रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पिछले 1 महीने से दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ अपनी 2 सूत्रीय मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल (Daily wage forest workers protest in Raipur) पर हैं. वन विभाग के कई कार्य पूरी तरह से ठप और बंद पड़े हुए हैं. कुछ दिनों पहले सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रदर्शन कर रहे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को कार्य से पृथक करने का आदेश जारी कर दिया है. इसी आदेश के विरोध में दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ 23 सितंबर शुक्रवार को नवा रायपुर स्थित प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय का घेराव करेंगे. घेराव के इस कार्यक्रम में प्रदेश भर के लगभग 5 हजार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के शामिल होने की संभावना है. Raipur news
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का हल्लाबोल: छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री राम कुमार सिन्हा ने बताया कि "पिछले महीने की 20 अगस्त से अपनी 2 सूत्रीय मांग स्थायीकरण और नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदेश भर के दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. बावजूद इसके शासन प्रशासन, मंत्री और सांसद की तरफ से अब तक कोई सकारात्मक जवाब प्रदर्शनकारियों को नहीं मिला है. अब प्रदर्शनकारी आरपार की लड़ाई के मूड में हैं. नवा रायपुर स्थित प्रधान मुख्य वन संरक्षक के कार्यालय का 23 सितंबर को घेराव करेंगे.
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जन घोषणा पत्र का वादा पूरा करे सरकार: प्रदेश महामंत्री का कहना है कि सरकार ने जन घोषणा पत्र में नियमित करने का वादा किया था, लेकिन अब तक नियमितीकरण नहीं हो पाया. सामान्य प्रशासन विभाग ने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को कार्य से पृथक करने का आदेश जारी किया है. इस आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग करेंगे.''
दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारियों की 2 सूत्रीय मांग: वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों की 2 सूत्रीय मांग है. पहली मांग स्थायीकरण और दूसरी मांग नियमितीकरण की है. कर्मचारियों का कहना है कि जो कर्मचारी 2 साल की सेवा पूरी कर लिए हैं, उन्हें स्थाई किया जाए. जो दैनिक वेतन भोगी 10 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके हैं, उन्हें नियमित किया जाए.
वन विभाग में 6500 कर्मचारी: पूरे प्रदेश में वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या लगभग 6500 है. इन कर्मचारियों को वेतन के रूप में प्रतिमाह महज 9 हजार रुपये ही वेतन मिलता है. ये कर्मचारी वन विभाग में वाहन चालक, कंप्यूटर ऑपरेटर, रसोइया और बेरियर का काम करने के साथ ही जंगल का काम देखते हैं.