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SPECIAL: बढ़ते कोरोना और ठंड की सुस्त रफ्तार से वूलन बाजार ठंडा, कारोबारियों को हो रहा नुकसान

कोरोना की मार तकरीबन सभी क्षेत्रों पर पड़ी है. वूलन बाजार भी इससे खासा प्रभावित हुआ है. इस बार ठंड भी कम पड़ रही है. जिससे ऊनी कपड़ों के बाजार में मंदी है.

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Published : Dec 4, 2020, 4:08 PM IST

Updated : Dec 4, 2020, 4:40 PM IST

No shopping in woolen market of Raipur
रायपुर के वूलन मार्केट में ग्राहक नहीं

रायपुर: कोरोना और लॉकडाउन का असर हर क्षेत्र में देखने को मिला है. सर्दियों के मौसम में राजधानी में वूलन बाजार सजकर तैयार हो गया है. लेकिन इस बाजार की रौनक गायब है. कोरोना ने ऊनी वस्त्रों के कारोबार पर भी बुरा असर डाला है. कोरोना की वजह से लोग बाहर घूमने नहीं जा रहे हैं. जिससे ऊनी कपड़ों की डिमांड घटी है. जिससे वूलन बाजार में मंदी छाई हुई है.

वूलन बाजार ठंडा

वूलन बाजार पर कोरोना की मार

पिछले साल की तुलना में इस बार कोरोना के कारण आधे से भी कम दुकानें सजाई गई है. राजधानी में पहले अलग-अलग जगहों पर ऊनी कपड़ों की लगभग 1000 दुकानें लगती थी, लेकिन इस बार यह संख्या घटकर 300 में सिमट गई है. जो वूलन बाजार के कारोबारियों के लिए चिंता का विषय है. वूलन मार्केट का कारोबार करने वाले दुकानदार पिछले साल की तुलना में इस बार गर्म कपड़ों का स्टॉक भी कम रख रहे हैं.

No shopping in woolen market of Raipur
रायपुर का वूलन मार्केट

पढ़ें: मौसम और कोरोना की मार: कम ठंड और कोरोना की वजह से ऊलन मार्केट से गायब हुई रौनक

दुकानें सजी लेकिन खरीदार नहीं

राजधानी रायपुर में लगभग 20 दिन पहले वूलन मार्केट खुल गए. जहां पर ऊनी कपड़ों की हर तरह की वैरायटी मौजूद है. स्वेटर, शॉल, कंबल, मफलर, मंकी कैप जैसे ऊनी कपड़े इन दुकानों में उपलब्ध हैं. लेकिन दुकानों में खरीदार ही नहीं है. दुकानदारों का मानना है कि ठंड की शुरुआत नहीं हुई है और दूसरी सबसे बड़ी वजह कोरोना संक्रमण की वजह से भी लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. जिसके कारण वूलन बाजार के दुकानदार मायूस हैं. दिनभर में 8 से 10 ही ग्राहक पहुंच रहें हैं. दुकानदार बताते हैं कि कोरोना और लॉकडाउन की वजह से लोगों की आर्थिक स्थिति भी खराब है, जिसके कारण लोग पुराने ऊनी कपड़ों से ही इस साल काम चलाना चाह रहे है.हालांकि ऊनी कपड़ों के दुकानदारों का मानना है कि आने वाले समय में ठंड बढ़ने के साथ खरीदार ज्यादा आएंगे.

No shopping in woolen market of Raipur
स्कूल कॉलेज बंद होने से वूलन बाजार प्रभावित

तिब्बती मार्केट भी नहीं सजा

राजधानी रायपुर में पिछले कई सालों से मैनपाट में रहने वाले तिब्बती जिसे सामान्य भाषा में नेपाली कहते हैं. ये लोग भी अपनी दुकान राजधानी के शास्त्री बाजार और फायर ब्रिगेड चौक पर लगाते थे. पर इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से शास्त्री बाजार में इनकी दुकानें भी नहीं सजी हैं. कोरोना संक्रमण का डर दुकानदारों में भी साफ देखने को मिल रहा है.

No shopping in woolen market of Raipur
सूना पड़ा वूलन मार्केट

15 दिसंबर के बाद बढ़ सकती है ठंड

मौसम विभाग का कहना है कि इस बार ला नीनो के प्रभाव के चलते छत्तीसगढ़ में दिसंबर से लेकर फरवरी तक अन्य सालों की तुलना में ठंड ज्यादा पड़ेगी. लेकिन दिसंबर के पहले सप्ताह की शुरुआत हो गई है और ठंड राजधानी में नहीं दिख रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि प्रदेश में 15 दिसंबर के बाद ठंड बढ़ेगी और इसके बाद वूलन बाजार में गर्मी देखने को मिल सकती है.

रायपुर: कोरोना और लॉकडाउन का असर हर क्षेत्र में देखने को मिला है. सर्दियों के मौसम में राजधानी में वूलन बाजार सजकर तैयार हो गया है. लेकिन इस बाजार की रौनक गायब है. कोरोना ने ऊनी वस्त्रों के कारोबार पर भी बुरा असर डाला है. कोरोना की वजह से लोग बाहर घूमने नहीं जा रहे हैं. जिससे ऊनी कपड़ों की डिमांड घटी है. जिससे वूलन बाजार में मंदी छाई हुई है.

वूलन बाजार ठंडा

वूलन बाजार पर कोरोना की मार

पिछले साल की तुलना में इस बार कोरोना के कारण आधे से भी कम दुकानें सजाई गई है. राजधानी में पहले अलग-अलग जगहों पर ऊनी कपड़ों की लगभग 1000 दुकानें लगती थी, लेकिन इस बार यह संख्या घटकर 300 में सिमट गई है. जो वूलन बाजार के कारोबारियों के लिए चिंता का विषय है. वूलन मार्केट का कारोबार करने वाले दुकानदार पिछले साल की तुलना में इस बार गर्म कपड़ों का स्टॉक भी कम रख रहे हैं.

No shopping in woolen market of Raipur
रायपुर का वूलन मार्केट

पढ़ें: मौसम और कोरोना की मार: कम ठंड और कोरोना की वजह से ऊलन मार्केट से गायब हुई रौनक

दुकानें सजी लेकिन खरीदार नहीं

राजधानी रायपुर में लगभग 20 दिन पहले वूलन मार्केट खुल गए. जहां पर ऊनी कपड़ों की हर तरह की वैरायटी मौजूद है. स्वेटर, शॉल, कंबल, मफलर, मंकी कैप जैसे ऊनी कपड़े इन दुकानों में उपलब्ध हैं. लेकिन दुकानों में खरीदार ही नहीं है. दुकानदारों का मानना है कि ठंड की शुरुआत नहीं हुई है और दूसरी सबसे बड़ी वजह कोरोना संक्रमण की वजह से भी लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. जिसके कारण वूलन बाजार के दुकानदार मायूस हैं. दिनभर में 8 से 10 ही ग्राहक पहुंच रहें हैं. दुकानदार बताते हैं कि कोरोना और लॉकडाउन की वजह से लोगों की आर्थिक स्थिति भी खराब है, जिसके कारण लोग पुराने ऊनी कपड़ों से ही इस साल काम चलाना चाह रहे है.हालांकि ऊनी कपड़ों के दुकानदारों का मानना है कि आने वाले समय में ठंड बढ़ने के साथ खरीदार ज्यादा आएंगे.

No shopping in woolen market of Raipur
स्कूल कॉलेज बंद होने से वूलन बाजार प्रभावित

तिब्बती मार्केट भी नहीं सजा

राजधानी रायपुर में पिछले कई सालों से मैनपाट में रहने वाले तिब्बती जिसे सामान्य भाषा में नेपाली कहते हैं. ये लोग भी अपनी दुकान राजधानी के शास्त्री बाजार और फायर ब्रिगेड चौक पर लगाते थे. पर इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से शास्त्री बाजार में इनकी दुकानें भी नहीं सजी हैं. कोरोना संक्रमण का डर दुकानदारों में भी साफ देखने को मिल रहा है.

No shopping in woolen market of Raipur
सूना पड़ा वूलन मार्केट

15 दिसंबर के बाद बढ़ सकती है ठंड

मौसम विभाग का कहना है कि इस बार ला नीनो के प्रभाव के चलते छत्तीसगढ़ में दिसंबर से लेकर फरवरी तक अन्य सालों की तुलना में ठंड ज्यादा पड़ेगी. लेकिन दिसंबर के पहले सप्ताह की शुरुआत हो गई है और ठंड राजधानी में नहीं दिख रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि प्रदेश में 15 दिसंबर के बाद ठंड बढ़ेगी और इसके बाद वूलन बाजार में गर्मी देखने को मिल सकती है.

Last Updated : Dec 4, 2020, 4:40 PM IST
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