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शून्यकाल में उठा मीसाबंदी पेंशन रोकने का मामला, विपक्ष ने सदन में चर्चा की उठाई मांग

छत्तीसगढ़ विधानसभा में मीसा बंदियों को पेंशन नहीं देने का मामला (Opposition raised the issue of stopping Misabandi pension during Zero Hour) गूंजा. विपक्ष ने सदन में इस मामले में चर्चा करने की मांग की. बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर के मुताबिक न्यायालय के आदेश के बाद भी सरकार पेंशन नहीं दे रही.

The matter of stopping Misabandi pension raised during zero hour
शून्यकाल में उठा मीसाबंदी पेंशन रोकने का मामला
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Published : Mar 22, 2022, 7:09 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट सत्र की कार्रवाई के दौरान शून्यकाल में बीजेपी विधायकों ने मीसा बंदियों के बंद किये गए पेंशन का मामला(Opposition raised the issue of stopping Misabandi pension during Zero Hour) उठाया. भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने इस मसले पर स्थगन के जरिये सदन में चर्चा की मांग की. बाजेपी विधायकों के हंगामे की वजह से सदन की कार्रवाई 5 मिनट के लिए स्थगित की गई.

छत्तीसगढ़ विधानसभा में शून्यकाल के दौरान बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर (BJP MLA Ajay Chandrakar) ने प्रदेश के मीसाबंदियों को पिछली बीजेपी सरकार द्वारा दी जाने वाली पेंशन पर बात की. चंद्राकर ने वर्तमान कांग्रेस सरकार द्वारा पेंशन में रोक लगाए जाने का मामला (withholding of pension) सदन में उठाया. बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने सदन में कहा कि देश में असहमति को कुचलकर आपातकाल लगाया गया था.

चंद्राकर ने कहा कि आपातकाल के दौरान तकलीफ झेलकर लोकतंत्र की आवाज बनने वाले मीसा बंदियों की पेंशन बहाली का फैसला न्यायालय से हो चुका है. बावजूद इसके प्रदेश के मीसा बंदियों को पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने मांग की कि मीसाबंदियों की पेंशन को लेकर सदन में चर्चा कराई जाए या सदन से ही सरकार की ओर से मीसाबंदी पेंशन फिर से शुरू करने की घोषणा हो.

पिछली सरकार ने दिया था सम्मान : धरमलाल कौशिक
अकलतरा विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने मीसाबंदी पेंशन के विषय में कहा कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने मीसा बंदियों को पेंशन देने की शुरुआत की थी. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मीसाबंदियों की पेंशन को राजनीतिक कारणों से रोका गया. विधायक सौरभ सिंह ने मांग की कि मीसाबंदी पेंशन योजना को प्रदेश में फिर से शुरू की जाए.

वहीं प्रदेश के मीसाबंदियों के पेंशन मामले पर सदन के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि देश में अगर कांग्रेस पार्टी नहीं होती तो 1975 में आपातकाल नहीं लगता. आपातकाल के दौरान लोकतंत्र बचाने के लिए लड़ने वालों को छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने लोकतंत्र सेनानी का सम्मान दिया था. आपातकाल में जेल गए लोगों को दी गई सम्मान निधि का लाभ भी राज्य की वर्तमान सरकार की हठधर्मिता की वजह से मीसाबंदियों यानी लोकतंत्र सेनानियों को नहीं मिल रहा है.

ये भी पढ़ें- ब्लैक लिस्टेड कंपनी को करोड़ों भुगतान का मामला, विधानसभा कमेटी करेगी जांच

हंगामे के कारण रोकनी पड़ी कार्यवाही

प्रदेश के मीसाबंदियों की पेंशन योजना को बहाल करने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदन में बीजेपी विधायकों ने जमकर नारेबाजी की. बीजेपी विधायकों के द्वारा किये जा रहे हंगामे की वजह से आसन्दी को छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही 5 मिनट के लिए रोकनी पड़ी.

रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट सत्र की कार्रवाई के दौरान शून्यकाल में बीजेपी विधायकों ने मीसा बंदियों के बंद किये गए पेंशन का मामला(Opposition raised the issue of stopping Misabandi pension during Zero Hour) उठाया. भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने इस मसले पर स्थगन के जरिये सदन में चर्चा की मांग की. बाजेपी विधायकों के हंगामे की वजह से सदन की कार्रवाई 5 मिनट के लिए स्थगित की गई.

छत्तीसगढ़ विधानसभा में शून्यकाल के दौरान बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर (BJP MLA Ajay Chandrakar) ने प्रदेश के मीसाबंदियों को पिछली बीजेपी सरकार द्वारा दी जाने वाली पेंशन पर बात की. चंद्राकर ने वर्तमान कांग्रेस सरकार द्वारा पेंशन में रोक लगाए जाने का मामला (withholding of pension) सदन में उठाया. बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने सदन में कहा कि देश में असहमति को कुचलकर आपातकाल लगाया गया था.

चंद्राकर ने कहा कि आपातकाल के दौरान तकलीफ झेलकर लोकतंत्र की आवाज बनने वाले मीसा बंदियों की पेंशन बहाली का फैसला न्यायालय से हो चुका है. बावजूद इसके प्रदेश के मीसा बंदियों को पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने मांग की कि मीसाबंदियों की पेंशन को लेकर सदन में चर्चा कराई जाए या सदन से ही सरकार की ओर से मीसाबंदी पेंशन फिर से शुरू करने की घोषणा हो.

पिछली सरकार ने दिया था सम्मान : धरमलाल कौशिक
अकलतरा विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने मीसाबंदी पेंशन के विषय में कहा कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने मीसा बंदियों को पेंशन देने की शुरुआत की थी. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मीसाबंदियों की पेंशन को राजनीतिक कारणों से रोका गया. विधायक सौरभ सिंह ने मांग की कि मीसाबंदी पेंशन योजना को प्रदेश में फिर से शुरू की जाए.

वहीं प्रदेश के मीसाबंदियों के पेंशन मामले पर सदन के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि देश में अगर कांग्रेस पार्टी नहीं होती तो 1975 में आपातकाल नहीं लगता. आपातकाल के दौरान लोकतंत्र बचाने के लिए लड़ने वालों को छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने लोकतंत्र सेनानी का सम्मान दिया था. आपातकाल में जेल गए लोगों को दी गई सम्मान निधि का लाभ भी राज्य की वर्तमान सरकार की हठधर्मिता की वजह से मीसाबंदियों यानी लोकतंत्र सेनानियों को नहीं मिल रहा है.

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हंगामे के कारण रोकनी पड़ी कार्यवाही

प्रदेश के मीसाबंदियों की पेंशन योजना को बहाल करने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदन में बीजेपी विधायकों ने जमकर नारेबाजी की. बीजेपी विधायकों के द्वारा किये जा रहे हंगामे की वजह से आसन्दी को छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही 5 मिनट के लिए रोकनी पड़ी.

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