रायपुर : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (All India Congress Committee) की घोषणा पत्र क्रियान्वयन समिति (Manifesto Implementation Committee) की वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया था. इस बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने छत्तीसगढ़ सरकार के कामों की जानकारी दी. सीएम ने बताया कि छत्तीसगढ़ के करीब 66 लाख परिवारों में से करीब 52 लाख परिवार राज्य सरकार की किसी न किसी जनहितैषी योजना से सीधे नकद हस्तांतरण के जरिए लाभान्वित हुए हैं. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से तमाम रुकावटों के बावजूद छत्तीसगढ़ में जनहित के काम जारी रखे गए.
समिति ने की सराहना
समिति ने घोषणा पत्र क्रियान्वयन के मामले में छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार की अब तक की उपलब्धियों (Achievements of Bhupesh Baghel govt) पर न केवल संतोष जाहिर किया, बल्कि सरकार के कामकाज की भरपूर सराहना भी की. घोषणा पत्र क्रियान्वयन समिति की बैठक रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सम्पन्न हुई. बैठक में समिति के अध्यक्ष पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश (Former Union Minister Jairam Ramesh), छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Chhattisgarh Pradesh Congress Committee) के संगठन प्रभारी पीएल पुनिया, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम भी मौजूद थे.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का घोषणा पत्र पार्टी के नेता राहुल गांधी के मार्गदर्शन में तैयार हुआ है. प्रदेश की जनता की जरूरत जानने के लिए पार्टी के प्रभारी महामंत्री पीएल पुनिया और बतौर प्रदेश अध्यक्ष वे पूरे प्रदेश का दौरा करते रहे. चुनाव से पहले ये घोषणा पत्र वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की अध्यक्षता में तैयार किया गया. बघेल ने कहा कि राहुल गांधी की मंशा के अनुसार किसानों की कर्जमाफी का बड़ा फैसला किया गया.
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किसानों के लिए संचालित कई योजनाएं
- प्रदेश में करीब 19 लाख किसानों के 9 हजार करोड़ रुपये के कर्ज माफ हुए.
- किसानों को धान का समर्थन मूल्य 2,500 रुपये प्रति क्विंटल देने की शुरूआत की गई.
- छत्तीसगढ़ सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू की.
- केंद्र सरकार की तमाम रुकावटों के बावजूद धान खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही है.
- 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले 19 लाख किसानों को 4 किस्तों में 5628 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी गई.
- 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान सहित अन्य निर्धारित फसल बेचने वाले 22 लाख किसानों को 5700 करोड़ रुपये दिए जाने की शुरुआत कर दी गई है.
- प्रथम किस्त के रूप में 1500 करोड़ रुपये किसानों के खाते में जमा कर दिए गए हैं.
- राजीव गांधी किसान न्याय योजना को विस्तारित कर अब खरीफ 2021 से धान के साथ-साथ गन्ना, मक्का, सोयाबीन और कोदो-कुटकी पैदा करने वाले किसानों को प्रति वर्ष प्रति एकड़ 9000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी.
- 2020 में जिन किसानों ने जिस रकबे में धान की खेती की थी, उस रकबे में यदि वह अब धान के बदले अन्य चिन्हित फसलों का उत्पादन और वृक्षारोपण करेंगे, तो उन्हें 10,000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से इनपुट सब्सिडी मिलेगी.
- पंचायतों और वन प्रबंधन समितियों को भी वृक्षारोपण करने पर 10,000 रुपये प्रति एकड़ दिया जायेगा. यह सब्सिडी तीन वर्षों तक मिलेगी.
एथेनॉल बनाने की मांगी है अनुमति
सीएम ने कहा कि प्रदेश में धान प्रमुख फसल होने के कारण बड़े पैमाने पर समर्थन मूल्य में इसकी खरीदी करनी होती है, लेकिन केन्द्र सरकार सेन्ट्रल पूल के लिए अधिक चावल लेने में आना-कानी करती है, जिसके कारण हमारे धान और चावल का उपयोग नहीं हो पाता. छत्तीसगढ़ सरकार ने केन्द्र से धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति मांगी ताकि राज्य को इस घाटे से उबारा जा सके, लेकिन केन्द्र ने यह अनुमति नहीं दी है.
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छत्तीसगढ़ में गन्ने का समर्थन मूल्य देश में सबसे अधिक है, लेकिन प्रदेश में शक्कर कारखानें नुकसान में चल रहे हैं. गन्ने से भी एथेनॉल बनाने के लिए एमओयू किया है, जिसके नतीजे अगले वर्ष तक मिलने लगेंगे.
बिजली बिल हाफ योजना का मिल रहा फायदा
- योजना 1 मार्च 2019 से लागू है.
- राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को खपत की गई 400 यूनिट तक की बिजली पर आधी राशि की छूट दी जा रही है.
- उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 4.50 रुपये देने पड़ते थे अब 400 यूनिट तक की बिजली खपत पर प्रति यूनिट सिर्फ 2.30 रुपये देने पड़ रहे हैं.
- जून 2021 तक राज्य के करीब 39 लाख 63 हजार उपभोक्ताओं को 1822 करोड़ रुपये की रियायत दी गई है.
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राशन किया जा रहा वितरित
- प्रदेश के 65 लाख परिवारों को हर महीने पात्रतानुसार चावल भी दिया जा रहा है.
- अंत्योदय परिवारों को यह 1 रुपये प्रति किलो की दर से 35 किलो चावल दिया जा रहा है.
- कोरोना काल में गरीबों को निःशुल्क चावल देने की व्यवस्था की गई है.
मनरेगा से मिल रहा रोजगार
- कोरोना काल में 21 लाख परिवारों को मनरेगा के तहत रोजगार दिया गया.
- भारत सरकार के स्वीकृत लक्ष्य के विरूद्ध रोजगार देने में छत्तीसगढ़ देश में सबसे आगे रहा.
गोधन न्याय योजना से किसानों को मिल रहा फायदा
- इस योजना से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की गोबर खरीदी हो चुकी है.
- प्रदेश में 1000 गोठान स्वावलंबी हो गये हैं.
- गोधन योजना से प्रदेश में दुध उत्पादन भी प्रोत्साहित हो रहा है.
- करीब पौने दो लाख लोगों को गोधन न्याय योजना से लाभ मिल रहा है.
सरकार अनुसूचित क्षेत्र में वैल्यू एडिशन को प्रोत्साहित कर रही है. उन्होंने बस्तर के काजू से लेकर दंतेवाड़ा के अमचूर तक का जिक्र समिति के सामने किया. सरगुजा में स्व सहायता समूह के जरिये संचालित मिनी राईस मिल और बस्तर में कपड़ों का व्यापार कर रहें डैनेक्स प्रोजेक्ट, कोण्डागांव में संचालित तिखुर प्लांट और कोरबा में महिलाओं के समूह के बेचे जा रहे आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में समिति को जानकारी दी.
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मजदूर न्याय योजना की तैयारी
किसानों के बाद अब भूमिहीन मजदूरों के लिए भी न्याय योजना लागू करने का फैसला लिया है. करीब 14 से 15 लाख भूमिहीनों को लाभ मिलेगा. करीब 13 लाख संग्राहकों को तेन्दूपत्ता और अन्य लघु वनोपजों के संग्रहण से लाभ मिल रहा है. प्रदेश के करीब 66 लाख में से 52 लाख परिवारों को सरकार की किसी न किसी योजना से सीधे नकद का लाभ मिल रहा है.
वनाधिकार कानून लागू करने पर जोर
अनुसूचित जनजातियों और अन्य परंपरागत वन निवासियों को मार्च 2021 की स्थिति में 4 लाख 38 हजार 591 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र वितरित किये गये है. 44 हजार 353 सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित किए गए हैं. राज्य के स्वयंसेवी संगठनों सामाजिक संगठनों से आदिवासियों को वनाधिकार पट्टे दिलाने में सरकार की मदद करने की अपील की है.
स्वास्थ्य योजनाओं की दी जानकारी
- डॉक्टर खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना का सभी को लाभ मिल रहा है.
- योजना के तहत बीपीएल परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये
- एपीएल परिवारों को 50 हजार रुपये तक की निःशुल्क इलाज की सुविधा है.
- मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत जटिल और गंभीर रोगों के इलाज के लिए 20 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता का प्रावधान है.
- छत्तीसगढ़ ने महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, पंजाब, राजस्थान, कर्नाटक और गुजरात जैसे राज्यों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की.
- 70 हजार मितानिनों ने करीब 5 लाख कोरोना किट्स का वितरण किया.
ग्रामीण क्षेत्र में फोकस
सीएम ने बताया कि 2018 में जहां ग्रामीण क्षेत्रों में 1200 डॉक्टर थे वहां आज 3100 डॉक्टर हैं. सरकार के प्रयासों की बदौलत बस्तर में मलेरिया में 45 प्रतिशत और सरगुजा में 60 प्रतिशत की कमी आई है. कुपोषण के खिलाफ भी प्रदेश सरकार के प्रयासों से पॉजिटिव रिजल्ट सामने आए है. ग्रामीण इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैय्या कराने के लिए सरकार विशेषज्ञ चिकित्सकों की सीधे भर्ती कर रही है. सुदूर बीजापुर में डीएमएफ से 24 डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है, जगदलपुर में 21 डॉक्टर पदस्थ हैं. उन्होंने रणदीप सिंह सुरजेवाला के सुझावों पर सहमति जताते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा बेहतर करने के लिए सरकारी प्रयासों के साथ निजी क्षेत्रों का भी सहयोग लिया जाएगा.
केंद्र से रुकी हुई है राशि
छत्तीसगढ़ को केन्द्र सरकार से करीब 26 हजार करोड़ रुपये लेना है. राज्य सरकार को विभिन्न विकास और कल्याण कार्य आगे बढ़ाने में अड़चनें भी आ रही है. राज्य सरकार ने अपने संसाधनों के बेहतर उपयोग से विकास को बाधित नहीं होने दिया है. उन्होंने समिति को स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना के बारे में विस्तार से बताया.
जनघोषणा पत्र के 36 में से 24 वादे पूरे
छत्तीसगढ़ सरकार के कामकाज की सारी जानकारियों के बाद समिति के अध्यक्ष जयराम रमेश ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि पार्टी पूरी तरह से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ है. छत्तीसगढ़ सरकार जिस तरह से काम कर रही है वह देश में एक मिसाल है. सुरजेवाला ने भी भूपेश बघेल सरकार के जनहितैषी कामों की तारीफ करते हुए कहा कि देश के लिए एक मॉडल है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल की सरकार ने जन घोषणा पत्र के 36 वादों में से 24 को पूरा कर मिसाल कायम की है. मुख्यमंत्री बघेल देश के लिए रोल मॉडल बने हैं.