिक नंबर प्लेट पर हर घर का एक यूनिक आईडी रहेगा.
यूनिक आईडी के साथ होगा QR code
यूनिक आईडी के साथ क्यूआर कोड भी रहेगा. कचरा उठाने वाली गाड़ी जैसे ही कचरा लेने घर पहुंचेगी, बारकोड को स्कैन करते हुए कचरा गाड़ी आगे बढ़ेगी. इसकी पूरी जानकारी गाड़ी में लगे उपकरण से सीधे निगम के सेंट्रल सर्वर में जाएगी. यदि लापरवाही करते हुए कोई गाड़ी घर को छोड़ते हुए आगे बढ़ जाती है तो उसकी भी जानकारी तुरंत मिल सकेगी. साथ ही बार कोड को स्कैन करने से मकान नंबर, मालिक का नाम, मोबाइल नंबर, टैक्स आदि की जानकारी मिल जाएगी.
घरों की हो सकेगी पहचान
इसके साथ ही राजधानी के रहवासियों को किसी का घर ढूंढने में भी मदद मिलेगी. रायपुर नगर निगम क्षेत्र में लगभग 15 लाख की आबादी है और 4 लाख घर हैं. बताया जा रहा है कि कोरोना की वजह से डिजिटल डोर नंबर योजना शुरू करने में देरी हुई. लेकिन QR code लग जाने के बाद राजधानी में सफाई सिस्टम में तत्परता आएगी.
राजधानी में कचरा कलेक्शन की मौजूदा स्थिति
- रायपुर में निकलता है 515 मीट्रिक टन कचरा
- 70 फीसदी से अधिक होता है घरों का कचरा
- डोर-टू डोर-कचरा उठाने के लिए हैं 258 गाड़ियां