रायपुर: पिछले 2 साल से कोरोना की वजह से लोग होली का त्योहार उत्साह से नहीं मना पाए थे लेकिन इस बार कोरोना मरीजों की संख्या कम होने के बाद होली को लेकर लोगों का जोश हाई हैं. होली से पहले ही महंगाई बम फूटा है. खाद्य पदार्थों में तेल, मसाले, चावल, गेहूं सब महंगा हो गया है. वनस्पति तेल और रिफाइंड आयल के दाम 30 रुपये तक बढ़ गए हैं. जिससे होली पर लोगों को पकवान बनाने में भी सोचना पड़ रहा है. इसके साथ ही रंग गुलाल पिचकारी भी महंगे दामों में बिक रहे हैं.
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छत्तीसगढ़ में होली पर महंगाई का असर
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण महंगाई ने होली का रंग फीका कर दिया है. (Effect of Russia Ukraine war on Holi ) तेल के दाम महंगे होने की वजह से लगभग बाजार में सभी चीजें महंगी हो गई है. होली के त्योहार के समय घर में तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं. लेकिन इस बार उन पकवानों का स्वाद फीका पड़ने वाला है. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की वजह से रिफाइंड और वनस्पति के दाम 30 रुपये तक बढ़ (oil price hiked in raipur) गए हैं. इसके अलावा मैदा, शक्कर, गेहूं सभी के दाम 3 से 5 रुपये तक बढ़ गए हैं. आने वाले दिनों में इनके दाम और महंगे हो सकते हैं.
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रायपुर में होली में रंग गुलाल महंगा
रंग, गुलाल और पिचकारी के दाम इस बार 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं. कारोबारियों का कहना है कि 'पिछले 2 साल हमें काफी नुकसान हुआ है. इस वजह से इस बार ज्यादा प्रोडक्शन नहीं हुआ है. पहले से ही काफी पिचकारिया अभी स्टॉक में रखी हुई है. इस बार मेड इन इंडिया पिचकारी बाजारों में देखने को मिल रही है. इस वजह से भी पिचकारी के दाम बढ़े हैं. आम लोगों के लिए होली भले ही फीकी हो लेकिन कारोबारी अच्छा बाजार होने की उम्मीद जता रहे हैं.