रायपुर: एक चक्रीय चक्रवाती घेरा गंगटोक, पश्चिम बंगाल और उसके आसपास बांग्लादेश के ऊपर 2.1 किलोमीटर से 3.1 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है. एक चक्रीय चक्रवाती घेरा 3.1 किलोमीटर से 4.5 किलोमीटर ऊंचाई तक उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी और उसके आसपास स्थित है. एक पूर्व पश्चिम विंडशियर जोन 16 डिग्री उत्तर में 5.8 किलोमीटर से 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है. इसकी वजह से छत्तीसगढ़ में बारिश की संभावना बनी हुई है. राजधानी रायपुर में शनिवार की शाम कुछ घंटे के लिए तेज बारिश हुई थी. पिछले दो दिनों से यहां केवल बूंदाबांदी ही हो रही है. इस वजह से राजधानी के लोगों को उमस का सामना करना पड़ रहा है.
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मौसम विभाग ने आज प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना जताई है. वहीं राजधानी रायपुर समेत कुछ इलाकों में गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है. बता दें कि प्रदेश के अंदरूनी इलाकों में अति भारी बारिश का अनुमान लगाया जा रहा है. इसकी वजह से प्रदेश के अधिकतम तापमान में गिरावट संभावित है.
बढ़ रही है उमस
मानसून द्रोणिका मध्य समुद्र तल पर गंगानगर, हिसार, बदायूं, गोंडा, आजमगढ़, गया, जमशेदपुर, दीघा और उसके बाद दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक स्थित है. छत्तीसगढ़ में इस साल मानसून ने समय से पहले दस्तक दे दी थी. 11 जून को मानसून बस्तर में प्रवेश कर गया था. इसके साथ ही जगदलपुर में लगातार बारिश शुरू हो गई थी. जून के अंत तक सभी जिलों में मानसूनी बारिश शुरू हो गई थी. जुलाई के पहले सप्ताह तक प्रदेश के लगभग सभी जलाशय लबालब हो गए थे. खूंटाघाट और गंगरेल बांध बीच जुलाई तक पूरी तरह से भर गए थे.
किसानों के खिले चेहरे
सभी जलाशयों के भर जाने से सरकार ने इस साल सिंचाई के लिए जल स्रोत को पहले ही खोल दिया है. इससे किसानों के चेहरे खिल गए हैं. इस बार की बारिश में किसानों ने धान की फसलों में रोपाई शुरू कर दी है. जलाशयों में ओवरफ्लो होने की वजह से गेट खोले जा रहे हैं. ये नजारा देखने के लिए पर्यटक इकट्ठा होने लगे हैं.