रायपुर: दुनिया तेजी से आधुनिकता की ओर बढ़ती चली जा रही है. पिछले 2 सालों में मोबाइल का इस्तेमाल (mobile use) डेढ़ गुना ज्यादा होने लगा है. आज के समय में बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी मोबाइल का इस्तेमाल ज्यादा करने लगे हैं चाहे ऑनलाइन पढ़ाई हो वर्क फ्रॉम होम हो इत्यादि. जितना ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल आज के समय में हो रहा है. उतना ही साइबर क्राइम (cyber crime) के मामले बढ़ते जा रहे हैं. साइबर अपराधी नए-नए हाईटेक तरीकों से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. वहीं, अब साइबर ठग यूएसएसडी कोड का इस्तेमाल कर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. दरअसल. यूएसएसडी कोड मोबाइल में सर्विस शुरू या बंद करने के काम आता है लेकिन अब इसका इस्तेमाल कर ठगी हो रही है. ईटीवी भारत ने इसको लेकर साइबर प्रभारी और साइबर एक्सपर्ट (cyber expert) से खास बातचीत किया. यह जानते हैं कि उन्होंने क्या कहा..?
साइबर प्रभारी गिरीश तिवारी ने बताया कि आजकल देखने में आ रहा है कि साइबर अपराधी नए-नए हाईटेक तरीकों से ठगी कर रहे हैं. अमूमन यूएसएसडी कोड का इस्तेमाल मोबाइल में किसी तरह की सर्विस शुरू करने या बंद करने के लिए इस्तेमाल होता है लेकिन अब साइबर अपराधी इसका इस्तेमाल लोगों के साथ ठगी करने में कर रहे हैं. साइबर अपराधी सामने वाली व्यक्ति से इस कॉर्ड को डायल करा देते हैं. इसके बाद सामने वाले व्यक्ति का पूरा पर्सनल डिटेल, सोशल मीडिया डिटेल और ओटीपी सब साइबर अपराधी के पास चल जाता है और इसकी भनक सामने वाले व्यक्ति को भी नहीं होती है. इस वजह से साइबर ठग सामने वाले व्यक्ति को धमकाते है और ठगी करता है.
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यूएसएसडी कोड को यूज कर मोबाइल करते हैं हैक
अपराधी फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन पर नजर रखते हैं. साइबर एक्सपर्ट मोहित साहू ने बताया कि यूएसएसडी कोड मोबाइल में डायलर के थ्रू स्टार (*) और # नंबर को डाल कर यूज करते हैं. इसका मल्टी परपज यूज होता है. जैसे किसी को आईएमईआई नंबर देखना हो, किसी तरह का सर्विस मोबाइल में शुरू करना हो या ब्लॉक करने के लिए, मोबाइल में कॉल ट्रांसफर या कॉल फॉरवर्ड करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. इसमें ठग सामने वाले व्यक्ति को एक यूएसएसडी कोड देते हैं. इसमें उनका नंबर डाला होता है और जैसे ही आप उस यूएसएसडी कोड को अपने मोबाइल में डालते हैं, आपके मैसेज या कॉल उनके पास फॉरवर्ड हो जाते हैं. इससे होता यह है कि जब भी आपको कोई ट्रांजैक्शन करना होता है और आपके मोबाइल में ओटीपी आता है तो वह उनके मोबाइल में भी शो करता है. इस तरीके से वह आपके मोबाइल और अकाउंट को हैक करते हैं और इस तरीके से वो लोगों को अपना शिकार बनाते हैं.
ठगी की शिकार होने से इस तरह बचें
• किसी अनजान व्यक्ति को अपना फोन ना दें.
• अनजान लिंक या कोड पर क्लिक ना करें.
• अनजान व्यक्ति के कहने पर स्टार या हैश लगाकर कोई नंबर डायल ना करें.
• अपने सोशल मीडिया साइट पर टू स्टेप वेरीफिकेशन कोड डाल कर रखें.