रायपुरः आज के समय में युवाओं (youth) के बीच मोटापा (obesity) एक बड़ी चिंता का विषय है. मोटापे की वजह से कई तरह की बीमारियां (diseases) भी शरीर में प्रवेश कर जाती हैं. वहीं, मोटापे को कम करने के लिए युवा आज कल जिम और डाइटिंग (gym and dieting) का सहारा भी ले रहे हैं.
युवाओं के बीच आज कल इंटरमिटेंट फास्टिंग की खूब चर्चा है. अमूमन डाइटिंग में हर 2 घंटे के अंदर फ्रूट, विटामिंस, फाइबर्स (Fruits, Vitamins, Fibers) की चीजें कम मात्रा में लेनी पड़ती है, ताकि शरीर में कमजोरी ना हो और डाइटिंग भी होता रहे. लेकिन इंटरमिटेंट फास्टिंग कुछ अलग है.यह एक ऐसी डाइट है. जिसमें व्रत एक तरीके से किया जाता है. इस डाइट को फॉलो करने से आपका वजन तो कम होगा ही इसके साथ कई खतरनाक बीमारियों से बच सकते हैं
इंटरमिटेंट फास्टिंग का मतलब होता है कुछ निश्चित घंटे तक भोजन ना करना. कई डाइट इस बात पर निर्भर करता है कि क्या खाना है, क्या नहीं खाना है? लेकिन इंटरमिटेंट फास्टिंग यह बताता है कि आपको कब खाना चाहिए? इंटरमिटेंट फास्टिंग में आप एक दिन में सिर्फ निश्चित घंटों में खा सकते हैं.
जो आपके शरीर में जमे वसा (fat) को कम करने में सहायक होता है. इंटरमिटेंट फास्टिंग में एक निर्धारित समय पर आप खाना खा सकते हैं जिससे 1 दिन में कई घंटे तक ना खाना या 1 हफ्ते में एक बार भोजन करना शामिल है. इससे आपके शरीर में जमी वसा (fat) को कम करने में सहायता मिलेगी. साथ ही तेजी से आपका वेट लॉस (weight loss) होता है.
'इंटरमिटेंट फास्टिंग' मतलब 'लिटिल, लॉन्ग फास्टिंग'
डायटिशियन डॉक्टर सारिका श्रीवास्तव बताती हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग एक तरीके का लिटिल लॉन्ग फास्टिंग (little long fasting) होती है. इसमें दिन में 16 घंटे की फास्टिंग की जाती है. मतलब 24 घंटे में आप 16 घंटे कुछ नहीं खाते हैं, जैसे कि अगर आपने सुबह ब्रेकफास्ट (Breakfast) नहीं किया है तो आप सीधा 2 बजे से 4 बजे तक लंच (Lunch) करते हैं और रात का खाना 8:00 बजे तक कंप्लीट (complete) कर लेना है. इस तरीके से आपको अलग-अलग टाइम लिमिट में खाना रहता है. लेकिन इस डाइट का बेसिक इंटरेस्ट (basic interest) यह रहता है कि 16 घंटे आपको कुछ नहीं खाना है और इस तरह का आप डाइट (diet) अगर करते हैं तो बिल्कुल आपका वेट लॉस होगा.
इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे और नुकसान
इसके फायदे तो जरूर है कि, इससे वजन बहुत जल्दी कम होता है लेकिन इसके नुकसान भी कहीं ज्यादा है. क्योंकि इस तरह की डाइट में आपका जो स्ट्रेस हार्मोन (stress hormones) ज्यादा निकलने लगता है, डाइजेस्टिव सिस्टम (digestive system) कमजोर हो जाता है. कॉन्स्टिपेशन (Constipation)की समस्या देखने को मिलती है. हेडेक (
haddock) जैसे प्रॉब्लम हो सकते हैं. फिर अगर आप प्रॉपर खाना नहीं ले पाते हैं तो शरीर डिहाइड्रेटेड (dehydrated), चक्कर आना और कमजोरी लगना जैसे समस्या भी लोगों में देखने को मिलती है.
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इंटरमिटेंट फास्टिंग के समय अपने बॉडी को रखें हाइड्रेटेड
अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग करते हैं तो आपको यह ध्यान रखना है कि अगर आप एक समय खा रहे हैं तो अपना डाइट पूरा रखें. 8 घंटे जो आप खाना खाते हैं तो उसमें आपको ध्यान रखें कि थोड़े-थोड़े समय पर थोड़ा-थोड़ा खाना खाते रहें और अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखें. जिससे आपका शरीर डिहाइड्रेटेड ना हो और आपके शरीर में न्यूट्रिएंट्स (Nutrients) या विटामिन (Vitamins) की कमी ना हो. यह एक बैलेंस डाइट (balance diet) के रूप में कन्वर्ट (convert) हो जाए.
इंटरमिटेंट फास्टिंग में खाने के समय प्रॉपर प्रोटीन और विटामिन है जरूरी
इंटरमिटेंट फास्टिंग में 24 घंटे में आप 16 घंटे खाली पेट रहते हैं. 8 घंटे के बीच ही आप खा सकते हैं. तो खाने के समय पर आप रोटी सब्जी, ब्राउन राइस खा सकते हैं. इसके साथ ही जो हेल्दी फूड है, उसको खा सकते हैं. जिसमें विटामिन ए.बी.सी की भरपूर मात्रा हो. इसमें विटामिन मिनरल्स के सभी चीज कहा सकता है. आप दाल, हरी सब्जी खा सकते हैं. प्रोटीन के लिए आप अगर वेजिटेरियन हैं तो सोयाबीन, पनीर, दूध, ड्राई फ्रूट मिल्क प्रोडक्ट खा सकते हैं. वहीं अगर आप अगर नॉन वेजिटेरियन हैं तो चिकन, फिश और एग वाइट खा सकते हैं.