रायपुर: स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक को नौकरी से निकाले जाने के विरोध में रायपुर में आमरण अनशन (Swachh Bharat Mission District Coordinator) किया गया. प्रदर्शनकारी राजधानी के मरीन ड्राइव में आमरण अनशन की तैयारी पूरी कर चुके थे, लेकिन उन्हें पुलिस बस में बैठाकर बूढ़ातालाब लाकर छोड़ दिया गया. यहां प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारे लगाए. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ''जब तक दोनों कर्मचारियों की बहाली नहीं होती है, तब तक आमरण अनशन जारी रहेगा.'' 21 सितंबर बुधवार को प्रदर्शनकारी कैंडल मार्च निकालकर विरोध जताएंगे.
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने को लेकर राजनीति
नौकरी में बहाली की मांग को लेकर आमरण अनशन: प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ''छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले 1 से 7 सितंबर तक हजारों की तादाद में अनियमित कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया था. रायपुर संभाग आयुक्त यशवंत कुमार से चर्चा के बाद अपना आंदोलन समाप्त किया था. इस दौरान 3 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोतवाली थाने में रास्ता रोकने का मामला दर्ज किया गया. वहीं स्वच्छ भारत मिशन के कर्मचारियों ने जब अपनी टीम लीडर की शिकायत नगरीय प्रशासन सचिव से की तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया. कर्मचारियों को बहाल करने के लिए लाखों रुपए की मांग की जा रही है. ऐसे में हम आमरण अनशन करने के लिए मजबूर हैं.''