रायपुर : राजधानी के पुरानी बस्ती स्थित जैतूसाव मठ (Jaitusav Math of Raipur ) में रामनवमी अवसर पर हर साल मालपुआ बनाया जाता है. मालपुआ को भगवान को अर्पित करने के बाद इसको प्रसाद के रूप में भक्तों को वितरण किया जाता है. लेकिन कोरोना की वजह से पिछले 2 साल से मालपुआ नहीं बनाया जा रहा था. लेकिन इस साल कोरोना की रफ्तार कम होने के कारण रामनवमी पर्व में मालपुआ बनाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं, मालपुआ बनाने का काम 10 अप्रैल तक होगा.
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कैसे बनता है मालपुआ : मालपुआ बनाने में शक्कर, गेहूं का आटा, सूखा मेवा, काली मिर्च, मोटा सौफ का उपयोग किया जाता है. मालपुआ को बनाने के लिए लगभग 15 कर्मचारी लगे हुए हैं. जो भट्टी काम करने के साथ ही दूसरे काम कर रहे हैं . मालपुआ को तेल और घी में छाना जाता है. मालपुआ छनने के बाद उसे सुखाया जाता है. सूखने के बाद रविवार की देर रात भगवान श्रीराम को भोग लगाने और अर्पित करने के बाद ही इसका वितरण होगा.