रायपुर: अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) जीपी सिंह (Action on GP Singh) के यहां छापे की कार्रवाई जारी है. उनके आर्थिक अपराध ब्यूरो के कार्यकाल के दौरान डरा धमकाकर अवैध वसूली के जरिए आय से अधिक संपत्ति रखने की शिकायत मिल रही थी. जिसके आधार पर जांच शुरू की गई. अब तक करोड़ों के अवैध लेनदेन का खुलासा हुआ है. IPS जीपी सिंह के घर सहित 10 ठिकानों पर ACB और EOW ने दबिश दी है. प्राथमिक जांच में सामने आये प्रामाणित तथ्यों के आधार पर जीपी सिंह पर FIR दर्ज की गई है. रायपुर, भिलाई, राजनांदगांव और ओडिशा राज्य में बेनामी संपत्तियां अर्जित करने की प्रामाणिक पुष्टि हुई है.
प्राथमिक जांच के दौरान इस बात के पुख्ता प्रमाण मिले है कि जीपी सिंह ने अलग-अलग जगहों पर करोड़ों की अनुपातहीन अवैध संपति अर्जित की है. उन्होंने कई बड़े लेन-देन किए हैं. शेल कंपनियों में निवेश करके मनी लांड्रिंग का प्रयास भी किया गया है. जेपी सिंह पर एंटी करप्शन ब्यूरो (Anti Corruption Bureau, ACB) और इकॉनॉमिक ऑफेंस विंग (Economic Offenses Wing, EoW) ने शिकंजा कसा है.
विवादों के भी 'बॉस' रहे हैं IPS जीपी सिंह, जो विभाग कभी लीड करते थे, उसी ने कार्रवाई की
FIR पंजीबद्ध
1 जुलाई 2021 को सुबह IPS जीपी सिंह से संबंधित रायपुर, राजनांदगांव, ओडिशा के कुल 15 स्थानों पर ACB ने छापामार कार्रवाई की. छापे की प्रक्रिया अब भी जारी है. प्रक्रिया 2 जुलाई तक चलने की आशंका जताई जा रही है. छापों की कार्रवाई पूरी होने के बाद विस्तृत ब्यौरा दिया जा सकता है. उनके खिलाफ आयकर विभाग भी बेनामी एक्ट के तहत अलग से कार्रवाई कर रही है. फिलहाल जांच जारी है.
गुरजिंदर पाल सिंह 1994 बैच के IPS हैं. प्रदेश के अलग-अलग जिलों में SP भी रह चुके हैं. इसके अलावा बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर जिले के IGP भी रह चुके हैं. जीपी सिंह EOW और एंटी करप्शन ब्यूरो के मुखिया भी रह चुके हैं. सरकार ने उन्हें ACB से हटाकर पुलिस अकादमी में पदस्थ किया था.