रायपुर: राजधानी रायपुर में सामाजिक ऑडिट कर्मचारी महासंघ ने विरोध जताया. प्रदेश भर के लगभग 33 हजार सामाजिक ऑडिट कर्मचारी और अधिकारियों ने आंदोलन किया. उन्होंने अपनी 3 सूत्रीय मांग को लेकर तीन दिन तक राजधानी में प्रदर्शन किया. इनकी प्रमुख मांग है सभी कर्मचारियों का 9 महीने से अटका हुआ वेतन उन्हें दिया जाए. इन मांगों को लेकर सामाजिक ऑडिट कर्मचारी और अधिकारी प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि "इस प्रदर्शन के बाद भी यदि सरकार इनकी मांगों को पूरा नहीं करती है, तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन और प्रदर्शन किया जाएगा. अगर जरूरत पड़ी तो दिल्ली के जंतर मंतर में भी प्रदर्शन करेंगे."
6 दिन गांव में रुक कर हर घर जाकर करना होता है ऑडिट: बालोद की डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर सामाजिक ऑडिट अधिकारी रेणुका सेन ने बताया कि "ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत होने वाले कामों का ऑडिट करना होता है. इसके लिए ग्राम पंचायतों में 6 दिन रुक कर इसकी ऑडिट करनी होती है. एक पूरी टीम गांव में जाकर सामाजिक ऑडिट का काम करती है. गांव में 6 दिनों तक घर घर जाकर मनरेगा के तहत हुए कामों का वेरीफिकेशन करना होता है."
9 महीने से वेतन नहीं मिलने से आर्थिक स्थिति बिगड़ी: बिलासपुर के जिला कोऑर्डिनेटर सामाजिक ऑडिट अधिकारी मलखान सिंह ने बताया कि "बीते 9 महीने से वेतन नहीं मिलने की वजह से आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. हमें परिवार चलाने में भी कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. शासन प्रशासन के द्वारा उन्हें आश्वासन जरूर मिलता है कि आपका वेतन भुगतान जल्द करा दिया जाएगा. लेकिन सामाजिक ऑडिट के काम में लगे इन अधिकारी और कर्मचारियों को आश्वासन देकर चुप करा दिया जाता है."