रायपुर : खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव (Khairagarh assembly by election ) के लिए मतगणना जारी है . शुरुआती रुझान में कांग्रेस उम्मीदवार यशोदा वर्मा आगे चल रही हैं. 11 हजार मतों के अंतर को देखते हुए यशोदा वर्मा की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है. यशोदा वर्मा की जीत के पहले ही कांग्रेस में जश्न का माहौल है यह जश्न खैरागढ़ तक ही सीमित नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित कांग्रेस प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में भी जीत के पहले जीत का जश्न मनाया जा रहा है. यहां कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने उपस्थित कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को मिठाई बांटकर (Dhol distributed sweets at Rajiv Bhavan) इस जीत का जश्न मनाया. यशोदा वर्मा को बड़ी बढ़त मिलने के बाद राजीव भवन में ढोल-नगाड़े बजने लगे.
मोहन मरकाम ने मनाई खुशी : इस दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम (Mohan Markam distributed sweets) ने खैरागढ़ की जनता का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया और कहा कि खैरागढ़ की जनता ने भूपेश सरकार की नीतियों और योजनाओं पर विश्वास जताया है. मरकाम ने कहा कि इस चुनाव में मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने 40 डिग्री से अधिक तापमान में जो मेहनत की है पसीना बहाया है उसका ही आज यह परिणाम सामने आया है . मरकाम ने कहा कि हम शुरू से यह मानकर चल रहे थे कि खैरागढ़ उपचुनाव हमारे लिए सेमीफाइनल है. 2023 चुनाव फाइनल में जाने के पहले सेमीफाइनल खेलना जरूरी है. हमें लगता है कि खैरागढ़ उपचुनाव के बाद 2023 में होने वाले फाइनल भी हम लोग ही जीतेंगे.
जिला बनाने की घोषणा मास्टरस्ट्रोक : खैरागढ़ को जिला बनाने की घोषणा (Khairagarh will now become a district)को मास्टर स्ट्रोक के रूप में देखा जा सकता है. 15 साल भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही , डॉ रमन सिंह मुख्यमंत्री रहे. डॉ रमन सिंह कहते है कि खैरागढ़ में मेरी पैदाइश है. यही मैं गिल्ली डंडा खेला हूं. ऐसे में हम डॉक्टर से पूछना चाहते हैं कि 15 साल तक क्षेत्र की जनता ने आपको अवसर और मौका दिया बावजूद इसके खैरागढ़ की उपेक्षा क्यों की गई . आज हमारे सरकार की नीतियों और घोषणाओं पर वहां की जनता ने वोट किया है.
बीजेपी क्यों हुई फेल: खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के दिग्गज नेताओं का जमावड़ा लगा था. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री सहित भाजपा के बड़े-बड़े नेता खैरागढ़ में सक्रिय रहे. बावजूद इसके इस चुनाव में भाजपा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई. इस सवाल के जवाब में मरकाम ने कहा कि खैरागढ़ की जनता का भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व विश्वास नहीं रह गया है. यही वजह है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री पहलाद पटेल अन्य नेताओं को उतारा गया था.लेकिन उनकी मेहनत बेकार गई. मरकाम ने कहा कि भाजपा लोगों को बांटने का काम करती है. यहां पर भी उनके द्वारा बाटने का प्रयास किया गया.
कहां हो रही मतगणना : राजनांदगांव शहर के बीज निगम कार्यालय परिसर में मतगणना हो रही है. यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. काउंटिंग स्थल पर थ्री लेयर सुरक्षा व्यवस्था की गई है. मतगणना केंद्र के भीतर मोबाइल फोन और किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को ले जाने की अनुमति नहीं है. सिर्फ जिन लोगों को पास दिया गया है, उन्हें मतगणना स्थल में प्रवेश दिया गया है. खैरागढ़ विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 2,11540 है. पुरुष मतदाता 1,06290 और महिला मतदाता 1,05250 है. यहां 77.84 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. जिसमें 78.92 प्रतिशत पुरुष मतदाता और 77.74 महिला मतदाता शामिल हैं.
कांग्रेस-बीजेपी के बीच सीधी टक्कर : गौरतलब है कि खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा ने पूर्व विधायक कोमल जंघेल को उम्मीदवार बनाया है. जंघेल पिछले चुनाव में जकांछ उम्मीदवार राजा देवव्रत सिंह से हार गए थे.इधर जकांछ (जे) ने नरेंद्र सोनी पर भरोसा जताया है. सोनी पेशे से वकील हैं. कांग्रेस ने यशोदा वर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है. खैरागढ़ विधानसभा उप चुनाव के लिए 12 अप्रैल को मतदान हुआ. राजनांदगांव जिले की यह सीट खैरागढ़ सियासत के राजा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद खाली हुई है.