रायपुर: छत्तीसगढ़ में 1320 मेगावाट के नए बिजली संयंत्र की स्थापना के निर्देश मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिए हैं. यह छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी का सबसे बड़ा और सबसे आधुनिक संयंत्र होगा. इसकी स्थापना से छत्तीसगढ़ स्टेट जनरेशन कंपनी के स्वयं की विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़कर 4300 मेगावाट हो जाएगी. राज्य स्थापना के बाद पहली बार इतनी क्षमता का विद्युत संयंत्र स्थापित किया जाएगा. new power plant in Korba
समीक्षा बैठक में लिया गया अहम निर्णय: मुख्यमंत्री ने गुरुवार को अपने निवास में पावर कंपनियों की समीक्षा बैठक ली. जिसके अंतर्गत भविष्य में विद्युत की मांग की आपूर्ति के लिए आवश्यक विद्युत उपलब्धता की समीक्षा की गई. वर्ष 2030-31 तक अपेक्षित विद्युत मांग में वृद्धि की आपूर्ति के लिए नवीन विद्युत संयंत्र की आवश्यकता होगी. मुख्यमंत्री ने राज्य की विद्युत उत्पादन कंपनी को कोरबा पश्चिम में उपलब्ध भूमि पर 2x660 मेगावॉट सुपर क्रिटीकल नवीन विद्युत उत्पादन संयंत्र की स्थापना के लिए के निर्देश दिये.
review meeting of power companies in raipur
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युवाओं को मिलेगा रोजगार: विद्युत उत्पादन कंपनी के प्रबंध निदेशक एनके बिजौरा ने बताया "यह सुपर क्रिटिकल संयंत्र अत्याधुनिक तकनीक से स्थापित की जाएगी. इससे एक ओर बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित होगी. इसके साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. कोरबा पश्चिम में संयंत्र स्थापना के लिए स्वयं की भूमि उपलब्ध है. अपेक्षित परियोजना स्थल पर कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए वर्तमान चलित उत्पादन संयंत्रों के लिए कंवेयर बेल्ट की सुविधा भी उपलब्ध है."
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद संयंत्र स्थापना के लिए आवश्यक स्वीकृतियां, कोयला आवंटन, जल आवंटन सहित विस्तृत डीपीआरतैयार करने का काम विद्युत उत्पादन कंपनी जल्द से जल्द करेगी. जिससे साल 2030-31 तक अपेक्षित विद्यत आपूर्ति संभव हो सके. कन्वेयर बेल्ट से कोयला उपलब्धता, स्वयं की भूमि उपलब्धता और सुपर क्रिटिकल प्लांट होने के कारण नवीन प्रस्तावित प्लांट से उत्पादित बिजली की दर सस्ती हो सकती है.
बुधवार को ही समिति ने किया था दौरा : बुधवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा की सार्वजनिक उपक्रमों संबंधी समिति ने कोरबा स्थित राज्य के विद्युत संयंत्रों का दौरा किया था.समिति ने नए विद्युत संयंत्र की आववश्यकता की बात कही थी. छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 2840 मेगावाट क्षमता के तीन संयंत्र प्रचालन में है. इनमें 1340 और 500 मेगावाट क्षमता वाले दो संयंत्रा कोरबा में और 1000 मेगावाट क्षमता वाला संयंत्र मंड़वा, जांजगीर चांपा में स्थित है.