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किसान नेता राकेश टिकैत का बड़ा बयान: कहा-सरकार ने कर दिया हमारा काम, खामखां कान में लकड़ी डालकर खुजाया नहीं करते - यूपी गेट पर आंदोलन

भारतीय किसान यूनियन (Indian Farmer Union) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत रविवार को रायपुर पहुंचे. उन्होंने समाज के अलग-अलग वर्ग के लोगों से मुलाकात की. इस मौके पर कहा कि वह उन सभी लोगों का धन्यवाद अर्पित करने आए हैं जो किसी न किसी रूप में किसानों के आंदोलन को समर्थन (Support the farmers' movement) दिया. इस मौके पर वह करीब एक साल से संघर्ष के बाद तीन कृषि कानून (three agricultural laws) को केंद्र सरकार के द्वारा वापस लिए जाने के कारणों के सवाल को पूरी सफाई के साथ टाल गए.

Farmer leader Tikait reached Raipur
रायपुर पहुंचे किसान नेता टिकैत
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Published : Dec 19, 2021, 9:08 PM IST

रायपुरः रायपुर पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत (Farmer leader Rakesh Tikait) ने कहा, 'छत्तीसगढ़ के लोगों का किसान आंदोलन में सहयोग (Cooperation in the Peasant Movement) रहा. रायपुर और दूसरे जिलों में किसानों के कार्यक्रम हुए. इसका हम धन्यवाद अर्पित करने आए हैं.' आंदोलन जारी रखने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे पंचों ने जो फैसला लिया है, सरकार उसको लागू करे.

रायपुर पहुंचे किसान नेता टिकैत

राकेश टिकैत ने कहा कि अभी जितना भी MSP मिल रहा है, उसको वैधानिक किया जाय. बाद में हम इसको दूध से लेकर सब्जियों पर लागू करने की मांग करेंगे. उन्होंने कहा कि आंदोलन स्थगित होते हैं. खत्म नहीं होते. हम प्रेस, सफाई कर्मी, गुरूद्वारों का धन्यवाद देने आए हैं. किसान आंदोलन को हर वर्ग से सहयोग मिला. क्या कारण है कि मोदी सरकार ने तीनों कृषि बिलों को वापस लिया?

सीएम बघेल पर रमन का तंज...ऐसे नहीं होगा वैतरनी पार, काम कर भाई काम कर

लोगों का आभार व्यक्त करने आए रायपुर

सरीके सवाल के जवाब में किसान नेता ने कहा-'सरकार ने हमारा काम कर दिया, खामखां कान में लकड़ी डालकर नहीं खुजाया करते'. हम लोगों की धनयवाद देने आए हैं. राजनीतिक गलियारों में चर्चा (discussion in political circles) थी कि केंद्र सरकार ने आगामी यूपी चुनाव को देखते हुए तीन कृषि कानूनों को वापस लिया (back three agricultural laws) है. तीन कृषि बिलों को लेकर देश के अलग-अलग राज्यों के किसानों ने लंबा आंदोलन किया. यूपी गेट पर आंदोलन (UP Gate agitation) को राकेश टिकैत ने करीब एक साल तक नेतृत्व दिया.

कई संगठन के नेताओं से मुलाकात

अपनी मांगों पर अड़े सैकड़ों किसानों की आंदोलन के बीच ही मौत भी हो गई. उनके उपर कई गंभीर आरोप भी लगाए गए. अंतत: अहिंसात्मक तरीके से आंदोलनरत किसानों के सामने सरकार को घुटने टेकने पड़ गए. राकेश टिकैत देवेंद्र नगर स्थित कांग्रेस विधायक कुलदीप जुनेजा के कार्यालय पहुंचे. यहां विभिन्न संगठनों से मुलाकात की.

रायपुरः रायपुर पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत (Farmer leader Rakesh Tikait) ने कहा, 'छत्तीसगढ़ के लोगों का किसान आंदोलन में सहयोग (Cooperation in the Peasant Movement) रहा. रायपुर और दूसरे जिलों में किसानों के कार्यक्रम हुए. इसका हम धन्यवाद अर्पित करने आए हैं.' आंदोलन जारी रखने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे पंचों ने जो फैसला लिया है, सरकार उसको लागू करे.

रायपुर पहुंचे किसान नेता टिकैत

राकेश टिकैत ने कहा कि अभी जितना भी MSP मिल रहा है, उसको वैधानिक किया जाय. बाद में हम इसको दूध से लेकर सब्जियों पर लागू करने की मांग करेंगे. उन्होंने कहा कि आंदोलन स्थगित होते हैं. खत्म नहीं होते. हम प्रेस, सफाई कर्मी, गुरूद्वारों का धन्यवाद देने आए हैं. किसान आंदोलन को हर वर्ग से सहयोग मिला. क्या कारण है कि मोदी सरकार ने तीनों कृषि बिलों को वापस लिया?

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लोगों का आभार व्यक्त करने आए रायपुर

सरीके सवाल के जवाब में किसान नेता ने कहा-'सरकार ने हमारा काम कर दिया, खामखां कान में लकड़ी डालकर नहीं खुजाया करते'. हम लोगों की धनयवाद देने आए हैं. राजनीतिक गलियारों में चर्चा (discussion in political circles) थी कि केंद्र सरकार ने आगामी यूपी चुनाव को देखते हुए तीन कृषि कानूनों को वापस लिया (back three agricultural laws) है. तीन कृषि बिलों को लेकर देश के अलग-अलग राज्यों के किसानों ने लंबा आंदोलन किया. यूपी गेट पर आंदोलन (UP Gate agitation) को राकेश टिकैत ने करीब एक साल तक नेतृत्व दिया.

कई संगठन के नेताओं से मुलाकात

अपनी मांगों पर अड़े सैकड़ों किसानों की आंदोलन के बीच ही मौत भी हो गई. उनके उपर कई गंभीर आरोप भी लगाए गए. अंतत: अहिंसात्मक तरीके से आंदोलनरत किसानों के सामने सरकार को घुटने टेकने पड़ गए. राकेश टिकैत देवेंद्र नगर स्थित कांग्रेस विधायक कुलदीप जुनेजा के कार्यालय पहुंचे. यहां विभिन्न संगठनों से मुलाकात की.

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