रायपुर: छत्तीसगढ़ में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) श्रमिकों को 1 अप्रैल 2022 से प्रतिदिन 204 रूपए की मजदूरी (manrega wages increased by eleven rupees) मिलेगी. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मनरेगा के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राज्यवार प्रतिदिन मजदूरी की दर का राजपत्र में प्रकाशन कर दिया गया है। मनरेगा के तहत काम करने वाले अकुशल हस्त कर्मकारों हेतु छत्तीसगढ़ के लिए 204 रूपए प्रतिदिन की मजदूरी तय की गई है. यह नई दर 1 अप्रैल 2022 से प्रभावी (New rate effective from 1st April 2022) होंगी. केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 193 रूपए मजदूरी दर निर्धारित थीं. आगामी वित्तीय वर्ष के लिए इसमें 11 रूपए की बढ़ोतरी की गई है.
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क्या है मनरेगा : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम को मनरेगा कहते है. मनरेगा भारत सरकार द्वारा लागू की गई एक रोजगार गारंटी योजना (employment guarantee scheme) है, जिसे 7 सितंबर 2005 को विधान सभा में पारित किया गया है. इसके बाद 2 फ़रवरी 2006 को 200 जिलों में शुरू किया गया. शुरुआत में इसे राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा NREGA) कहा जाता था, लेकिन 2 अक्टूबर 2009 इसका नाम बदलकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम कर दिया गया. मनरेगा योजना विश्व की एकमात्र ऐसी योजना है जो 100 दिन रोजगार की गारंटी देती है.