बिलासपुर : गुरुघासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी (Bilaspur Gurughasidas Central University ) का 9वां दीक्षांत समारोह मंगलवार को सम्पन्न हुआ. विश्वविद्यालय में दो वर्ष के शोधार्थियों और प्रावीण्य सूची के छात्रों को डिग्री देकर उनका सम्मान किया गया. इस मौके पर प्रदेश की राज्यपाल (Governor Ansuiya Uikey) सहित केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री भी शामिल हुए. राज्यपाल ने इस दौरान कहा कि, दीक्षांत दीक्षा का अंत नहीं बल्कि प्रारंभ है. इस दौरान शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष सरकार, सांसद अरुण साव, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी सहित कुलपति और विश्वविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारी समारोह में मौजूद रहे
शोभायात्रा से हुई शुरुआत : दीक्षांत समारोह की शुरुआत शोभायात्रा से हुई. जिसके बाद वर्ष 2019-20 और वर्ष 2020-21 दो साल के 141 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल दिया गया. इसी तरह 81 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि दी गई. दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल उईके (Governor Ansuiya Uikey) ने कहा कि, बिलासपुर केन्द्रीय विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध समाज सुधारक और सतनाम पंथ के संस्थापक गुरू घासीदास जी के नाम पर स्थापित है. जिन्होंने हमेशा समाज के कमजोर वर्ग के उत्थान के लिये सदमार्ग सुझाया. आगे उन्होंने कहा कि, दृढ़ निश्चय और बुलंद हौसलें के साथ कठिन से कठिन राह भी आसान हो जाती है. राज्यपाल ने स्टूडेंट्स से कहा कि वे इस अंचल के विकास और लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने में अपनी जिम्मेदारी निभाएं. इसके साथ ही शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने कहा कि, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मददगार साबित होगी. दो वर्ष बाद मेडल और उपाधि पाकर छात्र भी उत्साहित दिखे