रायपुर: राजधानी में शनिवार की दोपहर के बाद झमाझम और तेज बारिश (rain in raipur) हुई. तेज बारिश के कारण शहर की निचली बस्ती और कॉलोनियों की सड़कों पर जलभराव (water logging in raipur ) की स्थिति भी देखने को मिली. जिससे नगर निगम की (Raipur Municipal Corporation) तरफ से जलभराव से बचाव के लिए किए गए तमाम दावों की पोल खुल गई. इस दौरान आवागमन भी बाधित हुआ और ट्रैफिक जाम की स्थिति भी देखने को मिली.
राजधानी मे बीते 2 दिनों से हल्की और मध्यम बारिश हो रही थी. जिसके बाद एक मजबूत सिस्टम के जरिेए शनिवार को लगातार 2 घंटे तक तेज बारिश हुई. जिससे लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत तो मिली ही, साथ ही शहर की कई निचली बस्तियों में और कॉलोनी की सड़कों पर जलभराव की स्थिति भी देखने को मिली. जिसके कारण यातायात व्यवस्था भी बाधित हुई. शहर के पॉश कॉलोनी जलविहार, अवंती विहार समेत गुढ़ियारी ब्रिज, घड़ी चौक, स्टेशन रोड, लालगंगा शॉपिंग मॉल और बूढ़ा तालाब धरनास्थल के आसपास भी काफी जलभराव देखने को मिला.
मौसम विभाग ने शनिवार को प्रदेश के अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने के साथ ही प्रदेश के एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने और भारी बारिश होने की संभावना जताई थी. भारी वर्षा का क्षेत्र मुख्यता दक्षिण छत्तीसगढ़ में रहने की संभावना जताई गई थी.
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एक निम्न दाब का क्षेत्र पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे लगे उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर स्थित है. इसके साथ ही ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है. मानसून द्रोणिका जैसलमेर, पूर्वी राजस्थान, नौगांव, पेंड्रारोड, संबलपुर, पुरी और उसके बाद पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी तक 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है. एक द्रोणिका उत्तर पूर्व अरब सागर से गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा होते हुए निम्न दाब के केंद्र मध्य बंगाल की खाड़ी तक 1.5 किलोमीटर से 7.6 किलोमीटर तक विस्तारित है.