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यूपी के OBC वर्ग को पाले में लेने CM भूपेश बघेल को मिली अहम जिम्मेदारी - छत्तीसगढ़ न्यूज

सीएम भूपेश बघेल को यूपी चुनावों में पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी मिली है. कांग्रेस ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. उत्तर प्रदेश चुनावों में OBC वोटर्स के जरिए अपनी खोई हुई साख पाने के लिए कांग्रेस ने OBC वर्ग से आने वाले सीएम भूपेश बघेल को उत्तर प्रदेश में ऑब्जर्वर नियुक्त किया है. यहां वे प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ मिलकर यूपी चुनाव की कमान संभालेंगे.

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
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Published : Oct 3, 2021, 10:18 AM IST

रायपुर\हैदराबाद: छत्तीसगढ़ कांग्रेस में चले रहे हंगामे के बीच सीएम भूपेश बघेल (CM bhupesh baghel) को उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों (Uttar Pradesh Assembly Elections) के लिए पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, कांग्रेस सहित सभी पार्टियों ने इसके मद्देनजर अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी मिलने पर सीएम भूपेश बघेल ने पार्टी आलाकमान का शुक्रिया अदा किया है. इससे पहले असम विधानसभा चुनावों (Assam election)में बघेल ने बूथ स्तर पर अहम भूमिका निभाई थी. हालांकि असम में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था.

असम में भूपेश बघेल को जिम्मेदारी देकर कांग्रेस ने असम में छत्तीसगढ़ मूल के वोटरों को सहेजने की कोशिश की थी. दरअसल इन इलाकों का मुख्य व्यवसाय चाय बागान के साथ कृषि है. जहां छत्तीसगढ़ व सतनामी समाज के कई लोग दशकों से रह रहे हैं. इसी लिहाज से कांग्रेस ने ये अनुमान लगाया था कि भूपेश बघेल का असम दौरा कांग्रेस के लिए फायदेमंद रहेगा.

यूपी में OBC वोट पाने की कोशिश

उत्तर प्रदेश में भी कुछ ऐसी ही स्थिति है. उत्तर प्रदेश में जातिगत आधारों पर चुनाव होता है. हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें दावा किया गया था कि देश के ग्रामीणों इलाकों में आधी आबादी पिछड़ी जातियों की है. ग्रामीण क्षेत्र के OBC परिवारों में पहले स्थान पर तमिलनाडु है. यहां इनकी आबादी करीब 70 प्रतिशत है. इसके बाद बिहार है. उत्तर प्रदेश में करीब 60 प्रतिशत आबादी OBC वर्ग की है. सीएम भूपेश बघेल भी OBC से ही आते हैं. ऐसे में कांग्रेस CM भूपेश बघेल के जरिए OBC वर्ग को साधने में जुटी है.

UP विधानसभा चुनाव: सीनियर पर्यवेक्षक बनाए गए CM भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन के घमासान के बीच भूपेश बघेल को मिली इस नियुक्ति को अहम माना जा रहा है. दिल्ली में बघेल खेमे के 35 विधायक मौजूद हैं. वह कांग्रेस (Congress) आलाकमान से मिलकर अपनी बात रखना चाहते हैं. हालांकि अभी तक उनकी मुलाकात आलाकमान से नहीं हुई है. विधायकों ने दिल्ली आने का मकसद तो नहीं बताया है लेकिन सभी एक सुर में भूपेश बघेल का समर्थन कर रहे हैं.

आते-जाते रहते हैं विधायकः भूपेश बघेल

रायपुर के राजीव भवन (Rajiv Bhawan of Raipur) में गांधी जयंती कार्यक्रम (Gandhi Jayanti program) खत्म होने के बाद पत्रकारों के विधायकों के दिल्ली दौरे के सवाल पर उन्होंने कहा कि मीडिया विधायकों के दिल्ली दौरे के पीछे क्यों पड़ी है? ये विधायक हैं, आते-जाते रहते हैं. इसके साथ ही सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि हर मुद्दे को राजनीति के चश्मे से न देखे.

टीएस सिंहदेव (TS Singhdeo) के लिए आलाकमान द्वारा निर्णय ले लिया गया है के बयान और उसके बाद विधायकों के दिल्ली जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आज कल इत्तेफाक बहुत हो रहे हैं. विधायक अपनी मर्जी से दिल्ली में हैं. वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं. इससे राजनीति का कोई लेना देना नहीं.

हालांकि सीएम बघेल के इस बयान से इतर ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि फिलहाल इस समय दिल्ली में छत्तीसगढ़ के 35 विधायक मौजूद हैं. जो शक्ति प्रदर्शन के लिए दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. सूत्रों के अनुसार ये भी जानकारी सामने आ रही है कि इस पूरे घटनाक्रम को स्पष्ट करने के लिए अगले सप्ताह ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी छत्तीसगढ़ का दौरा कर सकते हैं.

रायपुर\हैदराबाद: छत्तीसगढ़ कांग्रेस में चले रहे हंगामे के बीच सीएम भूपेश बघेल (CM bhupesh baghel) को उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों (Uttar Pradesh Assembly Elections) के लिए पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, कांग्रेस सहित सभी पार्टियों ने इसके मद्देनजर अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी मिलने पर सीएम भूपेश बघेल ने पार्टी आलाकमान का शुक्रिया अदा किया है. इससे पहले असम विधानसभा चुनावों (Assam election)में बघेल ने बूथ स्तर पर अहम भूमिका निभाई थी. हालांकि असम में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था.

असम में भूपेश बघेल को जिम्मेदारी देकर कांग्रेस ने असम में छत्तीसगढ़ मूल के वोटरों को सहेजने की कोशिश की थी. दरअसल इन इलाकों का मुख्य व्यवसाय चाय बागान के साथ कृषि है. जहां छत्तीसगढ़ व सतनामी समाज के कई लोग दशकों से रह रहे हैं. इसी लिहाज से कांग्रेस ने ये अनुमान लगाया था कि भूपेश बघेल का असम दौरा कांग्रेस के लिए फायदेमंद रहेगा.

यूपी में OBC वोट पाने की कोशिश

उत्तर प्रदेश में भी कुछ ऐसी ही स्थिति है. उत्तर प्रदेश में जातिगत आधारों पर चुनाव होता है. हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें दावा किया गया था कि देश के ग्रामीणों इलाकों में आधी आबादी पिछड़ी जातियों की है. ग्रामीण क्षेत्र के OBC परिवारों में पहले स्थान पर तमिलनाडु है. यहां इनकी आबादी करीब 70 प्रतिशत है. इसके बाद बिहार है. उत्तर प्रदेश में करीब 60 प्रतिशत आबादी OBC वर्ग की है. सीएम भूपेश बघेल भी OBC से ही आते हैं. ऐसे में कांग्रेस CM भूपेश बघेल के जरिए OBC वर्ग को साधने में जुटी है.

UP विधानसभा चुनाव: सीनियर पर्यवेक्षक बनाए गए CM भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन के घमासान के बीच भूपेश बघेल को मिली इस नियुक्ति को अहम माना जा रहा है. दिल्ली में बघेल खेमे के 35 विधायक मौजूद हैं. वह कांग्रेस (Congress) आलाकमान से मिलकर अपनी बात रखना चाहते हैं. हालांकि अभी तक उनकी मुलाकात आलाकमान से नहीं हुई है. विधायकों ने दिल्ली आने का मकसद तो नहीं बताया है लेकिन सभी एक सुर में भूपेश बघेल का समर्थन कर रहे हैं.

आते-जाते रहते हैं विधायकः भूपेश बघेल

रायपुर के राजीव भवन (Rajiv Bhawan of Raipur) में गांधी जयंती कार्यक्रम (Gandhi Jayanti program) खत्म होने के बाद पत्रकारों के विधायकों के दिल्ली दौरे के सवाल पर उन्होंने कहा कि मीडिया विधायकों के दिल्ली दौरे के पीछे क्यों पड़ी है? ये विधायक हैं, आते-जाते रहते हैं. इसके साथ ही सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि हर मुद्दे को राजनीति के चश्मे से न देखे.

टीएस सिंहदेव (TS Singhdeo) के लिए आलाकमान द्वारा निर्णय ले लिया गया है के बयान और उसके बाद विधायकों के दिल्ली जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आज कल इत्तेफाक बहुत हो रहे हैं. विधायक अपनी मर्जी से दिल्ली में हैं. वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं. इससे राजनीति का कोई लेना देना नहीं.

हालांकि सीएम बघेल के इस बयान से इतर ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि फिलहाल इस समय दिल्ली में छत्तीसगढ़ के 35 विधायक मौजूद हैं. जो शक्ति प्रदर्शन के लिए दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. सूत्रों के अनुसार ये भी जानकारी सामने आ रही है कि इस पूरे घटनाक्रम को स्पष्ट करने के लिए अगले सप्ताह ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी छत्तीसगढ़ का दौरा कर सकते हैं.

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