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Jharkhand Political Crisis छत्तीसगढ़ शिफ्ट किए जा सकते हैं विधायक, रांची से बस रवाना

Jharkhand Political Crisis झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द होने के बाद प्रदेश में राजनीतिक संकट गहरा सकता है.लिहाजा पार्टी एहतियातन अपने विधायकों को दूसरे राज्य में शिफ्ट कर रही है. जानकारी के मुताबिक विधायकों को छत्तीसगढ़ या बंगाल शिफ्ट किया जा सकता है.

Hemant Sorens legislature canceled
झारखंड में महागठबंधन के विधायकों को छत्तीसगढ़ शिफ्ट करने की तैयारी
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Published : Aug 27, 2022, 2:05 PM IST

Updated : Aug 27, 2022, 2:25 PM IST

रायपुर : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Jharkhand CM Hemant Soren) ने शनिवार को लगातार दूसरे दिन विधायक दल की बैठक बुलाई. इस बैठक में महागठबंधन यानी आरजेडी और कांग्रेस के विधायकों को भी बुलाया गया. हेमंत सोरेन ने सुबह 11 बजे से मीटिंग रखी थी. जिसमें विधायक बैग और जरूरी सामान लेकर पहुंचे. सूत्रों के मुताबिक झारखंड के यूपीए विधायकों को छत्तीसगढ़ लाया जा सकता (Grand Alliance in Jharkhand to Chhattisgarh ) है.

पहले भी सरकार गिराने के लग चुके हैं आरोप : 21 जुलाई 2021 को भी झारखंड सरकार को गिराने की कोशिश की गई थी. इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. तब पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया था कि साजिश में प्रदेश के 3 विधायक, 2 पत्रकार और दलाल शामिल थे. वहीं 30 जुलाई 2022 को 45 लाख कैश के साथ कांग्रेस के तीन विधायक को हावड़ा में गिरफ्तार किया गया था. इनके खिलाफ कांग्रेस के ही विधायक अनूप सिंह ने कांग्रेस के तीनों विधायकों के खिलाफ थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई और यह भी कहा कि तीनों विधायकों ने उनसे संपर्क किया था. 10 करोड़ रुपए और मंत्री पद का ऑफर झारखंड सरकार को गिराने के लिए दिया था.

हेमंत सोरेन ने इरादे किए स्पष्ट : इसी बीच सीएम हेमंत सोरेन ने भी अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यह आदिवासी का बेटा है. इनकी चाल से हमारा रास्ता न कभी रुका है, न हम लोग कभी इन लोगों से डरे हैं. हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने बहुत पहले ही हमारे मन से डर भय को निकाल दिया था. हम आदिवासियों के DNA में डर और भय के लिए कोई जगह ही नहीं है. सोरेन ने यह भी कहा कि "शैतानी ताकतें" लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही हैं. लेकिन वह अपने खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे.

क्या है पूरा मामला : हेमंत सोरेन को रांची जिले के अनगड़ा ब्लॉक में 0.88 एकड़ ज़मीन का खनन पट्टा मिला था. दस्तावेजों के मुताबिक 28 मई 2021 को हेमंत सोरेन ने आवेदन दिया और उन्हें 15 जून 2021 को मंजूरी मिल गई थी. इसके बाद 9 सितंबर को पर्यावरण विभाग से मंजूरी मांगी गई. जो 22 सितंबर को मिल गई. 11 फरवरी 2022 को बीजेपी ने राज्यपाल से मिलकर शिकायत की. कि ये लाभ के पद का मामला बनता है और सीएम खुद के नाम से खनन पट्टा नहीं ले सकते. इसके बाद हेमंत सोरेन ने 11 फरवरी 2022 को लीज सरेंडर करके खुद को अलग कर लिया. खनन के धंधे में हेमंत सोरेन सरकार के भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ तब होना शुरू हुआ जब झारखंड की खनन सचिव रह चुकी पूजा सिंघल के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी शुरू की. ईडी को पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार के एक ही ठिकाने से साढ़े सत्रह करोड़ रुपये नकद मिले थे. ये रकम इतनी ज्यादा थी कि गिनने में 14 घंटे का वक्त लग गया था. ईडी सूत्रों के हवाले से दावा किया गया कि पूजा सिंघल और उनके करीबियों के करीब 150 करोड़ रुपये के निवेश का खुलासा हुआ और कई अहम दस्तावेज भी मिले.

रायपुर : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Jharkhand CM Hemant Soren) ने शनिवार को लगातार दूसरे दिन विधायक दल की बैठक बुलाई. इस बैठक में महागठबंधन यानी आरजेडी और कांग्रेस के विधायकों को भी बुलाया गया. हेमंत सोरेन ने सुबह 11 बजे से मीटिंग रखी थी. जिसमें विधायक बैग और जरूरी सामान लेकर पहुंचे. सूत्रों के मुताबिक झारखंड के यूपीए विधायकों को छत्तीसगढ़ लाया जा सकता (Grand Alliance in Jharkhand to Chhattisgarh ) है.

पहले भी सरकार गिराने के लग चुके हैं आरोप : 21 जुलाई 2021 को भी झारखंड सरकार को गिराने की कोशिश की गई थी. इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. तब पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया था कि साजिश में प्रदेश के 3 विधायक, 2 पत्रकार और दलाल शामिल थे. वहीं 30 जुलाई 2022 को 45 लाख कैश के साथ कांग्रेस के तीन विधायक को हावड़ा में गिरफ्तार किया गया था. इनके खिलाफ कांग्रेस के ही विधायक अनूप सिंह ने कांग्रेस के तीनों विधायकों के खिलाफ थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई और यह भी कहा कि तीनों विधायकों ने उनसे संपर्क किया था. 10 करोड़ रुपए और मंत्री पद का ऑफर झारखंड सरकार को गिराने के लिए दिया था.

हेमंत सोरेन ने इरादे किए स्पष्ट : इसी बीच सीएम हेमंत सोरेन ने भी अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यह आदिवासी का बेटा है. इनकी चाल से हमारा रास्ता न कभी रुका है, न हम लोग कभी इन लोगों से डरे हैं. हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने बहुत पहले ही हमारे मन से डर भय को निकाल दिया था. हम आदिवासियों के DNA में डर और भय के लिए कोई जगह ही नहीं है. सोरेन ने यह भी कहा कि "शैतानी ताकतें" लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही हैं. लेकिन वह अपने खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे.

क्या है पूरा मामला : हेमंत सोरेन को रांची जिले के अनगड़ा ब्लॉक में 0.88 एकड़ ज़मीन का खनन पट्टा मिला था. दस्तावेजों के मुताबिक 28 मई 2021 को हेमंत सोरेन ने आवेदन दिया और उन्हें 15 जून 2021 को मंजूरी मिल गई थी. इसके बाद 9 सितंबर को पर्यावरण विभाग से मंजूरी मांगी गई. जो 22 सितंबर को मिल गई. 11 फरवरी 2022 को बीजेपी ने राज्यपाल से मिलकर शिकायत की. कि ये लाभ के पद का मामला बनता है और सीएम खुद के नाम से खनन पट्टा नहीं ले सकते. इसके बाद हेमंत सोरेन ने 11 फरवरी 2022 को लीज सरेंडर करके खुद को अलग कर लिया. खनन के धंधे में हेमंत सोरेन सरकार के भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ तब होना शुरू हुआ जब झारखंड की खनन सचिव रह चुकी पूजा सिंघल के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी शुरू की. ईडी को पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार के एक ही ठिकाने से साढ़े सत्रह करोड़ रुपये नकद मिले थे. ये रकम इतनी ज्यादा थी कि गिनने में 14 घंटे का वक्त लग गया था. ईडी सूत्रों के हवाले से दावा किया गया कि पूजा सिंघल और उनके करीबियों के करीब 150 करोड़ रुपये के निवेश का खुलासा हुआ और कई अहम दस्तावेज भी मिले.

Last Updated : Aug 27, 2022, 2:25 PM IST
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